'तिरुपति मंदिर से 100 करोड़ रुपये की चोरी..', नायडू के मंत्री ने जगन सरकार पर गंभीर आरोप लगा दिया
Tirupati Mandir Theft Case: IT मंत्री नारा लोकेश ने X पर एक लंबा पोस्ट किया. इसके जरिए उन्होंने आरोप लगाया कि अराजकता YSRCP शासन की पहचान थी. तब राज्य माफिया डॉन, चोरों और अन्य असामाजिक तत्वों के लिए ‘एक सुरक्षित आश्रय बन गया था’.

‘वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के परकामनी (दानपेटी) से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की चोरी हुई थी.’
ये आरोप लगाया है आंध्रप्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्री और तेलगू देशम पार्टी (TDP) नेता नारा लोकेश ने. उन्होंने कहा कि ‘2019-24 में किए गए पापों’ की पूरी तस्वीर जल्द ही सामने आ जाएगी. नारा लोकेश ने अपने दावे के समर्थन में एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया है.
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के सदस्य और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता भानु प्रकाश रेड्डी ने भी इन दावों को दोहराया है. TTD ही तिरुपति मंदिर का प्रबंधन करता है. आंध्रप्रदेश की सरकार TTD और BJP मिलकर चला रहे हैं. दोनों नेताओं ने दावा किया कि 2019 से 2024 तक चले YSRCP शासन के तहत TTD के इतिहास में ‘सबसे बड़ी लूट’ थी.
IT मंत्री नारा लोकेश ने X पर एक लंबा पोस्ट किया. इसके जरिए उन्होंने आरोप लगाया कि अराजकता YSRCP शासन की पहचान थी. तब राज्य माफिया डॉन, चोरों और अन्य असामाजिक तत्वों के लिए ‘एक सुरक्षित आश्रय बन गया था’. उन्होंने आगे लिखा,
उन्होंने (YSRCP सरकार) न सिर्फ खदानों, भूमि और जंगलों जैसे प्राकृतिक संसाधनों को लूटा. बल्कि लोगों को भी लूटा. उन्होंने तिरुमला के भगवान वेंकटेश्वर की संपत्ति को भी नहीं बख्शा. जाहिर तौर पर उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और तत्कालीन TTD अध्यक्ष भुमना करुणाकर रेड्डी का समर्थन हासिल था.
TDP नेता नारा लोकेश ने आगे लिखा,
चुराए गए पैसों को रियल एस्टेट में निवेश किया गया था. आरोपियों ने खुद संकेत दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री और अन्य साजिश का हिस्सा थे और उन्हें उनका हिस्सा मिला. इस पूरी कवायत में तत्कालीन TTD अध्यक्ष भुमना करुणाकर रेड्डी मध्यस्थ के रूप में काम कर रहे थे.

नारा लोकेश ने ये भी कहा कि चोरी का मामला सामने आने के बाद करुणाकर रेड्डी और उनके लोगों ने लोक अदालत के जरिए मामले को सुलझाने की कोशिश की. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने दावा किया कि एक अधिकारी जल्द ही पश्चाताप कर सकता है और 100 करोड़ रुपये के घोटाले का पूरा ब्यौरा उजागर कर सकता है.
नारा लोकेश के मुताबिक, इससे भी बदतर स्थिति ये थी कि तिरुमाला लड्डू में ‘मिलावट की गई’, जिसे दुनिया भर के भक्त पवित्र मानते हैं. जगन मोहन रेड्डी और उनकी पार्टी के नेताओं ने चंद्रबाबू नायडू (तत्कालीन विपक्ष के नेता) की ‘सलाह पर भी ध्यान नहीं दिया’. तब चंद्रबाबू ने कहा था कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के मामलों में हस्तक्षेप न करें.
वीडियो: तारीख: 46 साल पहले आधी रात को तिरुपति मंदिर में आखिर ऐसा क्या हुआ था?