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संसद में बैठकर ई-सिगरेट सुलगा रहे सांसद? ओम बिड़ला से सबके सामने हुई शिकायत, वीडियो आया

Anurag Thakur की शिकायत पर लोकसभा स्पीकर Om Birla नाराज हुए. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम या मिसाल नहीं है जो किसी सांसद को सदन में बैठकर Smoking करने की अनुमति देता है. उन्होंने बताया कि इस मामले में वो आगे क्या करने वाले हैं.

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bjp mp anurag thakur alleges tmc mp of smoking e cig in parliament
अनुराग ठाकुर ने ई-सिगरेट पीने का आरोप लगाया है (PHOTO-Sansad TV)
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मानस राज
11 दिसंबर 2025 (Updated: 11 दिसंबर 2025, 01:33 PM IST)
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संसद का शीतकालीन सत्र जारी है. शुरुआती दिनों में पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग हुई. अब इसके बाद एक नया विवाद सामने आया है. हमीरपुर से भाजपा के सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर सदन में बैठकर ई-सिगरेट पीने का आरोप लगाया है. अनुराग ठाकुर का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद सदन में कई दिनों से स्मोकिंग कर रहे हैं. 

शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर बोल रह थे. उन्होंने स्पीकर ओम बिड़ला से पूछा,

देशभर में ई-सिगरेट बैन है क्या सदन में आपने अलाउ कर दी…? टीएमसी के सांसद कई दिनों से बैठकर पी रहे हैं… क्या सदन में ई-सिगरेट पी जाएगी.. अभी जांच करवाएं.

अनुराग ठाकुर ने सांसद का नाम तो नहीं लिया, लेकिन लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला इस पर नाराज हुए. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम या मिसाल नहीं है, जो किसी सांसद को सदन में बैठकर स्मोकिंग करने की अनुमति देता है. उन्होंने कहा, 

हमें संसदीय परंपराओं और संसदीय नियमों का अनुपालन करना चाहिए. ऐसा कोई विषय मेरे पास आएगा कार्रवाई करेंगे.

क्या है ई-सिगरेट, जिसे सरकार ने बैन किया हुआ है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 सितंबर, 2019 को ऐलान किया था कि केंद्रीय कैबिनेट ने ई-सिगरेट पर बैन लगाने का फैसला किया है. इसका मतलब है कि ई-सिगरेट के निर्माण, इम्पोर्ट/एक्सपोर्ट, उसकी बिक्री और विज्ञापन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसलिए क्यूंकि डीसीए के द्वारा एक ख़ास तरह का निकोटीन ही स्मोकिंग के लिए स्वीकार्य है. डीसीए माने, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940. और ई-सिगरेट्स में यूज़ होने वाला निकोटिन इस स्वीकार्य वाली कैटेगरी से बाहर है. यानी ई-सिगरेट्स से जुड़े खतरे को देखते हुए इसे बैन किया गया है.

कैसे काम करता है?

इसमें एक सिस्टम होता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम (एंडस) कहते हैं. ये बैटरी संचालित उपकरण होते हैं, जो शरीर में निकोटिन पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करते हैं. इसमें सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला उपकरण ई-सिगरेट है. ई-सिगरेट माने इलेक्ट्रॉनिक-सिगरेट. इसकी प्रणाली बहुत आसान है. इसे बाहर से सिगरेट के आकार का ही बनाया जाता है. जैसे इसके अंत में एक लाल एलईडी बल्ब लगाया जाता है. कश लगाने पर जब ये जलता है तो लगता है कि सिगरेट का तंबाकू जल रहा है. लिक्विड निकोटिन की कार्टेज होती है, जिसके खत्म हो जाने पर आप नई कार्टेज खरीद सकते हैं. 

(यह भी पढ़ें: क्या है ई-सिगरेट, जिस पर सरकार ने बैन लगाया है)

कुछ यूज-एंड-थ्रो ई-सिगरेट्स में कार्टेज बदलने का कोई विकल्प नहीं होता. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का आविष्कार चीनी फार्मासिस्ट हॉन लिक ने किया था. उन्होंने 2003 में डिवाइस को पेटेंट करवा लिया था और 2004 में इसे बाजार में पेश किया था. इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में निकोटीन लिक्विड जलता नहीं इसलिए इससे धुआं नहीं बनता. वो गर्म होकर भाप बनता है. इसलिए इसे पीने वाला भाप खींचता है न कि धुआं.

वीडियो: ई सिगरेट पीने का नुकसान क्या है? क्या होती है ई-सिगरेट

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