The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Delhi cm rekha gupta to control e-rickshaws as air quality worsens

प्रदूषण के समाधान की चपेट में आएंगे दिल्ली के ई-रिक्शा, रेखा गुप्ता सरकार उठाएगी बड़ा कदम

दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के लिए सरकार ई-रिक्शा की आबादी को कंट्रोल करने की तैयारी कर रही है. एक रिपोर्ट में प्रदूषण बढ़ने के कारणों में ई-रिक्शाओं की बेतहाशा आवाजाही को भी एक बड़ा कारण बताया गया है.

Advertisement
delhi air quality rekha gupta e rickshaw
दिल्ली सरकार ई-रिक्शों पर लगाएगी लगाम (india today)
pic
राघवेंद्र शुक्ला
23 दिसंबर 2025 (Published: 11:40 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

दिल्ली में बेकाबू वायु प्रदूषण की गाज शहर में दौड़ने वाले ई-रिक्शों पर गिरने वाली है. दिसंबर महीने के 23 दिन बीत गए हैं और पूरे महीने दिल्ली की हवा की क्वालिटी ‘खराब’ से 'बेहद खराब' के बीच झूलती रही. एक भी दिन ऐसा नहीं था, जिस दिन हवा ‘रहने लायक’ बताई गई हो. इस हालत को सुधारने के लिए दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने अधिकारियों के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में नतीजा ये निकला कि दिल्ली की सड़कों पर लाखों ई-रिक्शों की वजह से भी बेतहाशा आवाजाही प्रदूषण बढ़ा रही है. उन पर लगाम लगाने की जरूरत है. मीटिंग में फैसला हुआ कि जल्द ही ई-रिक्शों के लिए सरकार कोई बड़ी गाइडलाइन जारी करेगी.

तीन पहिए वाले ई-रिक्शा वो गाड़ियां हैं, जो बैटरी से चलती हैं और बिल्कुल भी धुआं नहीं छोड़ती. ये गाड़ियां पेट्रोल और डीजल वाले ऑटो रिक्शा के मुकाबले कम प्रदूषण फैलाती हैं और इसी वजह से छोटी या बड़ी दूरी के लिए आजकल बड़े पैमाने पर इस्तेमाल भी हो रही हैं. लेकिन यही ई-रिक्शा सरकार की नजर में दिल्ली में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा जरिया कैसे बन गईं?

चलिए, विस्तार से बताते हैं.

इंडिया टुडे से जुड़े प्रतीक सचान की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारकों की पहचान करते हुए एक पहलू जो अक्सर छूट जाता है, वो है ट्रैफिक जाम से होने वाला प्रदूषण. अमेरिका की ‘यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा’ ने अपने एक शोध में बताया है कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में गाड़ियों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का एक बहुत बड़ा सोर्स होता है. किसी भी गाड़ी का इंजन चालू रहे, वो एक ही जगह पर खड़ी रहे (Vehicle Idling) या फिर वो बहुत धीमी गति से सड़क पर रेंगते हुए चले तो इसका स्थानीय वायु प्रदूषण में 34 प्रतिशत या उससे ज्यादा का योगदान हो जाता है.  

दिल्ली के साथ यही समस्या है. यहां सड़कों पर गाड़ियां घंटों जाम में फंसी रहती हैं. इसका सबसे बड़ा कारण बनकर उभरते हैं ई-रिक्शा. ये वजन में हल्के होते हैं और सड़कों पर धीमी रफ्तार से चलते हैं. इनकी बनावट खराब या उबड़-खाबड़ सड़कों के हिसाब से बहुत मजबूत नहीं होती. यही वजह है कि वो अपनी मद्धम रफ्तार से अक्सर यातायात की गति भी धीमी कर देते हैं. खासतौर पर तब जब ट्रैफिक का पीक समय होता है. इससे अन्य गाड़ियां सड़कों पर देर तक चलती रहती हैं. बेहद धीमी रफ्तार से. इससे अतिरिक्त फ्यूल जलता है. ज्यादा धुआं निकलता है. लिहाजा प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है.

इसी लॉजिक से दिल्ली सरकार दिल्ली में बेतहाशा बढ़ते ई-रिक्शों पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन (Vahan) पोर्टल के अनुसार, दिल्ली में फिलहाल, 2 लाख से ज्यादा ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं. इनमें यात्री और सामान ढोने वाले दोनों तरह के वाहन शामिल हैं. इनके लिए सरकार जल्द ही नई और व्यापक गाइडलाइंस जारी कर सकती है. 

वीडियो: उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा पर रोक, फिर भी जेल में रहेंगे?

Advertisement

Advertisement

()