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ऑस्ट्रेलिया जाने निकला दिल्ली का युवक, ईरान में बंधक बना, 20 लाख फिरौती देकर छुड़ाया गया

Delhi Youth Australia Immigration Fraud: पूरे प्रकरण में जबरदस्त ट्विस्ट भी है. ‘इमिग्रेशन एजेंट’ अमन राठी को इंडोनेशिया में जो एजेंट मिला था, वह खुद फर्जी थी. अमन और हिमांशु दिल्ली से ईरान उड़े तो ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए थे. लेकिन पहुंच गए चाबहार. यहां उन्हें अगवा कर एक सुनसान घर में बंद कर दिया गया.

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Australia Visa Scam Delhi Youth Kidnapped In Iran
मामले की जांच से जुट गई है पुलिस. (फाइल फोटो)
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रिदम कुमार
15 सितंबर 2025 (Updated: 15 सितंबर 2025, 02:50 PM IST)
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विदेश जाकर पढ़ने, काम करने और बसने का सपना हर कोई एक-न-एक बार तो जरूर देखता है. लेकिन कई बार यह सपना एक बुरी हकीकत बन जाता है. ऐसा ही कुछ है दिल्ली के रहने वाले एक 26 साल के शख्स के साथ. यह ऑस्ट्रेलिया में नौकरी करने का सपना लेकर घर से निकला. लेकिन ऑस्ट्रेलिया तो दूर वह ईरान पहुंच गया. यहां बंधक बनाकर रखा गया. मारा-पीटा गया. इतना ही नहीं शख्स के परिवार ने जब 20 लाख रुपये के फिरौती दी, तब जाकर उन्हें छोड़ा गया. 

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 26 साल का हिमांशु माथुर नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के कराला इलाके में रहने वाला है. कुछ वक्त पहले उसकी मुलाकात करनाल (हरियाणा) के रहने वाले अमन राठी से हुई. इस शख्स ने खुद को ‘इमिग्रेशन एजेंट’ बताया. उसने हिमांशु को भरोसा दिलाया कि अगर वह “कंटीन्युअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट कोर्स” नाम का कोर्स कर लेगा तो उसे शिप पर नौकरी मिल सकती है. फिर इसके आधार पर उसे ऑस्ट्रेलिया का वर्क वीज़ा मिल जाएगा.

15 दिन का कोर्स और शिप पर नौकरी

मन में ऑस्ट्रेलिया जाकर काम करने का सपना लिए हिमांशु ने उस पर भरोसा कर लिया. इसके बाद उसने नोएडा में 15 दिन का यह कोर्स पूरा किया. एजेंट ने उससे वादा किया था कि वह खुद उसके साथ जाएगा और उसे उसकी डेस्टिनेशन पर पहुंचाकर आएगा. लेकिन अगस्त की शुरुआत में कथित ‘इमिग्रेशन एजेंट’ अमन ने हिमांशु को बताया कि वह इस समय इंडोनेशिया में है. उसे वहां एक एजेंट मिला है, जो 19 लाख रुपये में ऑस्ट्रेलिया का वीज़ा लगवा सकता है.

इसके बाद हिमांशु तुरंत इंडोनेशिया के जकार्ता पहुंचा. यहां उसकी अमन और एक अन्य शख्स विशाल, जो पानीपत का रहने वाला था, से मुलाकात हुई. इसके बाद अमन ने हिमांशु के भाई डिंपी से 12 लाख रुपये करनाल में अपने एक साथी को देने को कहा. बाकी बचे हुए 7 लाख बाद में देने की बात हुई. करीब तीन हफ्ते जकार्ता में रहने के बाद वे तीनों भारत लौटे. 29 अगस्त को एजेंट अमन और हिमांशु दिल्ली से ईरान रवाना हुए, यह सोचकर कि वहां से ऑस्ट्रेलिया जाएंगे.

अगवा, टॉर्चर और फिरौती

पूरे प्रकरण में जबरदस्त ट्विस्ट भी है. ‘इमिग्रेशन एजेंट’ अमन राठी को इंडोनेशिया में जो एजेंट मिला था, वह खुद फर्जी था. इतना ही नहीं मिठू नाम का यह फर्जी एजेंट ईरान के इस गैंग का हिस्सा था. अमन और हिमांशु दिल्ली से ईरान उड़े तो ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए थे. लेकिन पहुंच गए चाबहार. यहां उन्हें अगवा कर एक सुनसान घर में बंद कर दिया गया. 

हिमांशु ने पुलिस को बताया कि हमें लोहे की पाइप से मारा गया. कहा गया कि अगर पैसे नहीं दिए तो हमें मारकर अंग निकाल लिए जाएंगे. इसके बाद गैंग ने हिमांशु के भाई डिंपी को वीडियो कॉल करके उसकी पिटाई भी दिखाई. उनसे 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी. मोलभाव के बाद 20 लाख रुपये की फिरौती तय हुई, जो जालंधर में गैंग से जुड़े एक व्यक्ति को दी गई. फिरौती देने के बाद दोनों को चाबहार एयरपोर्ट पर छोड़ दिया गया. यहां से वे 7 सितंबर को दिल्ली लौटे.

पुलिस जांच जारी

पुलिस ने बताया कि जब हिमांशु दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पहुंचा तो वह बुरी तरह डरा हुआ और मानसिक रूप से टूट चुका था. परिवार ने निवेदन पर पुलिस ने उसे घर भेज दिया ताकि वह थोड़ा ठीक हो सके. पुलिस ने कहा कि उसका बयान बाद में दर्ज किया जाएगा.

वहीं, इस मामले में BNS की धारा 140 (फिरौती के लिए अपहरण) और धारा 61 (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है.

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