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इस वजह से वोटर्स को मिले एक जैसे EPIC नंबर, फर्जीवाड़े के आरोपों पर ECI का जवाब

ECI का कहना है कि अलग-अलग राज्यों में मैन्यूल तरीके से वोटर लिस्ट बनते थे. कुछ राज्यों ने EPIC नंबर देने के लिए एक जैसा पैटर्न अपनाया. चुनाव आयोग ने कहा है कि वो इस गड़बड़ी में सुधार करेगा.

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Duplicate EPIC Number
TMC ने BJP पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं. (सांकेतिक तस्वीर: PTI)
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कुमार कुणाल
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2 मार्च 2025 (Published: 01:06 PM IST)
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पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. उसके पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भाजपा पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी ने कहा है कि हरियाणा और पश्चिम बंगाल के कुछ वोटर्स के पास एक ही EPIC यानी ‘इलेक्शन फोटो आइडेंटिटी कार्ड' नंबर है. ये भी कहा कि इस गड़बड़ी (Duplicate EPIC Number) में चुनाव आयोग (ECI) भी शामिल है. अब इस पूरे मामले पर इलेक्शन कमीशन का जवाब आया है.

ECI ने स्वीकार किया है कि अलग-अलग राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के कुछ वोटर्स को एक जैसे EPIC नंबर मिले हैं. आयोग ने इसका कारण भी बताया है. साथ ही स्पष्ट किया है कि एक जैसा EPIC नंबर होने का ये मतलब नहीं है कि लिस्ट में कोई फर्जी वोटर है.

गड़बड़ी हुई कैसे?

चुनाव आयोग के मुताबिक, इससे पहले हर राज्य मैनुअल तरीके से EPIC बनाते थे. ये डेटा सेंट्रलाइज्ड नहीं था. यानी अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वोटर्स का डेटा आपस में जुड़ा हुआ नहीं था.

EPIC नंबर देने के लिए कुछ राज्यों ने एक ही जैसे पैटर्न का इस्तेमाल किया. इसके कारण कुछ वोटर्स को एक जैसे EPIC नंबर मिलने की संभावना बनी रही. लेकिन ये वोटर्स अलग-अलग राज्यों के हैं. 

ERONET चुनाव आयोग का एक सेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म है. यहां देश भर के सभी वोटर्स का डेटा शिफ्ट किया जाता है. ये गड़बड़ी इस प्लेटफॉर्म पर डेटा शिफ्ट करने से पहले हुई है. ECI ने कहा है कि वो इसमें सुधार करेगा. चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा है,

किसी भी आशंका को दूर करने के लिए, आयोग ने ऐसे वोटर्स को एक यूनिक EPIC नंबर देने का फैसला लिया है. डुप्लिकेट EPIC नंबर के किसी भी मामले को ठीक किया जाएगा. इसके लिए ERONET 2.0 प्लेटफॉर्म को अपडेट किया जाएगा.

ECI Clarifies on Duplicate EPIC Number
चुनाव आयोग का जवाब.

ये भी पढ़ें: "सिर्फ चुनाव के समय ही..." वोटर लिस्ट से नाम काटने के आरोपों पर चुनाव आयोग की सफाई

दूसरे राज्यों के वोटर पश्चिम बंगाल में वोट देंगे?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐसे मतदाताओं को ‘घोस्ट वोटर्स’ कहा था. TMC ने आरोप लगाया था कि BJP और चुनाव आयोग साथ मिलकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कर रहे हैं. दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में दूसरे राज्यों के वोटर्स से मतदान कराने की तैयारी चल रही है. चुनाव आयोग ने इस पर भी अपनी सफाई दी है,

ये स्पष्ट किया जाता है कि कुछ वोटर्स के EPIC नंबर एक जैसे हो सकते हैं. लेकिन दूसरी जानकारियां, जैसे- विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र आदि अलग-अलग होते हैं. एक जैसा EPIC नंबर होने के बावजूद, कोई भी वोटर अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही वोट दे सकता है. उनको अपने निर्धारित मतदान केंद्र पर ही वोट डालना होता है. वो कहीं और जाकर ऐसा नहीं कर सकते.

Mamata Banerjee ने ECI को चेतावनी दी थी

27 फरवरी को TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक सम्मेलन में कहा था कि भाजपा ने दिल्ली और महाराष्ट्र के चुनावों में भी इस तरह गड़बड़ी की थी. हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों का खंडन किया था. बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया था कि वो अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर वोटर्स की आईडी का सत्यापन करें. एक मार्च को TMC वर्कर्स ने दक्षिण कोलकाता के चेतला इलाके में और बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर में सत्यापन अभियान चलाया.

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि इस मामले में अगर जरूरी कार्रवाई नहीं की गई, तो TMC चुनाव आयोग के ऑफिस के आगे धरना देगी. इससे पहले पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन कार्यालय (CEO) का बयान आया था. उन्होंने कहा था कि वोटर लिस्ट में बदलाव करने का काम राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLO) के साथ मिलकर किया जाता है.

वीडियो: वोटर लिस्ट से लोगों के नाम कटने के आरोप पर क्या बोले CEC राजीव कुमार?

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