The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • bihar minor boy police declared dead returns after 70 days

नाबालिग की 'मौत' पर कोर्ट ने 4 लाख का मुआवजा दिलवाया, 70 दिन बाद लौटकर बोला- 'मैं जिंदा हूं...'

लड़के की कथित मौत के 70 दिन बाद वह जिंदा पाया गया. वह दरभंगा के सिविल कोर्ट में पेश हुआ. उसने बताया कि कुछ लोगों ने उसका अपहरण किया था.

Advertisement
bihar minor boy police declared dead returns after 70 days
नाबालिग लड़के के लापता होने पर पुलिस ने उसे मरा बता दिया. (नाबालिग के परिवार की तस्वीर-इंडिया टुडे)
pic
सचेंद्र प्रताप सिंह
20 अप्रैल 2025 (Updated: 20 अप्रैल 2025, 08:23 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बिहार के दरभंगा जिले का किस्सा सुनकर तो CID वाले भी कन्फ्यूज हो जाएंगे. यहां एक नाबालिग के लापता होने पर पुलिस ने उसे मरा बता दिया. इस दौरान किसी अन्य शव को बिना जांच किए उस बच्चे का बता दिया गया. परिवार ने मरा मानकर अंतिम संस्कार तक कर दिया. नाबालिग के नाम पर परिवार वालों ने मुआवजा भी ले लिया. लेकिन 70 दिन बाद वह खुद कोर्ट में आकर बोला-'मैं जिंदा हूं.' अब कोर्ट भी हैरान है. पुलिस के सामने सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर वह मृतक कौन था? उसकी पहचान कैसे होगी?

इंडिया टुडे से जुड़े प्रह्लाद कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक घटना दरभंगा जिले के सिमरा गांव की है. यहां के रहने वाला एक नाबालिग लड़का बीती 8 फरवरी से लापता था. इसके बाद परिवार ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. इस घटना के कुछ दिन बाद कथित तौर पर परिवार को एक कॉल आई. फोन पर लड़के के किडनैप होने की बात कही गई.  उसे छोड़ने के बदले 45 हजार रुपये की फिरौती मांगी गई. परिवार ने पुलिस को बताया कि इस दौरान 5 हजार रुपये भेज भी दिए गए. लेकिन लड़के का कुछ पता नहीं चला.

इसके बाद 28 फरवरी को एक लड़का घायल अवस्था में रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला. उसे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन इलाज के दौरान 1 मार्च को उसकी मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक शव की पहचान के लिए परिवार को बुलाया गया. परिवार ने संदेह जताते हुए DNA टेस्ट कराने की मांग की. लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने उन पर दबाव डाला कि शव को अपने लापता बेटे का मान लें.

इस घटना से दरभंगा में भारी आक्रोश फैल गया. स्थानीय लोगों ने लड़के के शव के साथ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई. मामले में एक SHO को निलंबित कर दिया गया. इसके बाद परिवार ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया. कोर्ट के आदेश पर पीड़ित परिवार को कल्याण विभाग से 4 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया गया.

हालांकि लड़के की कथित मौत के 70 दिन बाद वह जिंदा पाया गया. इसके बाद नाबालिग एक वकील के साथ दरभंगा के सिविल कोर्ट में पेश हुआ. उसने बताया कि कुछ लोगों ने उसका अपहरण किया था. उसका मुंह बंद कर दिया गया. फिर उसे कुछ भी मालूम नहीं रहा. कुछ दिन बाद उसे पता चला कि वह नेपाल में है. किसी तरह वह उन लोगों के चंगुल से भाग निकला. स्थानीय लोगों की मदद से उसने अपने भाई को वीडियो कॉल किया. इसके बाद परिवार को पता चला कि वह जिंदा है. फिर परिवार नेपाल जाकर उसे घर लेकर आया. इसके बाद पुलिस को जानकारी देने के बजाय नाबालिग सीधे कोर्ट में पेश होने का फैसला किया.

रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग के भाई ने बताया कि घटना के बाद से पूरा परिवार सदमे में था. उन्होंने बताया कि पुलिस ने DNA टेस्ट की मांग को नजरअंदाज किया. उन पर शव को स्वीकार करने के लिए दबाव डाला गया था. अब परिवार ने अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक परिवार को जो वित्तीय सहायता मिली थी. उसे लौटाने की इच्छा भी जताई है. हालांकि जिस लड़के का अंतिम संस्कार किया गया. उसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. वहीं पुलिस किडनैपिंग की परिस्थितियों की जांच में जुटी है.

वीडियो: बिहार में आंधी-तूफान, अब तक कितनी मौतें?

Advertisement

Advertisement

()