MP में बच्चों को 'जानलेवा' कफ सिरप देने के लिए डॉक्टर को कितना कमीशन मिलता था?
पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि आरोपी डॉक्टर ने कमीशन लेने की बात कुबूल की है.

कोल्ड्रिफ सिरप से हुई 20 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद लगातार कई खुलासे सामने आ रहे हैं. मामले में पूछताछ के दौरान गिरफ्तार एक डॉक्टर ने कबूल किया है कि उसे दवा लिखने के लिए कंपनी से 10% कमीशन मिल रहा था.
मध्य प्रदेश पुलिस ने जिला अदालत को बताया कि गिरफ्तार डॉक्टर प्रवीण सोनी ने पूछताछ के दौरान इस बात को माना है. इंडिया टुडे से जुड़ी सोनाली वर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कोर्ट में मामले से जुड़ी दलीलें दीं. जिसके अनुसार डॉक्टर सोनी और कई अन्य मेडिकल प्रैक्टिशनर ने दवा से होने वाले इन्फेक्शन की जानकारी के बाद भी सिरप लिखना जारी रखी. मामले की जांच में लगे अधिकारियों ने कहा कि इस लापरवाही की वजह से ही बच्चों की मौत हुई.
कोई चेतावनी भी नहीं दीपुलिस ने अदालत को बताया कि मरीज़ों में दवा से होने वाले इन्फेक्शन की रिपोर्ट के बावजूद, डॉक्टर ने न तो कोई चेतावनी दी और न ही स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी सूचना दी. इसके बजाय, उसने कथित तौर पर कमीशन के बदले कंपनी के साथ संबंध बनाए रखे. पुलिस ने इसे चिकित्सा नैतिकता और कर्तव्य का आपराधिक उल्लंघन बताया. साथ ही ये भी कहा कि डॉक्टर ने अपने 10 परसेंट के प्रॉफिट को मरीजों की सेफ्टी से ऊपर रखा.
कंपनी बंद, मालिक गिरफ्तारबता दें कि मध्यप्रदेश में खांसी की सिरप से 20 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है. मामला सामने आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मा कंपनी को बंद करने का आदेश दिया है. इस सिरप में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मिला था. कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस पूरी तरह रद्द कर दिया गया है.
कंपनी के मालिक जी रंगनाथन को शनिवार, 11 अक्टूबर को मध्य प्रदेश से एक SIT टीम ने गिरफ्तार किया था. सोमवार, 13 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक मामले के सिलसिले में श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के परिसरों और कुछ अधिकारियों के घरों पर छापे भी मारे. इस मामले में जांच एजेंसियों की पड़ताल अभी भी जारी है.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: कफ सिरप से 19 बच्चों की मौत कैसे, दवा कंपनियों को कौन बचा रहा?