‘बिहारियों के लिए जितने भी स्टीरियोटाइप हैं ना…’, 2AC में महिला को दिक्कत हुई, वीडियो पर बहस छिड़ गई
Bihar के वायरल वीडियो में इंफ्लुएंसर कहती हैं कि AC कोच का टिकट खरीदकर उन्होंने अपने पैसे बर्बाद कर लिए. इसके बाद उन्होंने बिहारियों के लिए बनी स्टीरियोटाइप सोच पर अपनी राय दी.

भारत में रोजाना करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. खासकर, AC कोच के सफर को काफी आरामदायक माना जाता है. लेकिन एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का AC कोच से सफर करना मुसीबत बन गया. आयुषी रंजन नामक इंफ्लुएंसर ने बकायदा AC2 का टिकट लिया, लेकिन बिहार में उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जो अब वायरल हो रहा है.
आयुषी ने इंस्टाग्राम पर एक रील शेयर की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनका पटना से AC2 का टिकट बुक था. आयुषी के मुताबिक, जैसे ही ट्रेन पटना पहुंची, तो बिना टिकट वाले लोग भी AC2 और AC3 कोच में घुस गए. उन्होंने दावा किया कि इसकी वजह से उन्हें ट्रेन में चढ़ने में बहुत परेशानी हुई.
लेकिन मामला यहीं नहीं रुका. आयुषी ने बताया,
"मैं गाली-वाली नहीं देती हूं, लेकिन पता नहीं आज कितने सालों बाद सिर्फ ट्रेन में घुसने के लिए मैंने कितने लोगो को गालियां दी हैं. एक आंटी आकर मेरी सीट पर बैठ गईं. मैंने एक बार बोला आप हट जाओ, वे नहीं हटीं. फिर मैंने भी उन्हें कुछ नहीं बोला."
उन्होंने AC कोच में बदबू का भी जिक्र किया और दावा किया उन्हें AC कोच में सफर करने का बिल्कुल भी फील नहीं आया. उन्होंने बताया कि उन्हें लोअर बर्थ यानी नीचे की सीट नहीं मिलती, लेकिन इस बार मिल गई थी. लेकिन उनके इस एक्सपीरियंस ने नीचे की सीट मिलने का मजा भी खराब कर दिया. आयुषी ने बताया कि बतौर सोलो ट्रैवलर उनके लिए इस ट्रेन में रहना उतना मुश्किल था, जितना मुश्किल इस ट्रेन में चढ़ना था.
इन सब चीजों से परेशान होकर आयुषी ने साफ कहा कि उन्हें लग रहा है कि AC कोच का टिकट खरीदकर उन्होंने अपने पैसे बर्बाद कर लिए. लेकिन इसके बाद जो उन्होंने कहा, उसमें बिहारियों के लिए बनी स्टीरियोटाइप सोच पर उनका नजरिया झलका.
"क्या बिहार में ट्रेन से ट्रैवल करना इतना रिस्की है?"
इस सवाल के साथ शुरू हुई रील के आखिर में उन्होंने कहा,
"बिहारियों के लिए जानते हो जितनी भी स्टीरियोटाइप बनी हैं ना, उसे बनाने वाले भी हम हैं और दुख की बात है कि हम ही उन्हें साबित भी करते हैं."
बिहारियों के लिए स्टीरियोटाइप सोच पर उनके नजरिए पर इंस्टाग्राम यूजर्स ने भी खूब रिएक्शन दिए. @yashn0tfound अकाउंट वाले यूजर ने कॉमेंट किया,
"एक बिहारी होने के नाते मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूं कि यह पूरी तरह से समझने के काबिल है."

मेघा नामक यूजर ने लिखा,
"मैंने एक बार 2nd AC में ट्रेन से पटना तक सफर किया था और वो मेरी जिंदगी के सबसे बुरे एक्सपीरियंस में से एक था."

पायल लिखती हैं,
"इतना भी खराब नहीं है बिहार, केवल त्योहारों की वजह से इतनी भीड़ है."

आयुषी ने बताया कि उन्होंने 12 साल बिहार में ही गुजारे हैं. 12वीं के बाद वे कोलकाता शिफ्ट हो गईं थीं. शुरुआत में बिहार और कोलकाता के बीच ट्रेन का सफर उनके पिता कराते थे. लेकिन बाद में उन्होंने अकेले सफर करना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि 20 साल के बाद भी बिहार में ट्रेन में सफर करने के हालात नहीं बदले हैं.
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