ज्यादा पैसों का लालच, एजेंट का धोखा...15 भारतीय यूक्रेन-रूस युद्ध वाले इलाके में फंसे
Indians Trapped in Russia-Ukraine War: इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर को कई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन रूसी दूतावास ने पिछले साल एक बयान में कहा था कि वह अब अपनी सेना में भारतीयों की भर्ती नहीं करता है.

15 भारतीय नागरिक रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध वाले इलाके में फंस गए हैं. युवकों का कहना है कि उनके साथ एजेंट ने धोखा किया और उन्हें युद्ध क्षेत्र में भेज दिया. ये सभी भारतीय पिछले छह महीनों में स्टूडेंट या विजिटर वीजा पर रूस के मॉस्को गए थे. वहां उन्हें निर्माण कार्य का वादा किया गया था. लेकिन बाद में उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया. युवाओं ने विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है.
द हिंदू में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नागरिकों का कहना है कि वे यूक्रेन के युद्धक्षेत्र में फंसे हैं. यहां उन्हें रूसी सेना में अपनी सेवाएं देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. जम्मू के रहने वाले 22 साल के सुमित शर्मा ने फोन पर अखबार को बताया कि वह लगभग 6 महीने पहले रूस आए थे. यहां वह मॉस्को स्टेट लिंग्विस्टिक यूनिवर्सिटी (MSLU) में भाषा का कोर्स कर रहे थे.
उन्होंने आगे बताया कि थोड़े एक्स्ट्रा पैसे कमाने के लिए वह छोटे-मोटे काम ढूंढ रहे थे. तभी एक महिला ने उनसे संपर्क किया और उन्हें निर्माण कार्य में लगाने का भरोसा दिया. इसके बदले कुछ कागजों पर उनसे सिग्नेचर कराए गए. इसके बाद उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया.
बकौल सुमित वह 20 अगस्त को कैंप में गए थे. बिना किसी ट्रेनिंग के उन्हें यूक्रेन के एक कब्जे वाले इलाके में ले जाया गया और तब से उन्हें वहां से जाने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यहां 15 भारतीय हैं. कुछ को आगे युद्ध क्षेत्र में ले जाया गया है. कम से कम 4 लापता हैं. कहा जा रहा है कि वे युद्ध में मारे गए हैं.
जब उनसे पूछा गया कि ऐसी नौकरियों के झांसे में न आने वाली भारत सरकार की सलाह पर ध्यान क्यों नहीं दिया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी. साथ ही एजेंट ने उन्हें अच्छे-खासे पैसे देने का वादा किया था. कैंप में रहने वाले अन्य भारतीय नागरिकों ने पंजाबी में एक वीडियो जारी किया है. इसमें वह बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से उन्हें बचाने की गुहार लगा रहे हैं.
इनमें पंजाब के गुरदासपुर के 26 साल गुरसेवक सिंह भी शामिल हैं. वह स्टूडेंट वीजा पर रूस गए थे. उन्होंने अखबार को बताया कि 7 भारतीयों को यूक्रेन की एक बिल्डिंग में रखा गया है. कहा जा रहा कि उन्हें आगे की चौकियों पर भेजा जाएगा. राजस्थान के एक रहने वाले शख्स को आगे की चौकी पर भेजा गया है. 4 दिनों से ज्यादा हो चुके हैं, उनका उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. उसने एक वीडियो बनाया जिसमें कहा था कि यह उसका आखिरी दिन हो सकता है. वह मदद की गुहार लगा रहा था. गुरसेवक नहीं चाहते कि उनके साथ भी ऐसा ही हो.
फिलहाल इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर को कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन रूसी दूतावास ने पिछले साल एक बयान में कहा था कि वह अब अपनी सेना में भारतीयों की भर्ती नहीं करता है. वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को ऐसी नौकरियों के जाल में फंसने से बचाने के लिए कई चेतावनियां और सलाह जारी की हैं.
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