वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, आधार से लिंक फोन नंबर का इस्तेमाल करना होगा
Online Voter Deletion Process: अब ये सुनिश्चित करना होगा कि मतदाता कार्ड पर जो नाम है, वही नाम आधार कार्ड पर भी है. साथ ही ये भी सुनिश्चित करना होगा कि जिस फोन नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा है, आवेदक के आधार कार्ड से भी वही नंबर जुड़ा है.

वोटर लिस्ट (Voter List) से मतदाताओं के नाम डिलीट करने पर विवाद के बाद, अब चुनाव आयोग (ECI) ने इस प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. आयोग ने अब 'ई-साइन' फीचर शुरू किया है. इसके तहत वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, हटाने या सुधार के आवेदन के लिए, आवेदक को अपने आधार से जुड़े फोन नंबर का उपयोग करके अपनी पहचान सत्यापित करने की जरूरत पड़ेगी.
हाल ही में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक की आलंद सीट पर बड़े पैमाने पर वोटर्स के नाम डिलीट किए गए. इसके बाद इस विवाद ने तूल पकड़ लिया. अब ECI इससे बचने के लिए नई तकनीकी सुविधा लेकर आई है. आयोग ने अपने ECINet पोर्टल और ऐप पर 'ई-साइन' फीचर जोड़ा है.
वोटर लिस्ट से नाम डिलीट करने के लिए अब तक जो व्यवस्था थी उसके अनुसार, आवेदक को अपने मौजूदा मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) नंबर के साथ एक फोन नंबर जोड़ने की जरूरत पड़ती थी. इसके बाद वो निर्वाचन आयोग के पोर्टल या ऐप पर फॉर्म जमा कर सकते थे. इस प्रक्रिया में इस बात का सत्यापन शामिल नहीं था कि वो आवेदन वास्तव में उसी व्यक्ति का था या नहीं.
23 सितंबर को हुए बदलाव के बाद ECINet पोर्टल पर फॉर्म 6 (नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए), या फॉर्म 7 (मौजूदा रोल में नाम के शामिल करने के प्रस्ताव/हटाने पर आपत्ति के लिए), या फॉर्म 8 (सुधार के लिए) आवेदन देने वाले आवेदकों को 'ई-साइन' की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा.
आसान शब्दों में अब ये सुनिश्चित करना होगा कि मतदाता कार्ड पर जो नाम है, वही नाम आधार कार्ड पर भी है. साथ ही ये भी सुनिश्चित करना होगा कि जिस फोन नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा है, आवेदक के आधार कार्ड से भी वही नंबर जुड़ा है.
हालांकि, आयोग ने फॉर्म 7 में कोई बदलाव नहीं किया है. इसमें उस व्यक्ति की सभी जानकारी देनी पड़ती है, जिसका नाम हटाने या आपत्ति करने की मांग की जाती है. भारतीय नागरिक नहीं होने, 18 साल से कम उम्र, मृत्यु या स्थाई स्थानांतरण जैसे कारणों से वोटर को अयोग्य करार दिया जा सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आवेदक द्वारा फॉर्म भरने के बाद, उन्हें सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (CDAC) द्वारा होस्ट किए गए एक बाहरी ‘ई-साइन’ पोर्टल पर ले जाया जाता है. इसे केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय संचालित करता है. CDAC पोर्टल पर, आवेदक को अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा. इसके बाद एक ‘आधार ओटीपी’ जारी होगा. ओटीपी उस आधार से जुड़े फोन नंबर पर आएगा. इसके बाद आवेदक को फॉर्म जमा करने के लिए फिर से ECINet पोर्टल पर रिडायरेक्ट किया जाएगा.
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