The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Cyber Fraud in the Name of SIR Know How It Happens and How to Stay Safe

'आपका नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है', SIR के नाम पर हो रहे इस फ्रॉड से ऐसे बचें

Cyber Fraud using SIR: स्कैमर लोगों के बैंक अकाउंट एक्सेस कर सकते हैं या फिर उनके निजी सोशल मीडिया अकाउंट या ईमेल तक भी पहुंच बना सकते हैं. फोन का भी डाटा इससे कॉपी किया जाता है. जानिए क्या है ये स्कैम और इससे कैसे बचें.

Advertisement
Cyber Fraud in the Name of SIR Know How It Happens and How to Stay Safe
साइबर फ्रॉड की प्रतीकात्मक तस्वीर. (Photo: ITG/File)
pic
सचिन कुमार पांडे
24 नवंबर 2025 (Published: 10:28 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

एक तरफ चुनाव आयोग देश के अलग-अलग राज्यों में वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR का अभियान चला रहा है. वहीं दूसरी तरफ कुछ ठग SIR के नाम पर साइबर फ्रॉड कर रहे हैं और लोगों के अकाउंट से पैसे पार कर दे रहे हैं. या फिर उनकी निजी जानकारी चुरा रहे हैं. मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस ने ऐसे ठगों से सावधान रहने के लिए एडवाइजरी जारी की है.

कैसे होती है ठगी?

SIR वोटर लिस्ट अपडेट करने की प्रक्रिया है. इसमें चुनाव आयोग के बूथ लेवल के अधिकारी घर-घर जाकर वोटरों से जानकारी इकट्ठा करते हैं. उनके नाम, पता, उम्र आदि की जानकारी पूछी जाती है. ठग इसी का फायदा उठाते हैं. वे चुनाव आयोग के अधिकारी या फिर BLO बनकर लोगों को फोन करते हैं, वॉट्सऐप पर मेसेज करते हैं या SMS पर संपर्क करते हैं. इसके बाद लोगों को कहते हैं कि आपका SIR सत्यापन पूरा नहीं हुआ है. आपका नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है. 

इसे अपडेट कराने के लिए कहा जाता है कि आपके फोन पर OTP आया होगा, उसे बता दीजिए, ताकि वेरिफिकेशन पूरा हो सके. बस यही OTP फ्रॉड का जरिया बन जाता है. इससे स्कैमर्स लोगों के अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं. या फिर उनके निजी सोशल मीडिया अकाउंट या ईमेल तक भी पहुंच बना सकते हैं. फोन का भी डाटा इससे कॉपी किया जाता है.

लिंक से भी हो रहा फ्रॉड

दूसरा तरीका यह है कि स्कैमर एक लिंक भेजते हैं, जिसमें SIR Form से जुड़ी चीजें लिखी होती हैं. लोगों से कहा जाता है कि इस लिंक पर जाकर अपना फॉर्म डाउनलोड करें. इनमें फाइल्स SIR नाम की ही होती है, लेकिन वह असल में एक मालवेयर या फिर बग होता है, जो आपके फोन में पहुंच जाता है. फिर इसके जरिये भी आसानी से फोन से निजी डाटा चुराया जा सकता है. अब चूंकि स्कैमर खुद को चुनाव अधिकारी या बीएलओ बताते हैं, इसलिए लोग उन पर भरोसा कर लेते हैं. SIR के नाम पर लोग आसानी से धोखा खा जाते हैं और फिर साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं.

May be an image of text
(Photo: Facebook/PRO Bhopal)
कैसे बचें?

इस फ्रॉड से बचने का सबसे प्रभावी तरीका यही है कि आप खुद सतर्क रहें और कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखें. जैसे-

  • चुनाव आयोग या उससे जुड़े लोग कभी आपका OTP नहीं मांगेंगे.
  • आपसे UPI या आपके बैंक से जुड़ी डिटेल्स नहीं पूछी जाएंगी.
  • कभी भी वॉट्सऐप या एसएमएस के जरिये लिंक से फॉर्म नहीं भरवाया जाता.
  • चुनाव आयोग कभी SIR के लिए एप या कोई फाइल डाउनलोड करने के लिए भी नहीं कहता है.

यह भी पढ़ें- CJI सूर्यकांत को कितनी सैलरी मिलेगी? SC और हाई कोर्ट के बाकी जजों का वेतन भी जान लीजिए

ऐसे में जरूरी है कि आप सतर्क रहें और ऐसा कुछ भी होता है तो तुरंत फोन काट दें. फिर पुलिस या फिर अपने राज्य के साइबर सेल को तुरंत सूचित करें. किसी अनजान व्यक्ति को अपना OTP या पासवर्ड कभी नहीं दें. किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें.

वीडियो: एसआईआर की ड्यूटी का दबाव या कुछ और? बीएलओ की मौत पर क्या पता चला?

Advertisement

Advertisement

()