The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Delhi Red Fort Blast: 9mm Cartridges Found At Site, Used By Army And Police

दिल्ली ब्लास्ट वाली जगह से मिले 9mm के कारतूस किसके? सिर्फ आर्मी-पुलिस करती है इनका इस्तेमाल

Delhi Red Fort Blast Investigation: पुलिस को जो तीन कारतूस मिले हैं, उनमें से दो जिंदा कारतूस हैं, जबकि एक खाली खोल है. पुलिस ने मौके पर मौजूद अपने सभी कर्मचारियों के हथियारों के लिए जारी की गई गोलियों की जांच की.

Advertisement
Delhi Red Fort Blast: 9mm Cartridges Found At Site, Used By Army And Police
अधिकारियों ने बताया कि कोई पिस्टल या हथियार घटनास्थल से बरामद नहीं हुआ है. (फोटो- इंडिया टुडे)
pic
अरविंद ओझा
font-size
Small
Medium
Large
16 नवंबर 2025 (Updated: 16 नवंबर 2025, 11:37 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

दिल्ली में लाल किले पर हुए ब्लास्ट मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. दावा है कि दिल्ली पुलिस को ब्लास्ट वाली जगह से 9mm के तीन कारतूस मिले हैं. 9mm के कारतूस आमतौर पर सुरक्षाबलों और पुलिसकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं.

किसके हैं ये कारतूस?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को जो तीन कारतूस मिले हैं, उनमें से दो जिंदा (लाइव) कारतूस हैं, जबकि एक खाली खोल है. पुलिस ने मौके पर मौजूद अपने सभी कर्मचारियों के हथियारों के लिए जारी की गई गोलियों की भी जांच की. लेकिन किसी की भी गोलियां कम नहीं थीं. इसका मतलब है कि ये कारतूस पुलिस के किसी कर्मचारी के नहीं हैं.

नहीं मिला कोई हथियार

9mm की गोलियां आम नागरिकों के लिए बैन हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि धमाके वाली जगह से कोई हथियार या उसका कोई हिस्सा नहीं मिला, जिससे कई नए सवाल और शक पैदा हो गए हैं. कारतूस की बरामदगी ने जांचकर्ताओं की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये कारतूस वहां कैसे पहुंचे और धमाके की पूरी साजिश कैसे रची गई.

फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स अब यह पता लगा रहे हैं कि क्या ये कारतूस वहीं चलाए गए थे या किसी ने इन्हें वहां जानबूझकर रख दिया ताकि पुलिस जांच को गलत दिशा में मोड़ा जा सके. पुलिस इन दोनों संभावनाओं की गंभीरता से जांच कर रही है.

5000 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले

जांच में कुछ और भी अहम सबूत सामने आए हैं. पुलिस के हाथ लगी नई और पहले कभी न देखी गई सीसीटीवी फुटेज से उमर नबी की पूरी मूवमेंट साफ-साफ दिखाई दे रही है. फुटेज दिखाती है कि उमर फरीदाबाद की यूनिवर्सिटी से निकलकर पुरानी दिल्ली तक कैसे पहुंचा. यह सब धमाके से कुछ ही घंटे पहले हुआ था.

यह भी पढ़ेंः जली हुई टांग, स्पोर्ट्स शू... ऐसे पता चला उमर ही चला रहा था दिल्ली ब्लास्ट वाली i20 कार

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, उमर के इस पूरे रूट को समझने के लिए उन्होंने दिल्ली-NCR के अलग-अलग जिलों, हाइवे और चेकपॉइंट्स पर लगे 5,000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को जोड़कर एक पूरा रास्ता तैयार किया.

वहीं, अधिकारियों का मानना है कि धमाके के लिए हाई-ग्रेड विस्फोटक इस्तेमाल किया गया था. फॉरेंसिक टीम को मौके से एक ऐसा केमिकल मिला है जो अमोनियम नाइट्रेट से भी ज्यादा शक्तिशाली पाया गया. 

फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि धमाके की ताकत और नुकसान को देखकर लगता है कि कार में लगभग 30 से 40 किलो अमोनियम नाइट्रेट भरा हुआ था.

वीडियो: दिल्ली ब्लास्ट के बाद पुणे का ये इंजीनियर गिरफ्तार, ओसामा बिन लादेन से क्या कनेक्शन?

Advertisement

Advertisement

()