जगदीप धनखड़ को मिला नया आवास, लुटिंयस जोन के सरकारी बंगले में रहेंगे पूर्व उपराष्ट्रपति
पूर्व उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar अपने इस्तीफे के बाद से दिल्ली में एक निजी फॉर्महाउस पर रह रहे थे. अब उन्हें दिल्ली के लुटिंयस जोन में नया सरकारी बंगला अलॉट कर दिया गया है.

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को नया सरकारी आवास मिल गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जगदीप धनखड़ अब राजधानी दिल्ली के लुटियंस जोन में रहेंगे. इससे पहले उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद वह दिल्ली के ही छतरपुर इलाके में स्थित एक निजी फॉर्महाउस में शिफ्ट हुए थे.
यह फॉर्महाउस आईएनएलडी प्रमुख अभय सिंह चौटाला का है. सोमवार शाम को खबर आई थी कि जगदीप धनखड़ ने शहरी कार्य मंत्रालय को पत्र लिखकर उन्हें उपयुक्त सरकारी आवास उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. अब हिन्दुस्तान टाइम्स ने एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि उन्हें 34, एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर टाइप-VII कैटेगिरी का बंगला आवंटित किया गया है.
उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहने वाले पहले VPयह आवास पहले वी.के. सिंह के पास था, जो कि वर्तमान में मिजोरम के राज्यपाल हैं. नियम के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री टाइप-VII बंगलों के हकदार होते हैं. उपराष्ट्रपति रहते हुए जगदीप धनखड़ संसद परिसर के पास स्थित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहते थे. इसका निर्माण पिछले ही साल हुआ था. इस निवास पर रहने वाले वह पहले उपराष्ट्रपति थे.
इसके पहले के उपराष्ट्रपति मौलाना आजाद रोड स्थित सरकारी बंगले में निवास करते थे. बता दें कि सरकारी आवासों के प्रबंधन और आवंटन की जिम्मेदारी आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अधीन होती है. इससे पहले जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा था. उन्होंने लिखा था,
इस्तीफे पर उठे थे सवाल'स्वास्थ्य की देखभाल को प्राथमिकता देने और डॉक्टरों की सलाह मानने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अनुसार तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति के पद से अपना इस्तीफ़ा देता हूं. मैं हमारे महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में मिले अनमोल अनुभव और ज्ञान के लिए बहुत आभारी हूं. इस महत्वपूर्ण समय में भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें शामिल होना मेरे लिए एक सौभाग्य और संतुष्टि की बात थी. हमारे देश के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए सच्चा सम्मान था.'
जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे की वजह से कई सवाल भी उठे थे और इसके पीछे कई अटकलें भी लगाई गई थीं. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उन्होंने सरकार के दबाव में इस्तीफा दिया था. इस्तीफा देने के बाद धनखड़ का मीडिया में भी कोई बयान नहीं आया और न ही इतने दिन तक वह कैमरे के सामने आए. इसे लेकर भी विपक्ष ने उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए थे.
वीडियो: दिल्ली के किस फार्म हाउस में शिफ्ट हुए हैं जगदीप धनखड़?