कफ सिरप कांड के आरोपियों के साथ वायरल तस्वीरों पर धनंजय सिंह क्या बोले?
कोडीन वाले सिरप की तस्करी के आरोपियों के साथ तस्वीर वायरल होने पर धनंजय सिंह ने सफाई दी है. उन्होंने स्वीकार किया है कि मामले के आरोपी आलोक सिंह को वह पहले से जानते थे.

उत्तर प्रदेश में ‘कोडीनयुक्त सिरप’ की तस्करी मामले में फंसे आरोपियों के साथ अपनी वायरल तस्वीर को लेकर पूर्व बसपा सांसद धनंजय सिंह ने सफाई दी है. ‘दी लल्लनटॉप’ से खास बातचीत में धनंजय सिंह ने माना है कि मामले के आरोपी बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह से उनके संबंध हैं. वह उन्हें पहले से जानते हैं. उन्होंने ये भी बताया कि शुभम जायसवाल से आलोक ने ही उनकी मुलाकात कराई थी. एक अन्य आरोपी अमित सिंह टाटा से भी बात-मुलाकात को धनंजय सिंह ने स्वीकार किया और कहा कि वकील होने के नाते वो उनसे मिलते रहते थे. पूर्व सांसद ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी के साथ मेलजोल या रिश्ते होने का मतलब ये नहीं है कि उसके आपराधिक कामों में भी शामिल हैं.
ये पूरा विवाद तब शुरू हुआ, जब कफ सिरप तस्करी मामले में आरोपी आलोक प्रताप सिंह, शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा के साथ धनंजय सिंह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं. इसके बाद से धनंजय सिंह पर भी मामले में संलिप्त होने के आरोप लगे थे. दी लल्लनटॉप के इंटरव्यू में एडिटर सौरभ द्विवेदी ने इन तस्वीरों का जिक्र करते हुए जब उनसे पूछा कि क्या वो शुभम जायसवाल को जानते हैं, तो धनंजय सिंह ने कहा कि वो उन्हें नहीं जानते. सिंह ने कहा,
मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यहां बात आलोक सिंह की हो रही थी. आलोक सिंह को मैं बचपन से जानता हूं. वह एसटीएफ का सिपाही था. उसका बड़ा भाई सब-इंस्पेक्टर है, जो हमारा दोस्त है. मूल बात ये है कि जहां हमारी मौसी का घर था, वहीं इन लोगों का भी घर था. इस वजह से मैं उसे बहुत बचपन से जानता हूं. मैंने ही उसका लखनऊ विश्वविद्यालय में एडमिशन कराया था. बाद में वह सिपाही बन गया.

धनंजय सिंह जिस आलोक की बात कर रहे थे वो यूपी पुलिस का बर्खास्त सिपाही है और फिलहाल कफ सिरप तस्करी मामले में ही जेल में है. उसके लखनऊ स्थित घर पर हाल ही में ईडी ने छापेमारी भी की है.
धनंजय सिंह ने आगे कहा कि वह शुभम से आलोक सिंह के माध्यम से मिले थे और उससे एक-दो बार ही मुलाकात हुई है. शुभम जायसवाल भी उसी मामले में आरोपी है, जिसमें आलोक है. उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश में 2 एफआईआर दर्ज हैं. एक 15 नवंबर को और दूसरी 19 नवंबर को. फिलहाल वो फरार बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि वह दुबई में है. वहीं से ये दावा कर रहा है कि सिरप मामले में कोई गड़बड़ नहीं है. इस मामले में एक और आरोपी है- अमित सिंह उर्फ टाटा, जिसका नाम एसटीएफ ने लिया है. इसके भी संबंध धनंजय सिंह से बताए जा रहे हैं. टाटा के साथ तस्वीरों पर धनंजय सिंह ने कहा,
अमित टाटा जौनपुर के रहने वाले हैं. वो भी आलोक सिंह के माध्यम से ही हमसे मिले थे. इसके अलावा बनारस में हमारे एडवोकेट दोस्त हैं- शशिकांत राय. अमित टाटा उनके जूनियर हैं. इसी वजह से कोर्ट-कचहरी के सिलसिले में उनसे हमारी नियमित मुलाकात होती रहती है.

सिंह ने इस बात से इनकार किया कि टाटा उनके दोस्त हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ वकील की हैसियत से उनकी टाटा से मुलाकात होती रही.
ये पूछे जाने पर कि इन लोगों के साथ उनकी तस्वीरें क्यों हैं? धनंजय सिंह ने कहा,
मैं इन लोगों के साथ रिश्ते से इनकार नहीं कर रहा लेकिन किसी से अंतरंग रिश्ते का मतलब ये नहीं है कि आप किसी के साथ किसी कामों में शामिल हैं. ये क्लियर होना चाहिए. इस रिश्ते को मैं न तो डिनाई कर रहा हूं और न ही कभी करूंगा.
आरोपियों के धनंजय सिंह को गार्जियन बताने पर उन्होंने कहा कि वे अपने सोशल मीडिया पर क्या लिखते हैं, यह उनकी बात है. मैं आलोक के साथ रिश्ते से इनकार नहीं कर रहा.
उन्होंने इस पूरे मामले में अखिलेश यादव का नाम लेकर अपने खिलाफ नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाया.
पूरा इंटरव्यू यहां देखें.
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