The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Former Union Minister RK Singh expelled from BJP for 6 years after bihar election

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह पर BJP का बड़ा एक्शन, 6 साल के लिए पार्टी से निकाले गए

BJP का कहना है कि R.K. Singh ने पार्टी के खिलाफ बयान दिए और ऐसा व्यवहार किया जो अनुशासन के खिलाफ था. इसी वजह से यह कार्रवाई की गई. BJP ने एक MLC सहित दो और नेताओं को भी पार्टी से निष्कासित किया है.

Advertisement
RK Singh expelled from BJP
पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और आरा से पूर्व सांसद आर.के. सिंह (फोटो: आजतक)
pic
शशि भूषण कुमार
font-size
Small
Medium
Large
15 नवंबर 2025 (Published: 03:18 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पूर्व केंद्रीय मंत्री राज कुमार सिंह (R.K. Singh) पर बीजेपी ने कड़ा एक्शन लिया है. पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. बीजेपी का कहना है कि आर.के. सिंह ने पार्टी के खिलाफ बयान दिए और ऐसा व्यवहार किया जो अनुशासन के खिलाफ था. इसी वजह से यह कार्रवाई की गई. पार्टी ने उनसे एक हफ्ते के भीतर जवाब भी मांगा है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी का बागी नेताओं के खिलाफ एक्शन शुरू हो गया है. इसी कड़ी में बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और आरा से पूर्व सांसद आर.के. सिंह के निष्कासन का फैसला लिया है. BJP ने उन पर अपने बयानों और आचरण से ‘पार्टी को नुकसान’ पहुंचाने का आरोप लगाया है. नोटिस में लिखा गया, 

आप पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, जिससे पार्टी को नुकसान हुआ है. इसलिए, आपको निलंबित किया जा रहा है और यह बताने के लिए कहा गया है कि आपको निष्कासित क्यों न किया जाए?

RK Singh expelled from BJP
(फोटो: आजतक)

नोटिस में उन्हें जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है. 

पार्टी ने क्यों लिया एक्शन?

नौकरशाह से नेता बने आर.के. सिंह ने अपने हालिया बयानों से बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी के लिए कथित तौर पर मुश्किलें खड़ी कर दी थीं. उन्होंने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिससे पार्टी की स्थिति असहज हो गई थी. चुनाव अभियान के दौरान भी उन्होंने प्रधानमंत्री और पार्टी की सभाओं से दूरी बनाए रखी, जिससे बीजेपी नेतृत्व की चिंताएं बढ़ गई थीं.

हाल ही में उन्होंने बिहार सरकार और अडानी ग्रुप के बीच हुए पावर प्लांट करार को ‘अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार’ करार दिया था. आरके सिंह ने आरोप लगाया कि 25 साल के एग्रीमेंट से अडानी ग्रुप को 50 हजार करोड़ रुपये का ‘अनुचित लाभ’ होगा. उन्होंने इसे ‘जनता से खुली लूट’ बताया और तत्काल CBI जांच की मांग की. सीनियर बीजेपी नेता ने दावा किया है कि ‘डील की शर्तें पूरी तरह एकतरफा’ हैं.

द लल्लनटॉप को दिए गए इंटरव्यू में, आर.के. सिंह ने प्रशांत किशोर के भ्रष्टाचार वाले आरोपों का खुलकर समर्थन किया था. उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंत्री मंगल पांडे और सांसद संजय जायसवाल की कड़ी आलोचना की. आर.के सिंह ने मांग की थी कि ये नेता पार्टी की छवि बचाने के लिए स्पष्टीकरण के साथ सामने आएं या अपने पदों से इस्तीफा दे दें.

लोकसभा चुनाव के बाद से थे खफा

2024 के लोकसभा चुनाव में हारने के बाद से आर.के. सिंह नाराज चल रहे थे. आरा से चुनाव हारने के बाद आर.के. सिंह का कहना था कि उन्हें बाहरी विपक्ष ने नहीं, बल्कि बीजेपी के ही कुछ नेताओं ने हरवाया. इसी वजह से उनकी नाराजगी और दूरी लगातार बढ़ती गई.

दूसरी तरफ, भोजपुरी स्टार पवन सिंह के पार्टी में आने के बाद उनके स्थानीय राजनीतिक प्रभाव में बड़ी कमी आई. सिंह के मुकाबले पवन सिंह पूरे बिहार में लोकप्रिय हैं. इससे पार्टी के अंदर शक्ति संतुलन बदल गया.

ये भी पढ़ें: आरके सिंह के बगावती तेवर: सम्राट, मंगल, जायसवाल पर साधा निशाना, कहा- नई पार्टी बना सकता हूं

पार्टी ने दो और नेताओं को निकाला

भाजपा ने MLC अशोक कुमार अग्रवाल और कटिहार की मेयर उषा अग्रवाल को भी इसी आधार पर निलंबित कर दिया है. अशोक अग्रवाल के बेटे सौरव अग्रवाल को विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा था. उनके सामने बीजेपी के उम्मीदवार तार किशोर प्रसाद थे. लेकिन अशोक अग्रवाल ने अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार किया. हालांकि, BJP के तार किशोर ने जीत दर्ज की.

वीडियो: चुनाव यात्रा: बिहार चुनाव से पहले मोदी के मंत्री रहे आरके सिंह बागी तेवर क्यों दिखा रहे? सम्राट चौधरी से क्या मांग कर दी?

Advertisement

Advertisement

()