The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Defence Ministry inks 466 crore contracts for battle carbines torpedoes Bharat Forge PLR Systems WASS Submarine Systems

टॉरपीडो से कार्बाइन तक, 2025 के अंत तक रक्षा मंत्रालय ने 4 हजार करोड़ की खरीद कर डाली

Indian Army और Indian Navy के लिए Bharat Forge Limited और PLR Systems Private Limited से एक्सेसरीज के लिए डील हुई है. इस डील के तहत साथ 4.25 लाख से ज्यादा CQB Carbine खरीदे जाएंगे.

Advertisement
Defence Ministry inks 466 crore contracts for battle carbines torpedoes Bharat Forge PLR Systems WASS Submarine Systems
डिफेंस सेक्रेटरी राजेश कुमार सिंह ने डील पर मुहर लगा दी है (PHOTO- X)
pic
मानस राज
31 दिसंबर 2025 (Updated: 31 दिसंबर 2025, 10:27 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

साल 2025 भारत की सेनाओं के लिए काफी शानदार साल रहा. इस साल सेना ने रिफॉर्म और परफॉर्म, दोनों पर फोकस किया. और साल खत्म होने से पहले ही रक्षा मंत्रालय ने हथियारों की एक बड़ी डील कर दी. रक्षा मंत्रालय ने 30 दिसंबर को 4,666 करोड़ रुपये की डील पर मुहर लगा दी. इस रकम से इंडियन आर्मी (Indian Army) और नेवी (Indian Navy) के लिए क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन (CQB Carbine) और नेवी के लिए भारी टॉरपीडो खरीदे जाएंगे. रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में इस डील पर दिल्ली में मुहर लगा दी गई है.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पहले कॉन्ट्रैक्ट के तहत, भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के लिए भारत फोर्ज लिमिटेड और पीएलआर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड से एक्सेसरीज के लिए डील हुई है. इस डील के तहत 4.25 लाख से ज्यादा CQB कार्बाइन खरीदे जाएंगे. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक इनकी कीमत 2,770 करोड़ रुपये बताई गई है. स्वदेशी रूप से निर्मित इस कार्बाइन को शामिल करना 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के तहत अहम माना जा रहा है. लंबे समय से भारत में पुराने छोटे हथियारों को आधुनिक, अधिक घातक हथियारों से बदलने की प्रक्रिया चल रही है.

Close Quarter Battle Carbine: भारतीय सेना को मिलेंगी लेटेस्ट सीक्यूबी  कार्बाइन्स, 4.25 लाख राइफलें होंगी सप्लाई
CQB कार्बाइन (PHOTO-X)

CQB कार्बाइन एक कॉम्पैक्ट यानी छोटे डिजाइन, हाई रेट ऑफ फायर और बढ़ी हुई मारक क्षमता वाली गन है. करीबी लड़ाई और सीमित जगह वाले ऑपरेशंस में ये गन काफी फायदा देती है. मंत्रालय ने बताया कि यह प्रोजेक्ट सरकार और प्राइवेट सेक्टर के बीच बढ़ते तालमेल को भी दिखाता है. 

दूसरा कॉन्ट्रैक्ट WASS सबमरीन सिस्टम्स S.R.L., इटली के साथ इंडियन नेवी की कलवरी क्लास (प्रोजेक्ट-75) सबमरीन के लिए 48 हेवीवेट टॉरपीडो और उनसे जुड़े इक्विपमेंट की खरीद और इंटीग्रेशन के लिए साइन किया गया. इस सौदे की कीमत लगभग 1,896 करोड़ रुपये है. इस खरीद से कलवरी क्लास की नेवी की छह सबमरीन की युद्ध क्षमता में बढ़ोतरी होगी. अधिकारियों ने बताया कि हेवीवेट टॉरपीडो की डिलीवरी अप्रैल 2028 से शुरू हो जाएगी. 2030 की शुरुआत तक ये डिलीवरी पूरी हो जाएगी. एडवांस्ड टेक्नोलॉजिकल फीचर्स और मजबूत ऑपरेशनल क्षमताओं से लैस ये टॉरपीडो नेवल वॉरफेयर में भारत की नई ताकत बनेगा. 

वीडियो: रक्षा मंत्रालय ने विकलांग मिलिट्री कैडेट्स के दी मुफ्त चिकित्सा उपचार की मंजूरी

Advertisement

Advertisement

()