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'हमारा मजाक अक्सर उड़ाया जाता है, हमें फर्क नहीं पड़ता', बॉम्बे HC की Jolly LLB 3 पर बड़ी टिप्पणी

Jolly LLB 3 News: अक्षय कुमार और अरशद वारसी की आगामी फिल्म Jolly LLB 3 का सर्टिफिकेट रद्द करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस पर अब कोर्ट ने जवाब दिया है.

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Bombay High Court rejects PIL seeking cancellation of certificate of Jolly LLB 3 said don't worry about us
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है. (Photo: ITG)
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विद्या
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17 सितंबर 2025 (Published: 03:34 PM IST)
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फिल्म Jolly LLB 3 के रिलीज होने से पहले ही इस पर रोक लगाते हुए इसका सर्टिफिकेट रद्द करने की मांग की गई है. इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई. हालांकि कोर्ट ने इससे इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.

दरअसल पुणे के एक गैर-सरकारी संगठन ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए मांग की थी कि फिल्म जॉली एलएलबी 3 का सर्टिफिकेट रद्द कर दिया जाए. याचिकाकर्ता का कहना था कि फिल्म ने कोर्ट का मजाक उड़ाया है और उसे बदनाम किया है. लेकिन अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि 'चिंता मत कीजिए, हमारा मज़ाक अक्सर उड़ाया जाता है. इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता.' यह फिल्म देशभर के सिनेमाघरों में 19 सितंबर को रिलीज होने जा रही है.

ट्रेलर को बताया आपत्तिजनक

याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि फिल्म का ट्रेलर ही आपत्तिजनक है, क्योंकि इसके एक सीन में जजों को "मामू" कहा गया है. वकील ने कहा, 'यह न्याय का मजाक है.' याचिका में कहा गया था कि जॉली एलएलबी-3 फिल्म के ट्रेलर, टीज़र, पोस्टर और मार्केंटिग कंटेंट अपमानजनक हैं. इसमें वकीलों को अपराध में शामिल होने, सबूतों से छेड़छाड़ करने और जस्टिस सिस्टम का दुरुपयोग करने वाले की तरह दिखाया गया है. यह लॉ के प्रोफेशन को बदनाम करना है. इससे जस्टिस सिस्टम की गरिमा और अखंडता को ठेस पहुंचती है.

हाईकोर्ट ने नहीं मानीं दलीलें

याचिका में आगे कहा गया है कि वकीलों को हेरफेर करने वाले और न्यायपालिका को 'भ्रष्ट' दिखाना, इस फील्ड के प्रोफेशनल्स की मानहानि है. यह अदालतों को बदनाम करता है और जस्टिस एडमिनिस्ट्रेशन में जनता के विश्वास को कम करता है. ये न्यायालय की अवमानना ​​अधिनियम, 1971 कानून के तहत स्वीकार्य नहीं है. हालांकि, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलें नहीं मानीं.

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खारिज की याचिका

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम ए. अंखड की पीठ ने याचिका पर जवाब दिया. कहा, 'हमें अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही इस मजाक का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए चिंता न करें, हम प्रभावित नहीं हैं.' पीठ को यह भी बताया गया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी इसी तरह की एक याचिका दायर की गई थी. हालांकि, उसे भी खारिज कर दिया गया था. पीठ ने अंत में कहा कि वह याचिका खारिज कर रही है और तर्क सहित पूरा आदेश बाद में दिया जाएगा.

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