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डायबिटीज से भी ज्यादा जानलेवा है दिल्ली का प्रदूषण, साल भर में 17000 लोगों की मौत

एक रिपोर्ट से पता चलता है कि वायु प्रदूषण Delhi के लिए सबसे घातक खतरा बना हुआ है, जो हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या मोटापे से भी ज्यादा लोगों की जान ले रहा है. साल 2023 में 17,188 लोगों की मौत वायु प्रदूषण से हुई.

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Delhi pollution death toll ihme report
2023 में दिल्ली में 17,188 लोगों की मौत वायु प्रदूषण से हुई. (फोटो: इंडिया टुडे)
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अर्पित कटियार
1 नवंबर 2025 (Published: 04:19 PM IST)
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सर्दियों की दस्तक के साथ ही, दिल्ली में प्रदूषण ने भी दस्तक दे दी है. राजधानी दिल्ली की जहरीली हवा, हर साल हजारों लोगों की जान ले रही है. नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2023 में, दिल्ली में 17,188 लोगों की मौत वायु प्रदूषण से हुई. यह आंकड़ा कुल मौतों का लगभग 15 फीसदी था. यानी हर सात में से एक मौत का कारण प्रदूषण रहा.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि वायु प्रदूषण दिल्ली के लिए सबसे घातक खतरा बना हुआ है, जो हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या मोटापे से भी ज्यादा लोगों की जान ले रहा है. दिल्ली में साल 2023 में 17,188 मौतें पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) यानी हवा में मौजूद बारीक प्रदूषक कण के संपर्क में आने से हुई. यह संख्या 2018 के 15,786 से ज्यादा है, जो समस्या की बढ़ती गंभीरता की तरफ इशारा करती है.

Delhi pollution death toll
(फोटो: ITG)

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 14,874 मौतें (12.5%) हाई ब्लड प्रेशर से, डायबिटीज से 10,653 मौतें (9%), हाई कोलेस्ट्रॉल से 7,267 मौतें (6%) और हाई बॉडी-मास इंडेक्स से 6,698 (5.6%) लोगों की मौत हुई.

स्विस फर्म IQAir के मुताबिक, दिल्ली 2018 से 2024 तक लगातार सात सालों तक दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी की लिस्ट में टॉप पर रही है. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिसर्च के मुताबिक, 2023 में दिल्ली में हुई कुल मौतों में से लगभग 15% मौतें सिर्फ प्रदूषण के कारण हुईं. (CREA) से जुड़े एक्सपर्ट मनोज कुमार ने बताया, 

खराब हवा सिर्फ पर्यावरण का मुद्दा नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य का मामला है.

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर साल भर ऊंचा रहता है, लेकिन सर्दियों में यह और भी गंभीर हो जाता है. हर साल सर्दियों में, दिल्ली एक गैस चैंबर में तब्दील हो जाती है, जहां AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ के बीच रहता है.

ये भी पढ़ें: दुनिया में वायु प्रदूषण से होने वाली 70% मौतें सिर्फ भारत में! लैंसेट रिपोर्ट का चौंकाने वाला खुलासा

इसका सबसे बड़ा कारण है- निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल, गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और पराली जलाने से निकलने वाले धुआं. ये सब मिलकर हवा को जहरीला बना रहे हैं. दिल्ली की ठंडी और शुष्क हवा इन्हें सतह के पास ही रोक लेती है, जिससे ये सारे प्रदूषक ऊपर नहीं जा पाते और शहर के ऊपर घना धुआं (स्मॉग) छा जाता है.

वीडियो: '8 साल कम हो सकती है उम्र...' दिल्ली प्रदूषण पर ये रिपोर्ट डराने वाली है!

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