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'CJI गवई पर कुछ नहीं कहूंगा...', सरकारी आवास खाली ना करने के विवाद पर जस्टिस चंद्रचूड़ क्या बोले?

Former CJI DY Chandrachud लल्लनटॉप के खास प्रोग्राम Guest In The Newsroom में मेहमान रहे. इस दौरान उन्होंने सरकारी आवास खाली करने में आई समस्याओं पर बात की. क्या बोले पूर्व CJI?

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Former CJI DY Chandrachud Government House
पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने सरकारी आवास वाले विवाद पर जवाब दिया है. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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हरीश
20 सितंबर 2025 (Updated: 20 सितंबर 2025, 09:30 PM IST)
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भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने ‘खुद के सरकारी आवास को खाली करने पर हुई देरी’ को लेकर बात की है. उनसे वर्तमान CJI बीआर गवई द्वारा जस्टिस सुधांशु धुलिया के रिटायरमेंट के दिन सरकारी आवास पर दिए गए बयान पर भी सवाल पूछा गया. हालांकि, उन्होंने इस पर जवाब देने से ये कहते हुए मना कर दिया कि वो इंस्टीट्यूशंस की इज्जत करते हैं. और वो कुछ भी ऐसा नहीं बोलेंगे, जिससे इंस्टीट्यूशन की इज्जत घटे.

बीते दिनों जस्टिस चंद्रचूड़ लल्लनटॉप के खास प्रोग्राम ‘गेस्ट इन द न्यूजरूम’ में आए. इस दौरान उनसे लल्लनटॉप के एडिटर सौरभ द्विवेदी ने पूछा, 

‘हम ये समझ नहीं पा रहे हैं कि ब्रदर जजेस के बीच इस तरह की तंजीय टिप्पणियां कब से पब्लिक होने लगीं. CJI बीआर गवई, जस्टिस धुलिया के फेयरवेल में बैठे हुए हैं और कह रहे हैं- ‘देखिए कुछ लोग हैं, जो अगले ही दिन खाली कर देते हैं.’ लोग कह रहे हैं कि देखिए ये अब भी जस्टिस चंद्रचूड़ पर निशाना साध रहे हैं. ये आपके घर का पूरा मामला है क्या? इस मामले में हम जान नहीं पा रहे हैं, आपका पक्ष क्या है?’

इन सवालों के पहले हिस्से (CJI बीआर गवई वाली बात) का जवाब देते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,

देखिए मैं किसी के बारे में मेरी टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. आपने कहा कि शायद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कुछ बोल गए, जस्टिस धुलिया के रिटायरमेंट के फेयरवेल फंक्शन में. वो उनकी राय होगी. ऐसा भी हो सकता है कि मैं उनसे सहमत ना रहूं. पर मैं जो हमारी संस्था है, उसके हर अंग का सम्मान करता हूं. सबका हक होता है कि जो वो सोचते हैं, उसके बारे बोलें.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वो पहले उसी पद पर थे, जिस पर अभी CJI गवई हैं. किसी भी संस्था में हम अपने कलीग्स(पूर्व जजों) का सम्मान करें, तभी संस्था टिक सकती है. उन्होंने आगे कहा,

आपने जो कहा (CJI गवई के कॉमेंट के बारे में), उसमें मैं और कुछ नहीं कहना चाहता हूं. क्योंकि वो ठीक नहीं होगा. मेरी संस्था के लिए ठीक नहीं होगा.

सवाल के दूसरे हिस्से(सरकारी आवास खाली करने में हुई देरी) का जवाब देते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें पता था कि उनका रिटायरमेंट 11 नवंबर, 2024 को होने वाली है, जब वो 65 साल के हो जाएंगे. वो आगे बोले,

मैंने पूरी कोशिश की घर ढूंढने की. अब मैं आपको एक मां-पिता की असलियत बताना चाहता हूं. क्योंकि लोग सोचते हैं कि आप चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहे हैं. आप इतने ऊंचे पद पर रहे हैं. लेकिन हमारी दो बेटियां हैं, जो स्पेशली एबल्ड हैं. उनकी जो कंडीशन है, उसे नेमलीन मायोपैथी कहते हैं. इसका आज दुनिया में कहीं पर भी इलाज नहीं है. हालांकि, उस पर आजकल काफी रिसर्च चल रहा है.

जस्टिस चंद्रचूड़ के मुताबिक, उनकी बड़ी बेटी प्रियंका ट्रैकियोस्टमी ट्यूब पर हैं और उसको बायपाक मशीन में कनेक्ट किया जाता है. इलाज के लिए उसे PGI चंडीगढ़ ले जाया गया. वहां प्रियंका 44 दिन ICU में थी. इस दौरान वो सुप्रीम कोर्ट में जज थे, तो वापस दिल्ली पहुंचना पड़ा. तब तक जस्टिस चंद्रचूड़ की पत्नी कल्पना वहां रहीं.

44 दिन के बाद उन्हें बताया गया कि उसको वापस एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया जा सकता है. लेकिन घर में ICU जैसी फैसिलिटी एस्टैब्लिश करनी पड़ेगी. ऐसे में 14 तुगलक रोड में मौजूद उनके मकान में ICU की सारी फैसिलिटीज तैयार की गई. अब उनकी तबीयत काफी ठीक हो गई है. जस्टिस चंद्रचूड़ आगे कहते हैं,

लेकिन हमारे देश और समाज में डिसेबल लोगों के लिए हमने साधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं कराए हैं… इस दौरान हम घर ढूंढ रहे थे, क्योंकि हमारे पास घर नहीं था. मैं सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दिन तक काम करता रहा. मेरी दोनों बेटियां व्हीलचेयर पर हैं, एक 16 साल की और दूसरी 14 साल की है. उनको हम उठाकर (हाथ से) तो कहीं नहीं ले जा सकते. क्योंकि उनकी भी डिग्निटी है. उनका भी इंडिपेंडेंस है.

जस्टिस चंद्रचूड़ बताते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी कल्पना के साथ मिलकर करीब 60-70 घर देखे. लेकिन घर मिला ही नहीं, जहां पर बच्चों को लेकर जा सकें. वो कहते हैं कि घर में उनके बुजुर्ग माता-पिता थे. उनकी भी तबीयत काफी खराब रहती थी. ऐसे में उन्होंने उस सरकारी आवास में दो और महीने रहने की मंजूरी मांगी.

जस्टिस चंद्रचूड़ का कहना है कि उन्हें जो दो महीने की देरी हुई, उसमें भी वो मुफ्त में नहीं रहे. भारत सरकार के नियम हैं, जो ओवरस्टे करने पर मार्केट रेंट देने की बात कहते हैं. चंद्रचूड़ उनका एक शेड्यूल होता है, जिस पर उन्होंने रेंट का भुगतान कर दिया.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ का बड़ा इंटरव्यू, उमर खालिद से लेकर अयोध्या तक पर खुलकर बोले

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