The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Chhattisgarh High Court Says, Saying I Love You Is Not Sexual Harassment

‘सिर्फ आई लव यू कहना यौन शोषण नहीं,’ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरोपी को बरी किया

निचली अदालत ने आरोपी को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था. लेकिन हाईकोर्ट ने आरोपी को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा.

Advertisement
Chattisgarh High Court Says, Saying I Love You Is Not Sexual Harassment
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
pic
रिदम कुमार
30 जुलाई 2025 (Updated: 30 जुलाई 2025, 01:23 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने हाल ही में अपने एक फैसले में कहा है कि किसी नाबालिग लड़की को सिर्फ ‘आई लव यू’ (Saying I Love Is Not Sexual Harassment) कहना ‘यौन अपराध’ नहीं माना जा सकता. अदालत का कहना है कि इसे अपराध मानने के लिए ‘यौन इरादे’ का होना जरूरी है. इसी के साथ हाईकोर्ट ने आरोपी को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा. 

बार ऐंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, निचली अदालत ने आरोपी को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया था. इसके बाद लड़की के पक्ष (राज्य सरकार) ने फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस संजय एस. अग्रवाल की सिंगल बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही थी. अदालत ने कहा,  

“आरोपी ने लड़की के सामने अपनी भावनाओं का इजहार करते हुए ‘आई लव यू’ कहा था. लड़की और उसके दोस्तों के बयान से यह साफ होता है कि आरोपी का इरादा ‘यौन उत्पीड़न’ का नहीं था. सिर्फ ‘आई लव यू कहने’ से आरोपी पर यौन उत्पीड़न का आरोप साबित नहीं होता. यह पॉक्सो कानून की धारा 7 के तहत यौन उत्पीड़न के नियम को पूरा नहीं करता. इसलिए आरोपी को धारा 8 (जो यौन उत्पीड़न से जुड़ी सजा के लिए है) के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता.”

इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को IPC की धारा 354-डी (पीछा करना), 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और SC/ST के तहत लगाए गए आरोपों से भी बरी कर दिया. अदालत ने आगे कहा, 

“लड़की का कहना है कि जब वह 8वीं क्लास में थी तब आरोपी ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया था. उसने इसकी शिकायत अपने माता-पिता और शिक्षकों से भी की थी. इसके बाद, स्कूल के शिक्षकों ने आरोपी को डांटा था. लड़की का यह दावा था कि उस दिन आरोपी ने उसे गालियां दी थीं. लेकिन यह बात उसकी लिखित शिकायत में दर्ज नहीं थी. साथ ही उसकी गवाही में भी ऐसा कोई संकेत नहीं मिला और न ही उसके दोस्तों से इस बात की पुष्टि हो पाई.”

इसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी.

क्या था मामला?

शख्स पर आरोप था कि उसने एक 15 साल की छात्रा को तब “आई लव यू” कहा जब वह स्कूल से लौट रही थी. लड़की ने यह भी आरोप लगाया था कि आरोपी पहले भी उसे परेशान कर चुका है. इसके बाद आरोपी के खिलाफ पॉक्सो की धारा 8, IPC की धारा 354D (पीछा करना), 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई थी.

वीडियो: मैरिटल रेप केस में पति को आरोपमुक्त करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने क्या कहा?

Advertisement