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छत्तीसगढ़ में कोयला खनन प्रोजेक्ट पर बवाल, पत्थरबाजी-आगजनी, पुलिसकर्मी घायल

प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की और एक पुलिस बस, एक जीप और एक एम्बुलेंस में आग लगा दी. कई सरकारी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया.

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arson vandalism during protest against jindal coal mining project chhattisgarh raiagarh
विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों की तस्वीर पूर्व CM भूपेश बघेल ने शेयर की है. (Photo- X/Bhupesh Baghel)
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मानस राज
28 दिसंबर 2025 (Published: 04:08 PM IST)
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छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के रायगढ़ (Raigarh Protest) जिले के तमनार इलाके में एक कोयला खनन प्रोजेक्ट (Coal Mining Project) का विरोध, हिंसक प्रदर्शन में बदल गया. प्रदर्शनकारियों के बीच से कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वहां खड़ी पुलिस प्रशासन की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. 

अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि 27 दिसंबर को भीड़ ने जिंदल पावर लिमिटेड के कोयला हैंडलिंग प्लांट पर हमला कर दिया. भीड़ ने एक कन्वेयर बेल्ट, दो ट्रैक्टर और वहां खड़ी बाकी गाड़ियों में आग लगा दी. उन्होंने ऑफिस परिसर में भी तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की और एक पुलिस बस, एक जीप और एक एम्बुलेंस में आग लगा दी. साथ ही कई अन्य सरकारी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया. 

पुलिस के मुताबिक, लिब्रा गांव में जिंदल कोल हैंडलिंग प्लांट (CHP) चौक पर तनाव बढ़ गया. यहां 12 दिसंबर से ही विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम चल रहा है. जिला प्रशासन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि तमनार इलाके में (गारे पेल्मा) सेक्टर-I कोल ब्लॉक के तहत 14 प्रभावित गांवों के ग्रामीण 8 दिसंबर को धौराभाठा में प्रोजेक्ट के लिए हुई पब्लिक हियरिंग के खिलाफ 12 दिसंबर से लिब्रा गांव में CHP चौक पर धरने पर बैठे हैं. पुलिस के अनुसार, जब पुलिस ने सड़क खाली कराने की कोशिश की तो भीड़ बढ़ गई और हिंसक हो गई. इसी दौरान पथराव हुआ और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई.

हिंसा में एक SDPO, अनिल विश्वकर्मा, एक स्थानीय SHO और एक कांस्टेबल समेत आठ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भीड़ को भड़काने के लिए कुछ असामाजिक तत्व जिम्मेदार हैं. उन्हीं की वजह से पत्थरबाजी की घटना हुई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. कलेक्टर ने बताया,

उन्हें जवाबी कार्रवाई करने का आदेश नहीं था, इसलिए अधिकारियों को अपनी सुरक्षा के लिए पीछे हटना पड़ा. दो घंटे बाद, हमने बातचीत करने के लिए दो और कोशिशें कीं. जब हम लोगों के ग्रुप से मिलने के लिए आगे बढ़े, तो भीड़ आक्रामक हो गई, पत्थरबाजी फिर से शुरू कर दी और हमारी टीम का पीछा किया. 

ऐसा लगता है कि इस भीड़ का कोई लीडर नहीं है. हम फिलहाल स्थानीय ग्रामीणों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ घायलों को इलाज के लिए रायगढ़ शिफ्ट कर दिया गया है.

कांग्रेस का सरकार पर हमला

इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा,

भाजपा की डबल इंजन सरकार अपने पूंजीपति मित्रों का हित साधने हेतु जनता के संवैधानिक अधिकारों को कुचल रही है. गारे पेलमा में कोल ब्लॉक आवंटन के लिए करवाई गई फर्जी जनसुवाई को निरस्त करने की मांग लेकर विगत 9 दिसंबर से ही तमनार में क्षेत्रवासी शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अपने उद्योगपति आकाओं को खुश करने के लिए भाजपा के डबल इंजन ने आज आंदोलनरत सैकड़ों ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया.

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पब्लिक हियरिंग में नियम तोड़ने का आरोप

प्रशासन के मुताबिक फिलहाल ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है जिनके जरिए प्रोटेस्ट कर रहे लोगों से बातचीत की जा सके. गांव के लोगों की मांग है कि खनन प्रोजेक्ट को रद्द किया जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि इसे मंजूरी देने के लिए हुई पब्लिक हियरिंग में तय नियमों का उल्लंघन किया गया है. गांव वालों का दावा है कि 27 दिसंबर की सुबह पुलिस द्वारा प्रदर्शन स्थल से प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश के बाद स्थिति बिगड़ गई.

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