The Lallantop
Advertisement

'बुलडोजर एक्शन' के खिलाफ बोलने वाले जस्टिस बीआर गवई होंगे देश के अगले CJI

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को रद्द करने के निर्णय में शामिल रहे.

Advertisement
CJI recommends Justice BR Gavai to the office of top judge
उनका कार्यकाल 23 नवंबर 2025 तक रहेगा. यानी करीब छह महीने तक वो देश की सबसे बड़ी अदालत को लीड करेंगे. (फोटो- PTI)
pic
प्रशांत सिंह
16 अप्रैल 2025 (Published: 11:56 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

भारत की सर्वोच्च कोर्ट को नया चीफ जस्टिस मिलने वाला. नाम है जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (Justice BR Gavai to be next CJI). 13 मई 2025 को मौजूदा CJI जस्टिस संजीव खन्ना रिटायर होंगे, और उनके बाद जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट की कमान संभालेंगे. जस्टिस भूषण गवई अभी सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज हैं.

24 नवंबर 1960 को अमरावती में जन्मे जस्टिस गवई 16 मार्च, 1985 को बार में शामिल हुए थे. उनके पिता रामकृष्ण सूर्यभान गवई बिहार के पूर्व राज्यपाल और एक प्रमुख दलित नेता थे. जस्टिस गवई 24 मई 2019 से सुप्रीम कोर्ट में जज हैं और अब तक कई बड़े-बड़े केस हैंडल कर चुके हैं. जिनमें संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को रद्द करने का निर्णय शामिल है. जस्टिस गवई ने अवैध विध्वंस या राज्यों के 'बुलडोजर एक्शन' के खिलाफ भी दिशा-निर्देश निर्धारित किए.

जस्टिस गवई उस बेंच का हिस्सा भी रहे, जिसने कहा था कि राज्यों को राष्ट्रपति सूची में अधिसूचित अनुसूचित जातियों को उप-वर्गीकृत करने का अधिकार है. जिससे इन वर्गों को सार्वजनिक रोजगार और शिक्षा में अधिक तरजीह दी सके. मनीष सिसोदिया की जमानत मामले में जस्टिस गवई के फैसले ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को मजबूत किया था. उन्होंने उस बेंच का नेतृत्व भी किया जिसने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था.

52वें CJI होंगे

CJI संजीव खन्ना ने 16 अप्रैल को केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस बी. आर. गवई को अपना उत्तराधिकारी नामित किया. सरकार की मंजूरी के बाद जस्टिस गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. जस्टिस गवई को 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था. CJI संजीव खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे. इसके बाद जस्टिस गवई ये जिम्मेदारी संभालेंगे. वे 23 नवंबर, 2025 तक इस पद पर रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है. जस्टिस गवई अभी 64 वर्ष के हैं.

महाराष्ट्र के अमरावती से आने वाले जस्टिस गवई ने 16 मार्च, 1985 को वकालत शुरू की और 1987 तक बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व जज और एडवोकेट जनरल राजा एस. भोंसले के साथ काम किया. 1990 के बाद उन्होंने मुख्य रूप से बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून के मामलों में वकालत की. वे नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के लिए स्टैंडिंग काउंसल भी रहे. जस्टिस गवई अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में एडिशनल पब्लिक पॉजीक्यूटर रहे. उन्हें 14 नवंबर, 2003 को बॉम्बे हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज बनाया गया और 12 नवंबर, 2005 को स्थायी जज बने.

सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में जस्टिस गवई कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं. जनवरी 2023 में उन्होंने केंद्र सरकार के 2016 के 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को सही ठहराने वाले बहुमत के फैसले में हिस्सा लिया.

1 अगस्त, 2024 को अनुसूचित जातियों (एससी) के सब कैटेगराइज़ेशन की अनुमति देने वाले फैसले में अपनी सहमति देते हुए जस्टिस गवई ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों (एसटी) के लिए भी "क्रीमी लेयर" सिद्धांत लागू करने की वकालत की ताकि "असली समानता" हासिल की जा सके. उन्होंने कहा, "राज्य को अनुसूचित जातियों और जनजातियों में क्रीमी लेयर की पहचान के लिए नीति बनानी चाहिए ताकि उन्हें अफर्मेटिव एक्शन वाले दायरे से बाहर किया जा सके. जस्टिस गवई बोले कि केवल तब ही असली बराबरी हासिल की जा सकती है.

उनकी अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया था. साथ ही, इस पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को भी रद्द कर दिया. नवंबर 2024 में, जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली दो जजों की बेंच ने अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की प्रक्रिया की आलोचना की और फैसला दिया कि नागरिकों की संपत्तियों को बिना उचित प्रक्रिया के तोड़ना कानून के राज के खिलाफ है.

वीडियो: Justice Yashwant Varma Case: Jagdeep Dhankhar, जेपी नड्डा और Kharge की मीटिंग में CJI ने क्या बताया?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement