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बिहार चुनाव में हार के बाद कांग्रेस CWC की पहली 'बड़ी' मीटिंग में क्या हुआ?

Congress CWC: Mallikarjun Kharge ने चेतावनी दी कि केंद्र सरकार को MGNREGA खत्म करने का नतीजा भुगतना होगा. वहीं, Rahul Gandhi ने G RAM G स्कीम लाने को देश के संघीय ढांचे पर हमला करार दिया.

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नई दिल्ली में कांग्रेस की CWC बैठक हुई. (INC/PTI)
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मौ. जिशान
27 दिसंबर 2025 (Updated: 27 दिसंबर 2025, 10:12 PM IST)
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कांग्रेस के सीनियर नेताओं की मौजूदगी में शनिवार, 27 दिसंबर को नई दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक हुई. इसमें नई ग्रामीण रोजगार योजना ‘G RAM G’, वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR), बांग्लादेश तनाव समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई. MGNREGA (मनरेगा) खत्म होने पर बुरी तरह भड़की कांग्रेस ने 5 जनवरी से 'मनरेगा बचाओ अभियान' शुरू करने का भी ऐलान किया. राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा हटाने का फैसला पीएम नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों से पूछे बिना लिया है. वह ‘वन मैन शो’ चला रहे हैं.

CWC कांग्रेस की नीतियों को तय करने वाली पार्टी की सबसे महत्वपूर्ण कमेटी है. इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और शशि थरूर जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं. शनिवार, 27 दिसंबर को CWC की मीटिंग के बाद कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. खरगे ने कहा कि मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) खत्म होने से लोगों में गुस्सा है.

खरगे ने चेतावनी दी कि केंद्र सरकार को इसे खत्म करने का नतीजा भुगतना होगा. उन्होंने नए 'विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) एक्ट' (G RAM G) को बिना सलाह के लिया गया एकतरफा फैसला बताया. उन्होंने दावा किया कि इसकी वजह से राज्यों पर अलग से खर्च का बोझ पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस मनरेगा को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगी.

मनरेगा योजना को बचाने के लिए कांग्रेस ने 5 शपथ ली. इसके बारे में बताते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,

हम शपथ लेते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (INC) अग्रणी भूमिका लेते हुए 5 जनवरी से 'मनरेगा बचाओ अभियान' शुरू करेगी.

- हम महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की हर हाल में रक्षा करेंगे .

- मनरेगा कोई योजना नहीं, भारत के संविधान से मिला काम का अधिकार है.

हम संकल्प लेते हैं कि

- ग्रामीण मजदूर के सम्मान, रोजगार, मजदूरी और समय पर भुगतान के अधिकार के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेंगे और मांग-आधारित रोजगार और ग्राम सभा के अधिकार की रक्षा करेंगे.

हम यह भी शपथ लेते हैं कि

- मनरेगा से गांधी जी का नाम मिटाने और मजदूर के अधिकार को खैरात में बदलने की हर साजिश का लोकतांत्रिक विरोध करेंगे.

संविधान और लोकतंत्र पर भरोसा रखते हुए हम मनरेगा बचाने, मजदूर के अधिकार बचाने और गांव-गांव तक अपनी आवाज बुलंद करने का संकल्प लेते हैं.

जय संविधान, जय हिंद"

मनरेगा के हटाए जाने पर राहुल गांधी भी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि मनरेगा को हटाना देश के 'संघीय ढांचे पर हमला' है. G RAM G लाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और कहा कि (देश में) ‘वन मैन शो चल रहा है.’ राहुल गांधी ने कहा,

"मनरेगा राइट्स बेस्ड कॉन्सेप्ट (अधिकार पर आधारित) था. मनरेगा से देश में करोड़ों लोगों को एक मिनिमम वेज (न्यूनतम मजदूरी) मिलती थी. जब मनरेगा चालू होता था तो उसी लेवल पर उनको मिनिमम वेज मिल जाता था. नया कानून देश के संघीय ढांचे (फेडरल स्ट्रक्चर) पर आक्रमण है. राज्यों से छीनकर केंद्र सरकार यह पैसा ले रही है तो यह कंसंट्रेशन ऑफ पावर और कंसंट्रेशन ऑफ फाइनेंस है."

उन्होंने आगे कहा,

"यह फैसला बिना मंत्री और कैबिनेट से पूछे सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से लिया गया है. इससे आपको आज की हालत क्या है? उसके बारे में पता लगता है कि वन मैन शो चल रहा है. जो भी नरेंद्र मोदी जी करना चाहते हैं, वो करते हैं. पूरा का पूरा फायदा वही दो-तीन अरबपतियों के लिए है."

बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष की करारी हार के बाद यह कांग्रेस की पहली CWC बैठक थी. पार्टी ने इसमें SIR की प्रक्रिया पर भी चिंता जताई. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, खरगे ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों को 'सीमित करने की साजिश' बताया. खरगे ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा और पड़ोसी देश में हिंदुओं के खिलाफ कथित अत्याचारों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा,

"हम बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा करते हैं. पूरा देश इसको लेकर चिंतित है."

छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. इसके बाद दो हिंदू पुरुषों- दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. दास को ईशनिंदा के आरोप में कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला गया. वहीं, अमृत मंडल पर इलाके में लोगों से जबरन वसूली करने का आरोप था, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों ने मंडल की कथित तौर पर हत्या की.

वीडियो: भारत सरकार का ललित मोदी और विजय माल्या के वायरल वीडियो पर आया बयान

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