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CM योगी बोले, 'महाकुंभ में गिद्धों को लाश मिली, सूअर को गंदगी', अखिलेश का जवाब- 'वैचारिक उद्धार नहीं हुआ'

UP Assembly में Yogi Adityanath ने कहा, "हज के दौरान अव्यवस्था से होने वाली सैकड़ों मौतों पर चुप्पी साध जाने वाले वामपंथी सेक्यूलर स्कॉलर महाकुंभ की भव्यता पर उलटी करते नजर आए हैं. हर बार इनकी कोशिश Mahakumbh को फेल करने की रही..."

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CM Yogi on Mahakumbh
यूपी विधानसभा में CM योगी आदित्यनाथ पटल पर अपनी बात रखते हुए. (तस्वीर : इंडिया टुडे )
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सौरभ शर्मा
24 फ़रवरी 2025 (Updated: 24 फ़रवरी 2025, 09:58 PM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ का महाकुंभ पर दिया एक बयान वायरल है. इसमें वो कह रहे हैं कि जिसने जैसा चाहा वैसी चीज उसे कुंभ में मिली. असल में उन्होंने बयान के जरिये विरोधियों के खिलाफ तंज कसा है. कुंभ के दौरान भगदड़ मचने से कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. इसे लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार की जमकर आलोचना की थी. अब सीएम ने हज यात्रा के दौरान हुई मौतों को लेकर विपक्ष को घेरा है.

सीएम योगी ने सोमवार, 24 फरवरी को यूपी विधानसभा में एक बयान दिया. बाद में उन्होंने खुद एक्स पर कुंभ वाली बात शेयर की. वीडियो में सीएम योगी कह रहे हैं, 

“किसी ने सच कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसे वही मिला. गिद्धों को लाश मिली, सूअरों को गंदगी. जबकि, संवेदनशील लोगों को रिश्तों की सुंदर तस्वीर मिली. सज्जनों को सज्जनता मिली. व्यापारियों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ-सुथरी व्यवस्था मिली. गरीबों को रोजगार मिला. अमीरों को धंधा मिला. श्रद्धालुओं को साफ-सुथरी व्यवस्था मिली. पर्यटकों को अव्यवस्था मिली. सदभावना वाले लोगों को जाति रहित व्यवस्था मिली. भक्तों को भगवान मिले. मतलब सभी ने अपने स्वभाव और चरित्र अनुसार चीजों को देखा है. ये टिप्पणी अचानक नहीं है. ये भारत की टिप्पणी है. भारत की भावनाओं की टिप्पणी है.”

हज का जिक्र

योगी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा,

“हज के दौरान अव्यवस्था से होने वाली सैकड़ों मौतों पर चुप्पी साध जाने वाले वामपंथी सेक्यूलर स्कॉलर महाकुंभ की भव्यता पर उलटी करते नजर आए हैं. हर बार इनकी कोशिश महाकुंभ को फेल करने की रही, लेकिन लोगों ने आस्था की डुबकी लगा इनके जले पर नमक छिड़का. महाकुंभ के दौरान हादसा हुआ, लेकिन आस्था और विश्वास तमाम परेशानियों पर भारी पड़ी.”

किस फोटो का जिक्र?

अपनी बात रखते हुए CM योगी ने कहा,

“अपनी मां और बुजुर्गों को महाकुंभ में अनाथ छोड़ देने वाले बेटे रहे तो दूसरी तरफ अपनी सास को पीठ पर उठाकर कुंभ स्नान कराने वाली बहू भी रही, लेकिन सनातन विरोधियों की नजर केवल गंदगी पर पड़ी.”

इसके बाद मुख्यमंत्री सदन में एक तस्वीर दिखाते हैं. इसमें एक महिला अन्य महिला को पीठ पर लिए हुए है. सीएम ने दावा किया कि इस तस्वीर में एक बहू अपनी सास को उठाए हुए दिखती है.

पोस्ट के बारे में क्या बताया?

CM योगी ने आगे कहा कि उन्हें एक बात अच्छी लगी कि जो लोग महाकुंभ का विरोध कर रहे थे उन पर एक सज्जन ने सटीक टिप्पणी की है. पोस्ट के हवाले से उन्होंने बताया,

“पिछले डेढ़ महीने में आप वामपंथियों और समाजवादियों के बाल खंगाल लीजिए. महाकुंभ को लेकर के विश गमन के अलावा कुछ नहीं मिलेगा. गंदगी, अव्यवस्था पर्यटकों की परेशानी के अलावा कुछ भी नही मिलेगा. लेकिन इस सब से इतर इनकी धरातल पर इनकी बजबजाती विचारधारा का कोई असर नहीं है.”

अपनी बात को खत्म करते हुए योगी ने कहा कि महाकुंभ ने पूरी दुनिया को सनातन एकता का संदेश दिया है जो PM मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को चरितार्थ करता है.

सपा का जवाब

इस पोस्ट के कुछ ही घंटों के भीतर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर कुंभ के दौरान की एक तस्वीर शेयर की. जिसमें एक तरफ एंबुलेंस और लोगों की भारी भीड़ दिख रही. अखिलेश ने  लिखा, “… लेकिन महाकुंभ में जिन्होंने अपनों को तलाशा उन्हें न तो अपने उन परिवारवालों का नाम मृतकों की सूची में मिला, जो हमेशा के लिए खो गए और न ही खोया-पाया के रजिस्टर में... कुछ लोगों ने महाकुंभ में राजनीतिक अवसरवाद को तलाशा और उनको आत्मप्रचार का माध्यम मिला. लेकिन उन्होंने अपनी नैतिकता, सत्यनिष्ठा और मानवीय संवेदनाओं को खो दिया और वाणी पर संतुलन को भी. अशोभनीय कथनों का उच्चारण बताता है कि मानसिकता जब नकारात्मकता के चरम पर होती है तो देश, काल, स्थान की गरिमा का ख़्याल न करते हुए शब्दों के रूप में प्रकट होती है.”

सपा प्रमुख ने आगे लिखा कि ‘महाकुंभ’ जैसे पावन-पवित्र धार्मिक-आध्यात्मिक पर्व के संबंध में बोलते समय शब्दों का चयन, इस अवसर के मान और प्रतिष्ठा के अनुकूल होना चाहिए. उन्होंने सीएम योगी का नाम लिए बिना कहा कि महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ, उनके पाप और पतन की सीमा भला कौन नाप सकता है. ऐसे कथनों से जिन सुधीजनों को ठेस पहुंची है, उनसे निवेदन है कि ऐसे लोगों के प्रति सहानुभूति की भावना रखें न कि आक्रोश की.

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