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भगवद्गीता से सुधरेगी पुलिस? MP पुलिस सेंटर में हो रहा पाठ, कुरान-बाइबल की भी डिमांड आ गई

भोपाल के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में नए सिपाहियों को भगवद्गीता पढ़ाया जा रहा है. इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है. मुस्लिम संगठन ने आपत्ति जताते हुए ट्रेनिंग के दौरान कुरान भी पढ़ाने की मांग कर दी. वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी नेताओं को खुश करने के लिए अफसर ऐसे आदेश दे रहे हैं.

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Police constables read Bhagavad Gita during training
भोपाल में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में भगवद्गीता के पाठ पर विवाद (india today)
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राघवेंद्र शुक्ला
7 नवंबर 2025 (Published: 07:13 PM IST)
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महाभारत के अर्जुन से लेकर आज के पुलिसकर्मियों तक, ‘अधर्म और अन्याय के खिलाफ जंग’ की तैयारी में भगवद्गीता की जरूरत बनी हुई है. तभी तो मध्यप्रदेश के भोपाल में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे नए हवलदारों को बंदूक चलाने की सीख के साथ-साथ भगवद्गीता का पाठ पढ़ाया जा रहा है. हालांकि, इसका विरोध भी शुरू हो गया है. मुस्लिम संगठन इस पर आपत्ति जता रहे हैं. कह रहे हैं कि भाजपा नेताओं को खुश करने के लिए पुलिस अफसर धार्मिक ग्रंथों के पाठ का आदेश दे रहे हैं. अगर ये इतना ही जरूरी है तो ट्रेनिंग में कुरान भी पढ़ाइए.

पूरा मामला क्या है? विस्तार से बताते हैं.

भोपाल में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में नए सिपाहियों की ट्रेनिंग चल रही है. इनमें करीब 4000 युवक-युवतियां कॉन्स्टेबल पद के लिए 9 महीने का प्रशिक्षण ले रहे हैं. जमकर मेहनत हो रही है. परेड हो रही है. फिजिकल ट्रेनिंग में जमकर पसीना बहाया जा रहा है. इंडिया टुडे से जुड़े रवीशपाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सब होने के बाद सारे सिपाही एक जगह बैठते हैं. पीला कुर्ता पहने एक व्यक्ति उन्हें भगवद्गीता के श्लोक और उनके अर्थ पढ़कर सुनाता है.

आपको लगेगा कि ये कोई धर्मशाला या धार्मिक पंडाल है. लेकिन है सिपाहियों की ट्रेनिंग की जगह. और ये ऐसे ही नहीं हो रहा है. इसके लिए बाकायदा मध्यप्रदेश पुलिस एडीजी (ट्रेनिंग) राजाबाबू सिंह की ओर से निर्देश जारी किया गया है. कहा गया है कि ट्रेनिंग सेंटर में भगवान कृष्ण के बहुत प्रिय अगहन महीने में रोज भगवद्गीता के कम से कम एक अध्याय का पाठ शुरू किया जाए. इसके बाद सेंटर में रोजाना के ध्यान सत्र से ठीक पहले गीता का पाठ कराया जा रहा है. 

इसको लेकर ट्रेनिंग के एडीजी राजाबाबू सिंह कहते हैं,

9 महीने के प्रशिक्षण में इस बार हमने बहुत सारे नए सब्जेक्ट जोड़े हैं. रंगरूट स्ट्रेसफ्री रहें. इसके लिए कई मूल्यपरक विषयवस्तु जोड़े गए हैं. हम हार्टफुल मेडिटेशन करा रहे हैं. अगहन महीना शुरू होने के बाद मेडिटेशन से पहले भगवद्गीता का पाठ करा रहे हैं. भगवद्गीता हमारा शाश्वत ग्रंथ है. इससे बेहतर जीवन जीने की शिक्षा मिलती है. इससे जब सिपाही प्रशिक्षित होकर समाज में जाएंगे तो गलत आचरण की शिकायतें नहीं आएंगी. 

हालांकि मुस्लिम संगठन एडीजी साहब की बात से इत्तेफाक नहीं रखते. इस आदेश पर ऐतराज जताते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के संयोजक शमसुल हसन ने कहा कि अगर पुलिस ट्रेनिंग में गीता पढ़ाया जा सकता है तो कुरान, बाइबल और गुरुग्रंथ साहिब भी क्यों न पढ़ाया जाए? तभी तो सही मायने में सर्वधर्म संवाद की मिसाल पेश की जा सकेगी. 

मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने भी इसे धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं को खुश करने के लिए मध्यप्रदेश के अफसर ऐसे आदेश निकाल रहे हैं, जो एक गलत परंपरा की शुरुआत है.

बता दें कि राजाबाबू सिंह वही आईपीएस अफसर हैं, जिन्होंने बीते दिनों कॉन्स्टेबल ट्रेनिंग के दौरान रंगरूटों को रामचरितमानस पढ़ने की भी सलाह दी थी. इस बारे में आजतक ने एडीजी (ट्रेनिंग) से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सदियों से हमारी बहुत ही समृद्ध धार्मिक विरासत (Rich Spiritual Legacy) रही है. हम वैदिक संस्कृति के संवाहक हैं. मुस्लिम संगठनों के ऐतराज पर वह कहते हैं कि गीता और रामायण पर कोई कैसे प्रश्नचिह्न उठा सकता है? ये तो विवेक, अच्छे जीवन और जीवनमूल्यों का खजाना है. 

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