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महाकुंभ के दौरान गंगा में बढ़ा Faecal Coliform Bacteria शरीर में पहुंच गया तो क्या होगा?

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महाकुंभ मेले के दौरान गंगा में Faecal Coliform बैक्टीरिया का लेवल बढ़ा है.

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Faecal Coliform Bacteria Ganga Maha Kumbh
महाकुंभ में संगम के पास फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का लेवल बढ़ा मिला. (PTI)
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मौ. जिशान
18 फ़रवरी 2025 (Updated: 19 फ़रवरी 2025, 04:37 PM IST)
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियों में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया (Faecal Coliform Bacteria) का लेवल बढ़ने पर चिंता जताई है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने 3 फरवरी को एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें महाकुंभ मेले के दौरान इस बैक्टीरिया के स्तर में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं. इस रिपोर्ट का अब खुलासा हुआ है. खासतौर पर संगम के पास दोनों नदियों में कई जगह पर इस बैक्टीरिया का लेवल बढ़ा पाया गया. शाही स्नान के दिनों में यह बढ़ोतरी ज़्यादा देखने को मिली.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, CPCB ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रयागराज में गंगा फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया से दूषित है. पानी की क्वालिटी बिगड़ने से प्रयागराज की नदियों का पानी नहाने लायक नहीं है. फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, इंसान और जानवरों के मल में होता है, और सीवेज के जरिए पानी में मिल जाता है. इससे पानी की क्वॉलिटी खराब हो जाती है.

प्रयागराज में कुंभ मेला अभी जारी है. लाखों की तादात में हर रोज़ लोग प्रयागराज पहुंचकर डुबकी लगा रहे हैं. ऐसे में गंगा और यमुना के पानी में फेकल बैक्टीरिया बढ़ने से श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. इस बारे में हमने दिल्ली के वेलनैस क्लीनिक और स्लीप सेंटर के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास मित्तल से जानकारी ली.

उन्होंने बताया कि फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया क्लेबसिएला, ई. कोली, एंटरोबैक्टर कोली, एंटरोबैक्टर क्लोके, सेरेशिया और सिट्रोबैक्टर होते हैं. ये आमतौर पर आंतों में पाए जाते हैं और इसलिए इंसान के मल में होते हैं. डॉ. मित्तल के अनुसार, दूषित पानी में इन बैक्टीरिया की मौजूदगी हो सकती है. जब आप ऐसा पानी पीते हैं, या ऐसा पानी आपकी आंखों या मुंह पर लगता है, जिसमें यह बैक्टीरिया हो तो फेकल बैक्टीरिया आपके शरीर में पहुंच सकता है. अगर कोई व्यक्ति साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखता और उसकी खाने-पीने की चीजों में यह बैक्टीरिया पहुंच जाए, तो हेल्थ रिस्क बढ़ जाता है.

उन्होंने कहा कि अगर फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया शरीर में चला जाता है, तो इससे डायरिया और यूरिनरी इन्फेक्शन हो सकते हैं. इसके अलावा सेप्सिस जैसा सीरियस इन्फेक्शन भी हो सकता है. अगर शरीर के अंदर फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का प्रभाव बढ़ता है, तो इससे मौत भी हो सकती है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, CPCB ने रिपोर्ट दी है कि नदी फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया से बहुत ज़्यादा दूषित है. इसका मुख्य कारण सीवेज पानी का ट्रीटमेंट न होना है.

CPCB की रिपोर्ट बताती है कि महाकुंभ मेले के दौरान फेकल कोलीफॉर्म का स्तर प्रति 100 मिलीलीटर में 2,500 यूनिट की सेफ लिमिट से कहीं ज़्यादा है, जिससे नदी में जाने वालों के लिए यह नदी खतरनाक हो गई है. महाकुंभ मेले में 50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं. आसपास के इलाकों से सीवेज का पानी निकलने से हालात और भी बदतर हो गए हैं.

वीडियो: संगम के पानी पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट, प्रयागराज की नदियों का पानी नहाने लायक नहीं?

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