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अस्पताल ने व्हीलचेयर नहीं दिया, बीमार पिता को घसीटने के लिए मजबूर हुआ बेटा

Coimbatore: Son Dragged Ailing Father: वीडियो वायरल होने के बाद तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की. वहीं, राज्य के स्वास्थय मंत्री सुब्रमणियन इन आरोपों को धता बताया है. कहा कि अस्पताल में व्हीलचेयर उपलब्ध थीं. युवक ने अपने पिता को खुद के भावुक फैसले के चलते उठाकर ले जाना चुना.

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Coimbatore: Wheel Chair Denied In Govt Hospital Son Compelled To Drag Ailing Father
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो. (वीडियो ग्रैब)
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प्रमोद माधव
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12 सितंबर 2025 (Published: 08:36 AM IST)
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तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले से सरकारी महकमे की बहुत बड़ी लापरवाही का वीडियो सामने आया है. यहां के एक सरकारी अस्पताल में बेटे को अपने बीमार पिता को अस्पताल के फर्श पर घसीटते हुए ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. 84 साल के बुजुर्ग का परिवार दो घंटे तक व्हीलचेयर का इंतजार करता रहा. लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली. आखिर में मजबूर होकर बेटे को अपने बीमार पिता घसीटकर ले जाना पड़ा. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो वायरल होने के बाद तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की. उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए इसे “दिल दहला देने वाला” बताया. उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने सवाल किया, 

“क्या यही है विश्वप्रसिद्ध स्वास्थ्य व्यवस्था, जहां लोग इलाज के लिए इस तरह की तकलीफ झेलने को मजबूर हैं?”

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि सरकार जनता की बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज कर सिर्फ प्रचार पर ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि कार्यकाल खत्म होने के करीब है, अब तो कम से कम दिखावे की बजाय असल सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए. इस वीडियो ने तमिलनाडु सरकार की तमाम मेडिकल व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने क्या बताया

दूसरी तरफ वीडियो को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमणियन का बयान भी सामने आया है. उन्होंने इन आरोपों को धता बताया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में व्हीलचेयर उपलब्ध थीं. युवक ने अपने पिता को खुद के भावुक फैसले के चलते उठाकर ले जाना चुना. मंत्री ने कहा, 

“यह एक बड़ा अस्पताल है, जहां रोज करीब 4,000 मरीज इलाज करवाते हैं. जब अस्पताल कर्मचारी व्हीलचेयर लाने गए थे, तब बेटे ने चिंता में अपने पिता को खुद ही उठाकर ले जाना शुरू कर दिया. मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत इसका वीडियो बना लिया और इसे प्रसारित कर दिया गया.”

उन्होंने आगे कहा कि यह वीडियो क्लिप मीडिया में भी आई. इसे बिना पुष्टि के चलाया गया. क्या आपको लगता है कि इतने बड़े अस्पताल में मरीजों को ले जाने के लिए व्यवस्था नहीं होगी? इसे एक बड़ी खबर बना दिया गया है. मंत्री ने  मीडिया से अपील की कि किसी वीडियो को प्रकाशित करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच जरूर करें.

कर्मचारियों पर ऐक्शन

दूसरी तरफ, वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन मामले में तुरंत कदम उठाया. अस्पताल की डीन डॉ. एम. गीतांजलि ने बताया कि दो संविदा कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. एक जांच कमेटी बनाई गई है. आरोप है कि कुछ कर्मचारी व्हीलचेयर देने के बदले पैसे मांग रहे थे. उन्होंने यह भी साफ किया कि अस्पताल में व्हीलचेयर की कोई कमी नहीं है.

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