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चारों तरफ कोहरा ही कोहरा! लेकिन इतना भयंकर कोहरा पड़ता कैसे है, क्या है साइंस?

Why does Fog form in winters: भारतीय मौसम विभाग (IMD) का अनुमान बताता है कि दिल्ली में 8 जनवरी तक घना कोहरा छाए रहने की संभावना है. ऐसे में कोहरे का कुल गणित समझ लीजिए और ओस, धुंध, कोहरा, बादल में अंतर भी जान लीजिए.

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Dense fog engulfs North India Delhi airport 50 flights delayed Dew Mist Why Fog form in winters
कमबख़्त कोहरा पड़ता क्यों है? (फ़ोटो - PTI)
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सोम शेखर
4 जनवरी 2025 (Updated: 4 जनवरी 2025, 11:44 AM IST)
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कोहरा. इसके चलते 4 जनवरी, 2025 की तारीख़ में भारत के आम जीवन में पड़े प्रभावों को पहले जान लीजिए. उत्तर भारत में घना कोहरा, ख़ासकर दिल्ली NCR में इतना (Delhi NCR Fog) कि 5 फ़ीट की दूरी की कोई चीज़ भी दिखाई ना दे. कई ट्रेनें तो रद्द ही कर दी गईं. 50 से ज़्यादा फ़्लाइट्स की उड़ानों में देरी. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने यात्रियों के लिए एडवाइज़री जारी की है. इसमें कहा गया, ‘यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपडेट के लिए एयरलाइनों से संपर्क करें.’

घने कोहरे के ताज़ा अपडेट

इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट समेत कई एयरलाइनों ने भी यात्रियों के लिए सलाह जारी की है. इनमें बताया गया कि कोहरे के कारण दृश्यता में काफ़ी कमी आई, जिससे उड़ानों का शेड्यूल प्रभावित हो रहा है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) का अनुमान बताता है कि दिल्ली में 8 जनवरी तक घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है. जबकि 6 जनवरी को हल्की बारिश हो सकती है. 4 जनवरी सुबह दिल्ली का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहा.

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3 जनवरी को आगरा की एक सड़क का हाल. (फ़ोटो - PTI)

इससे पहले, 3 जनवरी को दिल्ली एयरपोर्ट पर 400 से ज़्यादा उड़ानें रद्द रहीं. पालम और सफदरजंग स्टेशनों पर सुबह 9 बजे तक दृश्यता शून्य रही और दोपहर तक धीरे-धीरे सुधार हुआ. 

मतलब, चारों तरफ कोहरा और कोहरे की चर्चा है. ऐसे में हम जानेंगे कि कोहरा पड़ता क्यों है?

कमबख़्त कोहरा! भोरे भोर उठकर दफ़्तर जा रहे हैं. वैसे ही उठने में देर हो गई है और रास्ते में ऐसा घना कोहरा कि हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा. ख़याल कौंधा कि कोहरा पड़ता क्यों है? और ठंड में ही क्यों पड़ता है? क्या कोहरा बादल ही है, जो जाड़ों में सैर करने ज़मीन पर आता है? दफ़्तर पहुंचे तो मालूम हुआ कि कोहरे की वजह से ऐक्सीडेंट की ख़बर आई है. 

ऐसी ख़बरें लगभग हर जाड़ों में आती हैं कि हाईवे पर कोहरे के कारण एक के पीछे एक करके कई गाड़ियां टकराईं.

कोहरा क्या है?

‘ज्ञानी’ लोग कहेंगे कि जीवन ही कोहरा है. ये तो कवित्त जैसा हो गया. पर विज्ञान का सच क्या है? हमारे चारों ओर हवा है. हवा अलग-अलग गैसों का मिक्सचर है. हवा में वॉटर वेपर या पानी के छोटे-छोटे कण होते हैं. जिसे हम आम ज़ुबान में नमी कहते हैं. धरती की सतह के पास की हवा गर्म होती है, ऊपर की ठंडी. सर्दियों में सतह की गर्म हवा में मौजूद नमी ऊपर की ठंडी हवा की परतों से मिल कर जम जाती है. इस प्रोसेस को संघनन कहते है. इंग्लिश में: कंडंसेशन (Condensation).

जब कंडंसेशन बहुत ज़्यादा होने लगता है, तो हवा भारी होकर पानी की छोटी-छोटी बूंदों में बदलने लगती है. आसपास की ठंडी हवा की सोहबत मिलती है, तो ये कुछ-कुछ बादल जैसी बन जाती है. और, इसी को कहते हैं कोहरा. फ़ॉग (Fog). यही कंडंसेशन आपको अपने चश्मे या ठंडे पानी की ग्लास के ऊपर भी दिखता है. जब वॉटर वेपर अपने से गर्म सतह से टकराता है, तो वो कुछ एनर्जी सतह में डाल देता है. असल में जब गैस के पास गैस रह जाने के लिए अनुकूल तापमान नहीं रहता, तो उससे बनना पड़ता है लिक्विड.

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ठंड के मौसम में ही क्यों पड़ता है कोहरा?

क्योंकि ठंड में वातावरण का तापमान कम होता है. पानी का जमना आसान होता है. भूगोल में बहुत गहरे नहीं धंसेंगे, लेकिन बेसिक जान लीजिए. कंडंसेशन भी अलग-अलग तरह का होता है. जैसे: ओस, धुंध, कोहरा, बादल. इन सब में फ़र्क़ केवल तापमान और सतह का है. जैसे सुबह-सुबह, पेड़ के पत्तों पर जो दिखती है, वो है ओस. फोटो में बहुत अच्छी दिखती है.

कोहरा या धुंध दिखते ही नहीं है, तो फ़ोटो भी अच्छी नहीं आती. इसका भी कारण है. जैसे ओस चिपकती है पत्तों पर, वैसे ही कोहरा चिपकता है डस्ट पार्टिकल्स पर. और, जब डस्ट पार्टिकल्स कहा जाए, तो धूल या मिट्टी न समझें. धूल के बहुत छोटे कण, जो बिस्तर झाड़ने पर धूप की रोशनी में दिखते हैं, वो हुए डस्ट पार्टिकल्स. कई दूसरे कटु सत्यों की तरह कोहरा भी जीवन का एक कटु सत्य है. जब तक जाड़े रहेंगे कोहरे से निजात मुश्किल से ही मिलेगा.

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बाईं तरफ़ ओस है और दाईं तरफ़ धुंध (फ़ोटो - ShutterStok/Pexels)

और, जब कोहरा हद से गुज़र जाता है, तब वो धुंध बन जाता है. धुंध (mist) में कोहरे (fog) के मुक़ाबले ज़्यादा वॉटर वेपर होते हैं. ज़्यादा सघन होता है. दिल्ली में रहते हुए फ़ॉग के एक और रिश्तेदार से भेंट होती है — स्मॉग. इसका तो सीधा संधि विच्छेद है. स्मॉग = स्मोक + फ़ॉग. अर्थात, कोहरे और धुएं के मिश्रण से बनता है स्मॉग.

हिंदी में इसके लिए कोई शब्द नहीं मिला. कमाल है! स्मॉग तो हिंदी में भी पड़ता है. चलिए आज इसका एक शब्द प्रस्तावित करते हैं. धुआं + कोहरा = धुअरा. अब इसको प्रचलित करने का ज़िम्मा आपका. एक और फ़ैक्ट बताए देते हैं. जाड़ों में जो आप भाप छोड़ते हैं, वो क्या है? वो है कोहरा ही. क्योंकि बाहर का तापमान शरीर के तापमान से कम होता है. सांस कंडेंस होकर बन जाती है कोहरा.

वीडियो: ये कोहरा होता क्या है? कैसे बनता है? ठंड में ही क्यों दिखता है? पूरा विज्ञान समझ लीजिए

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