तेलंगाना में अल्पसंख्यक कार्ड खेलेगी कांग्रेस? अजहरुद्दीन को कैबिनेट में जगह मिलने पर बवाल
Political Storm In Telangana: जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर मंगलवार 11 नवंबर को उप चुनाव होना है. जुबली हिल्स सीट पर 3.98 लाख वोटरों में से लगभग 25% मुस्लिम हैं. इसी के मद्देनजर विपक्षी दल BJP और BRS ने कांग्रेस के इस कदम की कड़ी आलोचना की है.

पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में शामिल होने की ख़बर है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) ने अजहरुद्दीन के कैबिनेट में शामिल करने की मंजूरी दे दी है. कांग्रेस के इस कदम से राज्य में राजनीतिक तूफान तेज होता दिख रहा है. राज्य की जुबली हिल्स सीट पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर विपक्षी दल BJP और BRS ने कांग्रेस के इस कदम की कड़ी आलोचना की है.
क्या है गुणा-गणितTOI की रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अजहरुद्दीन आज 31 अक्टूबर को दोपहर 12:15 बजे मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. वह रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में अल्पसंख्यक समुदाय से इकलौते मंत्री होंगे. कैबिनेट में तीन पद खाली हैं और उनमें से एक अब भरा जा रहा है. वहीं, इस मामले पर विवाद होता दिख रहा है.
क्यों अहम है जुबली हिल्स सीटदरअसल तेलंगाना की जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर मंगलवार 11 नवंबर को उप चुनाव होना है. नतीजे बिहार चुनाव के साथ 14 नवंबर को आएंगे. जुबली हिल्स सीट पर 3.98 लाख वोटरों में से लगभग 25% मुस्लिम हैं.
यही वजह है कि BJP और BRS ने इस उपचुनाव से ठीक ऐन पहले अल्पसंख्यक से आने वाले अजहरुद्दीन को कैबिनेट में शामिल करने पर आपत्ति जताई है. दोनों पार्टियों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हाई-प्रोफाइल जुबली हिल्स उपचुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है.
BJP-BRS ने क्या कहागुरुवार 30 अक्टूबर को BJP ने राज्य चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने इस कदम को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया. एक BJP नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह एक खास समुदाय के वोटरों को लुभाने की कोशिश है. दूसरी तरफ, BRS ने भी ऐसे ही आरोप लगाए. कहा कि यह कदम जुबली हिल्स चुनाव को ध्यान में रखकर उठाया गया है. दिलचस्प बात यह है कि 2014 में तेलंगाना बनने के बाद से BRS का इस सीट पर एकक्षत्र राज है.
कांग्रेस ने फैसले का किया बचाववहीं इसे लेकर कांग्रेस का कहना है कि अजहरुद्दीन को कैबिनेट में शामिल करना क्रिकेटर और नेता, दोनों के तौर पर उनके योगदान को पहचान देता है. डिप्टी चीफ मिनिस्टर मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि BJP और BRS के बीच सांठगांठ है. इसीलिए वे उनकी तरक्की का विरोध कर रहे हैं.
तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख महेश गौड़ ने NDTV से कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यकों को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का वादा किया था. सिर्फ आंध्र प्रदेश में ही नहीं बल्कि दूसरी जगहों पर भी सरकारें हमेशा एक अल्पसंख्यक चेहरे को शामिल करती थीं. वे लंबे समय से चले आ रहे असंतुलन को ठीक कर रहे हैं.
जुबली हिल्स के प्रभारी मंत्री जी. विवेक ने कहा कि अजहरुद्दीन को शामिल करना बिल्कुल भी जुबली हिल्स उपचुनाव को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है. उनकी पार्टी इस दौड़ में बहुत आगे हैं और आराम से जीत हासिल करेंगे. वे बस वही कर रहे हैं जो हम लंबे समय से करना चाहते थे.
ये भी है पेचबता दें कि अजहरुद्दीन अभी विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं. वह 2023 के विधानसभा चुनावों में जुबली हिल्स सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार थे. लेकिन 16,000 वोटों से हार गए थे. इस सीट पर अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे से BRS को जीत मिली थी. फिलहाल वह मंत्री पद की शपथ भले ही ले लें, लेकिन पद पर बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के भीतर MLC बनाना जरूरी है.
यह भी बता दें कि तेलंगाना कैबिनेट ने पहले अजहरुद्दीन और तेलंगाना जन समिति (TJS) के प्रमुख एम कोडंडाराम को राज्यपाल के कोटे से दो MLC सीटों के लिए नॉमिनेट किया था. लेकिन राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने अभी तक उनके नॉमिनेशन पर मंजूरी नहीं दी है. यह देरी सुप्रीम कोर्ट में चल रहे कानूनी विवाद की वजह से है.
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