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बेंगलुरु में 6 महीने तक इंजीनियर को 'डिजिटल बंदी' बनाया, CBI अफसर बन 32 करोड़ लूट लिए

महिला की उम्र 57 साल है. कुल 187 ट्रांजेक्शन हुए. 31.83 करोड़ रुपये की ठगी की गई.

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Bengluru, Karnatka
बेंगलुरु में महिला इंजीनियर के साथ करोड़ों रुपयों की हुई ठगी. (फोटो- प्रतिकारात्मक- इंडिया टुडे)
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सगाय राज
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17 नवंबर 2025 (Published: 06:08 PM IST)
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कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक 57 साल की महिला को 6 महिने तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा गया. इस दौरान साइबर अपराधियों ने इनसे करीब 32 करोड़ रुपये ठग लिए. डिजिटल अरेस्ट' को सरल भाषा में समझें तो अपराधी खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और उनसे गैरकानूनी ढंग से आपराधिक गतिविधियों और रुपयों की डिमांड करते हैं.

इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित महिला पेशे से इंजीनियर हैं. अब उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है. FIR के मुताबिक, महिला को 15 सितंबर 2024 को एक कॉल आया, जिसमें कहा गया कि वह मुंबई के अंधेरी से डीएचएल ब्रांच से बात कर रहा है. उनसे कहा गया कि उनके नाम पर एक पार्सल है, जिसमें 4 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड और एमडीएम है. पीड़ित महिला ने आरोपी को बताया कि वह मुंबई में नहीं बल्कि बेंगलुरु में रहती है. लेकिन इसके बाद आरोपी ने महिला के डारते हुए कहा कि पार्सल उनके नंबर से जुड़ा हुआ. और वे भी अपराध में शामिल हैं. इसके बाद उसने कॉल को कथित तौर पर खुद को CBI ऑफिसर बताने वाले व्यक्ति के साथ जोड़ दिया. जिसने महिला से कहा की सारे साबूत तुम्हारे खिलाफ हैं.

आरोपियों ने पीड़ित महिला को पुलिस में शिकायत न करने की धमकी दी. और कहा कि वो उनके घर पर नजर रखे हुए है. महिला ने परिवार वालों की सुरक्षा और बेटे की शादी की वजह से इस बात को किसी से कहा नहीं. इसके बाद कथित तौर पर महिनों तक मोहित हांडा, राहुल यादव और प्रदीप सिंह स्काइप आईडी बनाकर लगातार महिला की निगरानी करने लगे. साथ ही अपराध कबूल करने का दबाव भी बनाने लगे. 

इस बीच आरोपियों ने पीड़ित महिला से उसके बैंक अकाउंट्स और अन्य फाइनेंशियल जानकारी को मांगा. जिसके बाद महिला से करोड़ों रुपए ट्रांसफर कराए गए. पैसों को देने के लिए महिला ने अपने बचत के पैसों और कई एफडी को तोड़ दिया. 187 ट्रांजेक्शन के जरिए  31.83 करोड़ रुपये ठगों की गई.

इस बीच आरोपी महिला से कहते थे कि वेरिफिकेशन होने के बाद उसके पैसे फरवरी, 2025 तक रिफंड कर दिए जाएंगे. आरोपियों ने पीड़िता से प्रोसेसिंग चार्ज की भी डिमांड की. जिसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने महिला से बातचीत करना बंद कर दिया.

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बेटे की शादी हो जाने के बाद पीड़ित महिला ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस मामले की जांच कर रही है. यह मामला कर्नाटक के बड़े साइबर फ्रॉड में से एक हो सकता है.

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