मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर अंधाधुंध फायरिंग, 2 जवानों की मौत, कई की हालत गंभीर
पुलिस ने बताया घटना शाम करीब 5.40 बजे हुई. जिस जगह पर घात लगाकर ये हमला किया गया, वो इम्फाल एयरपोर्ट से लगभग 8 किलोमीटर दूर है. असम राइफल्स के जवान इम्फाल से एक 407 टाटा वाहन में यात्रा कर रहे थे.

मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने असम राइफल्स के काफिले पर अंधाधुंध गोलीबारी की है. बताया जा रहा है कि इस हमले में असम राइफल्स के दो जवानों की मौत हो गई है, जबकि कई जवान घायल हैं. हमला 18 सितंबर की देर शाम नाम्बोल पुलिस थाने के अंतर्गत नाम्बोल सबल लेईकाई के पास हुआ, जब 33 असम राइफल्स के जवानों को लेकर एक वाहन इम्फाल से बिष्णुपुर की ओर जा रहा था.
घायलों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया. जहां कई जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है. मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे राज्य के लिए एक 'क्रूर आघात' बताया. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा,
हमले की खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं. दो जवानों की शहादत और कई अन्य का घायल होना, हम सभी के लिए एक क्रूर आघात है. शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. उनका साहस और बलिदान सदैव हमारे दिलों में रहेगा. इस जघन्य कृत्य के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

वहीं, मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने हमले की निंदा करते हुए इसे 'हिंसा का एक जघन्य कृत्य' बताया. एक X पोस्ट के जरिए राजभवन ने मृतक जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए लिखा,
हम इस घटना में घायल हुए जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. हिंसा के ऐसे जघन्य कृत्यों को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
राज्यपाल ने चेतावनी दी कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए ऐसे हमलों का कड़ा विरोध किया जाएगा.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, पुलिस ने बताया घटना शाम करीब 5.40 बजे हुई. जिस जगह पर घात लगाकर ये हमला किया गया, वो इम्फाल एयरपोर्ट से लगभग 8 किलोमीटर दूर है. असम राइफल्स के जवान इम्फाल से एक 407 टाटा वाहन में यात्रा कर रहे थे.
स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों ने घायल सैनिकों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया. बताया गया कि सुरक्षा बलों का बड़ा काफिला हमले वाली जगह पर पहुंच गए हैं आगे की जांच के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी गई है.
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21 सितम्बर 1949 के मणिपुर विलय समझौते के विरोध में घाटी आधारित उग्रवादी ग्रुप्स ने बंद का आह्वान किया है. ये हमला इससे ठीक दो दिन पहले हुआ है. बताते चलें कि 3 मई, 2023 को हिंसा भड़कने के बाद से मणिपुर संघर्ष से जूझ रहा है.
इस तरह का आखिरी हमला बीते साल असम के कछार जिले की सीमा से लगे जिरीबाम जिले में हुआ था. तब संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में CRPF के एक जवान की जान चली गई थी. वहीं, दो CRPF जवानों और दो मणिपुर पुलिस कर्मियों समेत तीन अन्य घायल हो गए थे.
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