The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • bihar congress rjd alliance tejashwi yadav rahul gandhi mallikarjun kharge meeting

कांग्रेस की गाली-गलौज वाली समीक्षा बैठक में क्या हुआ? राहुल गांधी RJD को 'नमस्ते' कहेंगे?

आज 'राजधानी' में जानिए, क्या बिहार में कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन टूट जाएगा? तेजस्वी यादव के खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने क्या शिकायत कर डाली? क्यों तेजस्वी के सामने टीम संजय यादव पर सख्ती का दबाव बढ़ गया है?

Advertisement
बिहार में कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन क्या टूट जाएगा?
आज 'राजधानी' में देखिए बिहार में कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन क्या टूट जाएगा?
28 नवंबर 2025 (Updated: 28 नवंबर 2025, 08:44 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कांग्रेस की मीटिंग का समय दोपहर 3 बजे का था. जगह - दिल्ली का इंदिरा भवन. यहां बिहार में जीते और हारे हुए पार्टी के सभी उम्मीदवार तय वक्त पर पहुंच गए. सभी को हॉल में बिठा दिया गया. घड़ी में 4 बज गए. लेकिन मीटिंग शुरू नहीं हो सकी. क्योंकि राहुल गांधी को देर हो रही थी. इसी दौरान कांग्रेस नेताओं में 'मरने-मारने की धमकियां' तक दी जाने लगीं.

गोली मारने की धमकी, गाली-गलौज 

कहां तो इस बैठक में बिहार में पार्टी की हार की समीक्षा होनी थी. लेकिन वैशाली से कांग्रेस के कैंडिडेट इंजीनियर संजीव ने कथित तौर पर गोली मारने की धमकी दे दी. संजीव की कहासुनी और गाली-गलौज पूर्णिया से कांग्रेस के कैंडिडेट जितेन्द्र कुमार से हुई. जितेन्द्र को पप्पू यादव का करीबी माना जाता है. इंजीनियर संजीव का कहना था कि चुनाव में ऐसे लोगों को कैंडिडेट बनाया गया जिनका पार्टी से कोई वास्ता तक नहीं था. उनकी इस दलील का जब जितेन्द्र ने विरोध किया तो संजीव उखड़ गए. बोले, ‘ज्यादा बोले न तो गोलिए मार देंगे.’

खरगे हुए नाराज

जब ये सबकुछ हो रहा था, तभी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुंल गांधी की हॉल में एंट्री हो गई. इनके पीछे-पीछे कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी थे. खरगे को संजीव और जितेन्द्र के बीच हुई कहासुनी के बारे में पता चल चुका था. माइक संभालते ही खरगे ने कहा, “क्या तमाशा लगा रखा है. लड़ना विरोधियों से है और आपस में ही गोली मारने की बात करते हो. अभी तीन-चार बड़े स्टेट्स में चुनाव होने हैं. बिहार में हार और आप लोगों की ये हालत, किस मुंह से हम चुनाव लड़ेंगे.”

राहुल की वन टू वन मीटिंग, एक सवाल

हॉल में मौजूद कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी से भी कुछ कहने की अपील की. पर उन्होंने कहा कि वे सब से वन टू वन बातचीत करेंगे. इसके बाद खरगे, राहुल और केसी वेणुगोपाल एक कमरे में चले गए. पहले विधायकी जीते सभी 6 उम्मीदवारों को बारी-बारी से बुलाया गया. अब बचे चुनाव हारे हुए 55 कांग्रेस के नेता. 

इस बार बिहार में कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इनमें कुछ फ्रेंडली फाइट वाली सीटें भी थीं. तो चुनाव हारे हुए इन 55 नेताओं को 10-10 के ग्रुप में राहुल और खरगे के पास भेजा गया. राहुल ने सबसे एक सवाल जरूर किया, "क्या हमें आरजेडी के साथ गठबंधन में रहना चाहिए?" 

तो क्या बिहार में गठबंधन टूट जाएगा 

बैठक में मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि अधिकतर कांग्रेस कैंडिडेट्स का जवाब रहा- “गठबंधन तोड़े बिना बिहार में कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है.” अब इस पर फैसला राहुल गांधी को करना है. कुछ कैंडिडेट्स ने बैठक में ये भी शिकायत की कि आरजेडी की वजह से ही वो हारे. सवाल हुआ कि वो कैसे. तो उनका कहना था कि आरजेडी के लोकल नेताओं ने ये माहौल बनाया कि अगर कांग्रेस को हराया तभी अगली बार ये सीट आरजेडी को मिल सकती है. वर्ना फिर कांग्रेस का यहां दावा मजबूत हो जाएगा. कुछ नेताओ ने कहा कि तेजस्वी यादव अगल-बगल की सीट पर प्रचार करने गए, पर हमारी वाली सीट पर जानबूझकर नहीं आए. इन हारे हुए कैंडिडेट्स का दावा था कि चुनाव के दौरान आरजेडी नेताओं की कोशिश ये रही कि कांग्रेस का स्ट्राइक रेट हर हाल में खराब रहे.

कृष्णा अल्लावरू की सफाई

राहुल गांधी से मिलने वाले कैंडिडेट्स ने कांग्रेस के बाहर और भीतर के कुछ नेताओं पर टिकट बेचने के भी आरोप लगाए. इन्हीं में से एक अररिया से लगातार तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए अविदुर रहमान थे. चुनाव के दौरान टिकट बेचने के आरोप बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू पर लगे थे. इसी चक्कर में पटना एयरपोर्ट पर मारपीट तक हुई थी. लिहाजा, उनकी तरफ से भी टिकट की खरीद-बिक्री वाले आरोपों पर सफाई आनी थी. आई भी. अल्लावरू ने कहा, “आरोप लगाना आसान है, लेकिन तथ्य के साथ बात करिये. जिन सीटों को लेकर विवाद बनाया गया, उन्हींं सीटों की हार का मार्जिन कम था.” 

3 घंटे चली बैठक का हासिल क्या? 

सबसे रोचक प्रसंग चुनाव के दौरान आरजेडी से कांग्रेस में शामिल एक नेता का रहा. वो राहुल की बगल में बैठे खरगे से बोले, “मैंने तो अध्यक्ष जी से बात कर उन्हें अपने यहां प्रचार के लिए बुला लिया था.” तो इस पर खरगे साहब चौंक गए. बोले, “मैं तो तुम्हारे यहां गया नहीं.” पता चला वो अध्यक्ष तेजस्वी यादव को कह रहे थे. फिर क्या. इस पर राहुल गांधी ठठाकर हंसे. 

बिहार में कांग्रेस की हार पर 3 घंटे चली समीक्षा बैठक का कुल मिलाकर रिजल्ट यही है कि नेताओं ने एक-दूसरे की पैंटें फाड़ीं. आगे क्या, किसी को नहीं पता. इस पूरी बैठक से कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू को बाहर रखा गया. मीटिंग के आखिर में राहुल गांधी ने सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह, तारिक अनवर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को बुलाकर भी बातचीत की.

टीम संजय यादव पर सख्ती का बढ़ा दबाव 

बातचीत तो उधर आरजेडी कैंप में भी हो रही है. तेजस्वी यादव हारे हुए कैंडिडेट्स से हार का हिसाब-किताब लगाने में जुटे हैं. यहां भी मामला नेता को बचाकर उसके आसपास के लोगों पर ठीकरा फोड़ने का है. मतलब टीम संजय यादव. पता चला है कि पटना से लेकर छपरा तक के कई आरजेडी उम्मीदवारों ने ‘हम हारे नहीं, हमें हराया गया है’ का राग अलापा है. 

तेजस्वी यादव पार्टी के उन ‘जयचंदों’ की भी लिस्ट बना रहे हैं जिनकी वजह से आज आरजेडी का ये हाल हुआ है. आरजेडी कैंप से भी कई कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ शिकायतें आई हैं. मतलब ये है कि गठबंधन में अब सिर्फ गांठें ही बची हैं. तो ऐसे में आरजेडी और कांग्रेस दोनों ही के भीतर एक-दूसरे को ‘नमस्ते’ करने का दबाव है.

वीडियो: राजधानी: बीजेपी की डिनर पार्टी में अमित शाह की टेबल पर क्या हुआ?

Advertisement

Advertisement

()