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ट्रंप ने लगाए टैरिफ तो कनाडा-मेक्सिको ने भी दिया जवाब, पूरी दुनिया टेंशन में, भारत पर भी पड़ेगा असर

US-Canada Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने ये भी संकेत दिया कि अगर कनाडा और मेक्सिको ‘जवाबी कार्रवाई’ करते हैं, तो अमेरिका अपने टैरिफ़ को और भी बढ़ा सकता है. लेकिन अब Mexico और Canada, दोनों ने जवाबी कार्रवाई की बात कही है.

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Canada Trudeau announces tariffs on US, Canada Trudeau retaliation for Trump tariffs
कनाडा अमेरिका के 155 बिलियन कनाडाई डॉलर के सामान पर 25% टैरिफ़ लगा रहा है. (फ़ोटो - AP)
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हरीश
2 फ़रवरी 2025 (Updated: 2 फ़रवरी 2025, 12:53 PM IST) कॉमेंट्स
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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की तरफ़ से कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ़ बढ़ाने की घोषणा की गई है (Donald Trump Tariff Order). घोषणा के बाद इन देशों ने डॉनल्ड ट्रंप के इस फ़ैसले की आलोचना की है. साथ ही, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने जवाबी टैरिफ़ की भी घोषणा की है (Mexico, Canada on Trump tariffs). इन देशों की इस आपसी ‘लड़ाई’ को टैरिफ़ वॉर (Tariff War) कहा जा रहा है.

अमेरिका की घोषणा

डॉनल्ड ट्रंप ने 2 फ़रवरी को उस कार्यकारी आदेश पर साइन कर दिए, जिसमें कनाडा और मेक्सिको से होने वाले आयात पर 25% टैरिफ़ और चीनी वस्तुओं पर 10% शुल्क बढ़ाने की बात थी. कनाडा से होने वाले ऊर्जा उत्पादों के आयात पर 10 प्रतिशत टैक्स बढ़ाने की बात है. 

ये भी संकेत दिया गया कि अगर कनाडा और मेक्सिको ‘जवाबी कार्रवाई’ करते हैं, तो अमेरिका अपने टैरिफ़ और भी बढ़ा सकता है. इससे एक बड़ा आर्थिक संघर्ष भड़कने की बात कही जा रही है. बताया गया कि 4 फ़रवरी से ट्रंप के साइन किए हुए ये आदेश प्रभावी हो जाएंगे.

आदेश में कहा गया है कि ये टैरिफ़ तब तक लागू रहेंगे, जब तक कि अमेरिका में फेंटानिल दवा और अवैध इमिग्रेशन पर राष्ट्रीय आपातकाल ख़त्म नहीं हो जाता. टैरिफ़ का कारण ‘अमेरिकी श्रमिकों की सुरक्षा करना’ को भी बताया गया.

कनाडा की ‘जवाबी कार्रवाई’

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने डॉनल्ड ट्रंप के इस कदम को मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का उल्लंघन बताया है. साथ ही, अमेरिकी वस्तुओं पर 25% टैरिफ़ लागू कर दिया है. जस्टिन ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए कहा,

अमेरिकी टैरिफ़, कुछ साल पहले हुए मुक्त व्यापार समझौते का उल्लंघन करते हैं.टैरिफ़का अमेरिकी लोगों पर वास्तविक प्रभाव पड़ेगा. कनाडा भी 155 बिलियन कनाडाई डॉलर (107 बिलियन अमेरिकी डॉलर) यानी लगभग 93 हज़ार करोड़ रुपये के सामान पर 25% टैरिफ़ लगा रहा है.

ट्रूड़ो का कहना है कि 30 बिलियन कनाडाई डॉलर (लगभग 18 हज़ार करोड़ रुपये) वाले सामानों पर टैरिफ़ 4 फ़रवरी (जिस दिन अमेरिका के टैरिफ़ लागू होंगे) से लागू होंगे. बाक़ी 125 बिलियन कनाडाई डॉलर (लगभग 75 हज़ार करोड़ रुपये) वाले सामानों पर अगले 21 दिनों में.

ये भी पढ़ें - डॉनल्ड ट्रंप ने जस्टिन ट्रूडो को 'कनाडा का गवर्नर' क्यों बताया?

मैक्सिको क्या बोला?

मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने भी जवाबी उपायों की घोषणा की. उनका कहना है कि मैक्सिको अपने हितों की रक्षा के लिए जवाबी टैरिफ़ लगाएगा और अन्य उपाय करेगा. उन्होंने ट्रम्प के इस आरोप को भी खारिज़ किया कि मैक्सिकन सरकार के आपराधिक संगठनों से संबंध हैं.

साथ ही, फेंटानिल दवा पर शिबनाम ने कहा कि अमेरिका की सरकार और उसकी एजेंसियां ​​अपने देश में फेंटेनाइल की खपत के बारे में बात करना चाहते हैं, तो वो पहले अपने प्रमुख शहरों की सड़कों पर नशीली दवाओं की बिक्री को रोक लें. जो वो नहीं करते.

भारत समेत पूरी दुनिया पर असर

टैरिफ़़ के इन फ़ैसलों से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने का अनुमान है. येल यूनिवर्सिटी के बजट लैब के विश्लेषण के मुताबिक़, इससे औसत अमेरिकी परिवार को टैक्स से होने वाली आय में 1,170 डॉलर के बराबर की हानि होगी. AP की एक रिपोर्ट बताती है कि इससे आर्थिक विकास धीमा हो जाएगा और मुद्रास्फीति बिगड़ जाएगी. कनाडा, मैक्सिको और चीन की जवाबी कार्रवाई से स्थिति के और भी बदतर होने की आशंका है.

‘Financial Express हिंदी’ के संपादक विप्लव राही अपने एक लेख में इसे लेकर लिखते हैं,

ट्रंप दूसरे देशों पर टैरिफ़ लगाकर अमेरिका को सशक्त बनाने की बात करते हैं. लेकिन ये विश्व व्यापार संगठन (WTO) के एजेंडे के ठीक उलट है. WTO की स्थापना का मकसद ही दुनिया के देशों को टैरिफ़ घटाने के मुद्दे पर सहमत किया जाना था. अर्थशास्त्र से जुड़े दुनिया के कई जानकार मानते हैं कि टैरिफ़ को कमाई का जरिया बनाना, किसी भी देश के लिए सही नीति नहीं होनी चाहिए.

जानकार बताते हैं कि ट्रंप के टैरिफ़ बढ़ाने से भारतीय निर्यातकों को बहुत नुकसान होगा. इसका सीधा मतलब है कि कई सारी चीज़ों के दाम बढ़ जाएंगे. आईटी सर्विसेज और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों पर महंगाई का बुरा असर पड़ेगा. भारत को इससे सजग रहना होगा. इसके लिए हमें नए व्यापारिक साझेदार की तलाश करनी होगी और अपने मार्केट को और विविध करना पड़ेगा.

वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डॉनल्ड ट्रंप के बीच फोन पर क्या बात हुई पता चल गया है!

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