The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Delhi Police Sharjeel Imam Speeches Video Supreme Court Delhi Riots UAPA Case

'मुस्लिमों को एकजुट होकर भारत को...', पुलिस ने SC में शरजील इमाम के कौन से वीडियो दिखा दिए?

Supreme Court में मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच कर रही है. वहां जो वीडियो दिखाए गए, उनमें Sharjeel Imam के बयान थे.

Advertisement
Supreme Court Delhi Riots
सुप्रीम कोर्ट में शरजील इमाम समेत कई लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
pic
हरीश
20 नवंबर 2025 (Updated: 20 नवंबर 2025, 10:28 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सुप्रीम कोर्ट में 2020 के दिल्ली दंगों की 'साजिश' के मामले में सुनवाई जारी है. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने न्यायिक हिरासत में बंद शरजील इमाम की जमानत याचिका का विरोध किया है. ऐसा करते हुए पुलिस ने कोर्ट में शरजील इमाम के कथित भड़काऊ भाषणों के कुछ वीडियो क्लिप दिखाए हैं.

शरजील इमाम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई है. दिल्ली पुलिस ने कड़ा विरोध किया और तर्क दिया कि 2020 के दिल्ली दंगे स्वतःस्फूर्त नहीं थे. बल्कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के लागू होने के बाद, केंद्र में सत्ता परिवर्तन का एक जानबूझकर किया गया प्रयास था.

मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच कर रही है. लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में जो वीडियो दिखाए गए, उनमें शरजील इमाम ये बयान देते दिखे- ‘सभी भारतीय शहरों में चक्का जाम हो जाए. मुसलमानों को एकजुट होकर भारत को असम से जोड़ने वाले चिकन नेक इलाके को काटना होगा और पूर्वोत्तर को मुख्य भू-भाग से अलग करना होगा.’

वीडियो में शरजील इमाम कथित तौर पर ‘दिल्ली में जरूरी सामान की आपूर्ति बाधित करनी होगी, सरकार को पंगु बनाना होगा और अदालतों पर भरोसा नहीं किया जा सकता’ जैसी बातें करते भी नजर आए. जब बेंच ने पूछा कि क्या ये भाषण सबूत का हिस्सा हैं. तब दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने ‘हां’ में जवाब दिया.

याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व सीनियर वकील सिद्धार्थ दवे ने किया. उन्होंने कहा कि ये उनके (शरजील) खिलाफ पूर्वाग्रह पैदा करने के मकसद से किया जा रहा है. भाषणों के कुछ हिस्सों को बिना पूरे संदर्भ के चुनिंदा रूप से दिखाया गया है.

वहीं, ASG एसवी राजू ने कहा कि अदालत को सबूतों की सत्यता पर विचार करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका प्रयास ये दर्शाना था कि प्रथम दृष्टया मामले के लिए सबूत मौजूद हैं. ASG ने आरोपियों को ‘राष्ट्र-विरोधी और उपद्रवी’ भी कहा, जो बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं का ‘मुखौटा पहने हुए’ हैं.

ASG एसवी राजू के मुताबिक, मीडिया और सोशल मीडिया में ये कहानी गढ़ी जा रही है कि आरोपी बुद्धिजीवी हैं, जो CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की कीमत चुका रहे हैं. जबकि उनका असल मकसद विरोध प्रदर्शनों का इस्तेमाल कर सरकार को हिंसक तरीके से उखाड़ फेंकना था.

अधिकारी ने हाल ही में दिल्ली के लाल किले में हुए बम ब्लास्ट और ‘डॉक्टरों के आतंकी मॉड्यूल’ का भी जिक्र किया. कहा कि शिक्षित कट्टरपंथी ज्यादा खतरनाक हैं. उन्होंने कहा,

वो (शरजील इमाम) एक इंजीनियर है. अब चलन ये हो गया है कि डॉक्टर, इंजीनियर अपना पेशा नहीं कर रहे हैं. बल्कि देश-विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं. जब बुद्धिजीवी आतंकवादी बन जाते हैं, तो वो जमीन पर काम करने वालों से भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं.

बता दें कि सुनवाई कल यानी शुक्रवार, 21 नवंबर को भी जारी रहेगी. शरजील इमाम 2020 से हिरासत में हैं. दिल्ली पुलिस का दावा है कि उन्होंने राजद्रोह, सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने और राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले भाषण दिए. उन पर अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) की धारा 13 के तहत भी आरोप लगाए गए हैं. जिसके तहत अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है.

वीडियो: 2020 दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम ने तिहाड़ जेल और पुलिस पर क्या आरोप लगाए?

Advertisement

Advertisement

()