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चैतन्यानंद के यौन उत्पीड़न केस में क्या है एयरफोर्स के अफसर का एंगल, FIR में दर्ज चौंकाने वाले आरोप

Chaitanyananda Saraswati Case Update: मामले में पार्टी बने SRISIIM और पीठम ने पूरे प्रकरण को लेकर बयान जारी किया है. छात्राओं के यौन उत्पीड़न के अलावा भी चैतन्यानंद के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी. इसमें उन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. वहीं, यौन उत्पीड़न वाली FIR से कई अहम तथ्य सामने आए हैं.

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Delhi Swami Chaitanyananda Sexual Harassment Case Update
फिलहाल फरार है स्वामी चैतन्यानंद. (फोटो- आजतक)
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रिदम कुमार
25 सितंबर 2025 (Published: 02:29 PM IST)
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स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (Swami Chaitanyananda Saraswati) द्वारा 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न केस में कई अपडेट्स सामने आ रहे हैं. पता चला है कि जिस पीठ ने चैतन्यानंद के खिलाफ FIR दर्ज कराई से उसे सबसे पहले 1 अगस्त को इस बारे में शिकायत मिली थी. शिकायत एयरफोर्स हेडक्वार्टर में तैनात एक ग्रुप कैप्टन ने की थी. इसके बाद मामले में संज्ञान लेते हुए पीठ ने चैतन्यानंद के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की. दूसरी तरफ इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी स्वतः संज्ञान लिया है. आयोग ने पुलिस कमिश्नर से तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

क्या है SRISIIM और पीठम

साफ करते चलें कि श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च (SRISIIM) जगदगुरु शंकराचार्य महासमस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम श्रीनगरि की एक एजुकेशनल यूनिट है. चैतन्यानंद SRISIIM की मैनेजमेंट कमेटी का सदस्य था. FIR भले ही 24 सितंबर को दर्ज की गई हो. लेकिन पूरा मामला अगस्त की शुरुआत का है. इन दोनों संस्थानों ने तब भी मामले में बयान जारी किया था. लेकिन अब FIR होने के बाद दोनों संस्थानों ने संयुक्त रूप बुधवार 24 सितंबर को विस्तार से बयान जारी किया.

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दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित है SRISIIM. (फोटो- PTI)
दोनों ने जारी किया बयान

पीठम और SRISIIM के बयान के मुताबिक, संस्था को चैतन्यानंद द्वारा छात्राओं के उत्पीड़न की पहली बार 1 अगस्त को शिकायत मिली थी. शिकायत एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी की ओर से ईमेल के जरिए भेजी गई थी. दावा है कि यह अधिकारी एयरफोर्स हेडक्वार्टर में डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन के डायरेक्टर के तौर पर तैनात है.

संस्था को कैसे मिली छात्रों के उत्पीड़न की जानकारी

बयान के मुताबिक, अधिकारी ने संस्था को एक ईमेल में भेजा. इसमें SRISIIM छात्रों की शिकायत का जिक्र था. आरोप चैतन्यानंद पर लगाए गए थे. शिकायत में छात्रों ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर मनमाने फैसले, बदला लेने, धमकाने और लड़कियों को देर रात वॉट्सऐप मैसेज भेजने के गंभीर आरोप लगाए.इस मेल के तुरंत बाद नई गवर्निंग काउंसिल ने तुरंत एक वर्चुअल मीटिंग की और छात्रों से आरोपों को लेकर तमाम जानकारियां जुटाईं.

संस्था ने क्या एक्शन लिया

अगले दिन 2 अगस्त को पीठम ने एक पत्र भेजकर छात्रों को भरोसा दिलाया कि जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. इस पत्र में यह भी बताया गया कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. यह भी साफ किया कि चैतन्यानंद पीठम के संन्यासी नहीं हैं.

इसके बाद 4 अगस्त 2025 को पुलिस में एक और शिकायत की गई. आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ 300 से अधिक पन्नों के सबूत पुलिस को सौंपे. इन कागजों में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती और उनके साथियों द्वारा किए गए कृत्यों की जानकारी दी गई. पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और पीड़ित छात्राओं के बयान दर्ज किए.

चैतन्यानंद पहले भी हुई थी FIR

छात्राओं के यौन उत्पीड़न से इतर, संस्था को चैतन्यानंद की दूसरी जालसाजियों का भी पता चला है. पीठम ने SRISIIM का विस्तार से ऑडिट कराया था. इसमें उन्हें पता चला कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती और उनके साथियों ने धोखाधड़ी, जालसाजी, विश्वासघात जैसे कई अपराध किए थे. संस्था ने इस मामले में भी 19 जुलाई 2025 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. इसके बाद 24 जुलाई को इस मामले में FIR दर्ज की गई. यह सबसे पहली FIR थी जो चैतन्यानंद के खिलाफ दर्ज की गई थी.

इतना ही नहीं पीठम ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी रद्द कर दी थी. इसके बाद एक नई 11 सदस्यीय गवर्निंग काउंसिल बनाई थी ताकि SRISIIM को सही तरीके से चलाया जा सके.

यौन उत्पीड़न की FIR से क्या पता चला 

आजतक से जुड़े अरविंद ओझा के इनपुट के मुताबिक, छात्राओं के यौन उत्पीड़न मामले में दर्ज FIR के हवाले से कई अहम तथ्यों का पता चला है. FIR के मुताबिक, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को देर रात स्वामी के क्वार्टर में बुलाया जाता था. लड़कियों के हॉस्टल में सुरक्षा के नाम पर गुप्त कैमरे लगाए गए थे. एक छात्रा को उसका नाम बदलने के लिए मजबूर किया गया था.

FIR
FIR की कॉपी. (फोटो- आजतक)

FIR में आरोप लगाया गया है कि छात्राओं को विदेश यात्राओं और देर रात स्वामी के प्राइवेट रूम में बुलाने के लिए मजबूर किया जाता था. सहयोगी डीन सहित कुछ स्टाफ सदस्य छात्राओं पर स्वामी के यौन आग्रह मानने के लिए दबाव डालते और शिकायतों को नजरअंदाज करते थे.

NCW
महिला आयोग ने लिया है संज्ञान. 

आरोप है कि मैसेजों या यौन आग्रहों का विरोध करने पर छात्राओं को डिग्री रोकने और दस्तावेज न देने की धमकियां दी जाती थीं. साथ ही इंस्टीट्यूट से सस्पेंड और निकालने की धमकियां भी दी जाती थीं. छात्राओं के माता-पिता को भी दखल से रोका जाता था.

वीडियो: स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप, शिकायत दर्ज

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