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अंकिता भंडारी मर्डर केस में कोर्ट का फैसला, पूर्व बीजेपी नेता के बेटे समेत सभी दोषियों को उम्रकैद

Ankita Bhandari और Pulkit Arya के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था. 18 सितंबर, 2022 को अंकिता को लेकर पुलकित ऋषिकेश की चीला नहर पर पहुंचा. इसके बाद, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया. छह दिनों तक शव पानी में ही रहा.

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Ankita Bhandari Verdict
अंकिता भंडारी. (फाइल फोटो: एजेंसी)
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रवि सुमन
30 मई 2025 (Updated: 30 मई 2025, 03:45 PM IST) कॉमेंट्स
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अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. 

पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य को इस मामले का मुख्य आरोपी बनाया गया था. वो उस ‘वनतरा रिजॉर्ट’ का मालिक था जहां अंकिता रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी. उसके अलावा उसके ही रिजॉर्ट में काम करने वाले सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी दोषी करार दिया गया है. तीनों ने मिलकर अंकिता को नहर में धकेल दिया था. छह दिनों शव पानी में ही रहा.

कोर्ट का फैसला जानने अंकिता की मां सोनी देवी ‘एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट, कोटद्वार’ पहुंची थीं. सजा सुनाए जाने से पहले उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा था कि आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. 

Ankita Bhandari Murder Case क्या था?

19 साल की अंकिता भंडारी, उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में रहती थीं. इसी जिले में स्थित ‘वनतरा रिजॉर्ट’ में अंकिता रिसेप्शनिस्ट का काम करती थीं. 18 सितंबर, 2022 को वो हर रोज की ही तरह अपने काम पर गईं. लेकिन वापस नहीं लौटीं, वो लापता हो गईं. 

छह दिन बाद 24 सितंबर, 2022 को SDRF टीम को चीला पावर हाउस में स्थित नहर (इनटेक) में कुछ संदिग्ध चीज दिखी. उन्होंने उसे बाहर निकाला तो पता चला कि वो एक लड़की की लाश थी. वो किसी और लड़की का शव नहीं था बल्कि वही अंकिता भंडारी थीं जो छह दिन पहले लापता हो गई थीं.

तीन लोगों पर संदेह था. पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता. तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. मामले की जांच के लिए DIG (कानून-व्यवस्था) पी रेणुका देवी के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया. 

पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया. लेकिन ये आरोपी था कौन? और इस पर अंकिता की हत्या के आरोप क्यों लगे?

दरअसल, पुलकित उस ‘वनतरा रिजॉर्ट’ का मालिक था जिसमें अंकिता काम करती थी. पुलकित की ओर पहचान है. आरोपी हरिद्वार में भाजपा के नेता रहे विनोद आर्य का बेटा है. 

इस केस से भाजपा नेता का नाम आने के बाद राज्य से लेकर दिल्ली तक विरोध की आवाजें उठने लगीं. लोग सड़कों पर उतरे. इसके बाद भाजपा ने विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया. पुलकित का भाई अंकित आर्य को राज्य सरकार ने उत्तराखंड के अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आयोग का उपाध्यक्ष बना रखा था. इस खबर के बाद सरकार ने अंकित को भी इस पद से मुक्त कर दिया.

बाकि दो आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता भी उसी रिजॉर्ट में काम करते थे.

तीनों आरोपियों ने अंकिता भंडारी से साथ किया क्या?

SIT ने अपनी जांच के बाद 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार की. कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई. पहली सुनवाई 30 जनवरी, 2023 को हुई. 28 मार्च, 2023 को कोर्ट में गवाही शुरू की गई. 

अंकिता और पुलकित के बीच विवाद हुआ था. आरोप लगे थे कि पुलकित ने अंकिता को एक ‘वीआईपी गेस्ट’ को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देने को कहा था. अंकिता ने मना कर दिया. इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ. 

18 सितंबर, 2022 को अंकिता को लेकर पुलकित ऋषिकेश की चीला नहर पर पहुंचा. इसके बाद, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया. छह दिनों तक शव पानी में ही रहा.

SIT ने इस मामले को लेकर 97 गवाह बनाए थे. हालांकि, कोर्ट में 47 अहम गवाहों को पेश किया गया.

वीडियो: अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित के पिता विनोद आर्य ने बेटे को पूरी तरह से बेकसूर बताया

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