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CDS जनरल अनिल चौहान पर सरकार का बड़ा फैसला, अब इस तारीख तक पद पर बने रहेंगे

CDS General Anil Chauhan ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत की सेनाओं का सफल नेतृत्व किया. सेना में बेहतरीन सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल आदि से सम्मानित किया गया है.

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जनरल अनिल चौहान 30 मई, 2026 तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) रहेंगे. (India Today)
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मौ. जिशान
24 सितंबर 2025 (Published: 11:47 PM IST)
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केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल बढ़ा दिया है. अब जनरल अनिल चौहान 30 मई, 2026 तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, इस पद पर रहेंगे. 24 सितंबर, 2025 को जारी एक आदेश में कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने जनरल चौहान के सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी. वे भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग में सचिव के तौर पर भी काम करते रहेंगे.

जनरल चौहान को 28 सितंबर, 2022 को CDS नियुक्त किया गया था. 1981 में भारतीय सेना में कमीशन मिलने के बाद से उनका शानदार करियर रहा है, जिसमें उन्होंने प्रमुख कमांड और स्टाफ नियुक्तियों में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी संभाला.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल अनिल चौहान को उनकी बेहतरीन सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है.

जनरल चौहान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत की सेनाओं का सफल नेतृत्व किया. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था.

हाल ही में जनरल अनिल चौहान ने बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को 7 मई की रात 1 बजे शुरू करने का फैसला सोच-समझकर लिया था. इसके पीछे दो बड़े कारण थे. पहला कारण यह था कि सेना को अपनी काबिलियत पूरा भरोसा है. वो रात के अंधेरे में भी साफ तस्वीरें ले सकती है और दुश्मन के ठिकानों की सही पहचान कर सकती है.

दूसरा बड़ा कारण यह था कि आम लोगों को किसी भी तरह का नुकसान ना हो. रात के समय ज्यादातर लोग अपने घरों में होते हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि किसी नागरिक की जान ना जाए.

कौन हैं जनरल अनिल चौहान?

1961 में जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने नेशनल डिफेंस अकैडमी, खड़कवासला और इंडियन मिलिट्री अकैडमी, देहरादून से पढ़ाई की है. उन्हें 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन मिला था. मेजर जनरल के पद पर रहते हुए उन्होंने नॉर्दन कमांड के अहम बारामूला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिविजन की कमान संभाली थी.

लेफ्टिनेंट जनरल बनने के बाद उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट में एक कोर की कमान दी गई. सितंबर, 2019 में अनिल चौहान ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने. मई 2021 में सेना से रिटायर होने तक उन्होंने इसी पद पर काम किया.

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