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3 साल की उम्र में एसिड अटैक में खोया चेहरा और आंखें, अब 12वीं में 95% नंबर लाकर चर्चा में आईं काफी

चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित ब्लाइंड स्कूल की छात्रा 17 साल की कैफ़ी ने कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में 95.6% के प्रभावशाली स्कोर के साथ अपने स्कूल में टॉप किया है. 3 साल की उम्र में उन पर एडिस अटैक हुआ था, जिसके बाद उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी.

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17 साल की कैफी ने अपने स्कूल में टॉप किया है (India Today)
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राघवेंद्र शुक्ला
13 मई 2025 (Published: 12:14 AM IST) कॉमेंट्स
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चंडीगढ़ की रहने वाली 17 साल की 'काफी' इंसानी हौसले की शानदार मिसाल बन चुकी हैं. कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने अपनी अंधेरी दुनिया में उजाले की नई राह बनाई है. चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित ब्लाइंड स्कूल की इस छात्रा ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 95.6% अंक हासिल कर अपने स्कूल में टॉप किया है. सिर्फ 3 साल की उम्र में एसिड अटैक का शिकार बनीं 'काफी' का सपना है कि वह IAS अधिकारी बनें.

इंडिया टुडे से जुड़े अमन भारद्वाज की रिपोर्ट के अनुसार, 'काफी' की इस शानदार सफलता के पीछे एक बेहद दर्दनाक कहानी है. एक जघन्य वारदात ने बचपन में ही उनकी जिंदगी को झकझोर दिया था. साल 2011 में होली के दिन की बात है. हिसार जिले के बुढाना गांव में सिर्फ 3 साल की 'काफी' पर ईर्ष्या के चलते उनके तीन पड़ोसियों तेजाब फेंक दिया था. इस एसिड हमले में वह बुरी तरह झुलस गईं और आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खो बैठीं.

इस घटना को याद करते हुए 'काफी' कहती हैं

डॉक्टरों ने मेरी जान तो बचा ली, लेकिन मेरी आंखों की रोशनी नहीं बचा सके.

'काफी' का शुरुआती इलाज दिल्ली के एम्स में हुआ, लेकिन डॉक्टरों ने साफ कह दिया कि उनकी आंखों की रोशनी वापस नहीं आ सकती.

इसके बावजूद 'काफी' ने अपनी पढ़ाई शुरू की. शुरुआत गांव से हुई, लेकिन उनकी जिंदगी में निर्णायक मोड़ तब आया जब वह छठवीं कक्षा में पढ़ने के लिए चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल में दाखिल हुईं. स्कूल में खूब मेहनत की और हर साल अपनी कक्षा में अव्वल रहीं. ऑडियो बुक्स की मदद से पढ़ाई कर 'काफी' ने 10वीं की परीक्षा में भी 95.2% अंक हासिल किए थे. अब 12वीं में भी उन्होंने 95 फीसदी अंक हासिल कर स्कूल टॉप कर लिया. 

'काफी' के हौसले अब आसमान पर हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स की पढ़ाई करना चाहती हैं और UPSC क्रैक करने का सपना देखती हैं. चंडीगढ़ के मिनी सचिवालय में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले उनके पिता को अपनी बेटी पर खूब गर्व है. उन्होंने बताया कि 'काफी' पहले ही डीयू प्रवेश परीक्षा दे चुकी हैं. उम्मीद है कि वहां उन्हें एडमिशन मिल जाएगा.

रिपोर्ट के मुताबिक 'काफी' पर एसिड अटैक करने वालों को आज तक सजा नहीं मिली है. इससे दुखी होकर वह कहती हैं, 

जिन लोगों ने मुझ पर एसिड अटैक किया, वे आज भी आज़ाद घूम रहे हैं.

'काफी' के साथ स्कूल के उनके अन्य सहपाठी भी पीछे नहीं रहे. उनके स्कूल के ही सुमंत ने 94% और गुरशरण सिंह ने 93.6% अंक हासिल कर दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है. 

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