दिल्ली का प्रदूषण बर्दाश्त से बाहर, फार्मा कंपनी के फाइनेंस हेड ने नौकरी छोड़ी
फार्मा कंपनी के फाइनेंस हेड ने दिल्ली के प्रदूषण को कारण बताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने खुद को जल्द से जल्द रिलीज करने को कहा है. कंपनी ने इस्तीफे पर जवाब देते हुए कहा कि वह उनके फैसले से दुखी है लेकिन उन्हें कंपनी में बने रहने के लिए मना नहीं पाई.
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दिल्ली का नाम लेते ही अब अगला शब्द कोई मुंह से निकलता है तो वो ‘पल्यूशन’ है. यहां हवा हर दिन खराब होने के नए रिकॉर्ड बना रही है. डॉक्टर लोग तो सेंसिटिव या कमजोर फेफड़ों वाले लोगों को तत्काल दिल्ली छोड़ देने की सलाह भी दे रहे हैं. नई खबर ये है कि लोग इस सलाह पर अमल भी करने लगे हैं. एक फार्मा कंपनी के वित्तीय प्रमुख (Finance Head) ने दिल्ली में प्रदूषण की वजह से नौकरी छोड़ दी. उन्होंने बाकायदा अपने इस्तीफे के लिए प्रदूषण को जिम्मेदार बताया है. कंपनी ने उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नहीं माने. थक-हारकर उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दवा बनाने वाली कंपनी Akums Drugs and Pharmaceuticals के फाइनेंस हेड राजकुमार बाफना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बाफना ने अपने ईमेल में लिखा कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए वह फाइनेंस हेड की पोजिशन से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्हें जल्द से जल्द कार्यभार से मुक्त कर दिया जाए.
दिसंबर की शुरुआत में इस्तीफा देने वाले बाफना को कंपनी ने मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नहीं माने. हारकर कंपनी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर दिया. कंपनी में उनका अंतिम दिन 31 दिसंबर निर्धारित किया गया है.
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, फार्मास्यूटिकल्स कंपनी ने अपने बयान में कहा कि वह बाफना के फैसले से दुखी है, लेकिन उनके हालात को समझती है. कंपनी के मैनेजमेंट ने ये बात भी मानी कि उनकी सेहत को लेकर समस्याएं थीं और इस वजह से उन्हें कंपनी में बने रहने के लिए मनाना असंभव था. इस्तीफे के जवाब में कंपनी का ‘निराश’ बयान था,
हमें उनके फैसले पर खेद है, लेकिन हम उन्हें मना नहीं पाए.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजकुमार बाफना को प्रदूषण के कारण लगातार खांसी और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं हो रही थीं. उन्होंने प्रदूषण को अपने इस्तीफे का कारण बताया और शायद उन्हें अलग वातावरण की आदत है. यहां की खराब हवा ने उनकी सेहत पर असर डाला होगा.
दिल्ली की हवा 'गंभीर'राजकुमार के लिए ये फैसला लेना निश्चित तौर पर आसान नहीं रहा होगा. फाइनेंस डिपार्टमेंट तो किसी भी कंपनी के सबसे अहम विभागों में से एक होता है. पूरी कंपनी के वित्तीय लेनदेन का जिम्मा, निगरानी सब इसी विभाग के पास रहता है. और राजकुमार इसके प्रमुख थे. उनकी मासिक सैलरी लाखों में होगी. इसके बावजूद उन्होंने पल्यूशन से परेशान होकर दिल्ली छोड़ने का फैसला किया है तो समझा जा सकता है कि राजधानी में हालात किस हद तक खराब हो चुके हैं.
जिन लोगों के लिए भी ये संभव है, वे अब यहां रहना नहीं चाहते. और इसके लिए अपनी नौकरियों की भी परवाह नहीं कर रहे हैं. एक्सप्रेस के अनुसार, रविवार, 28 दिसंबर को दिल्ली की हवा और खराब होकर फिर 'गंभीर' कैटेगरी के पास पहुंच गई. शनिवार, 27 दिसंबर को जहां AQI 385 था. एक दिन बाद ही वह बढ़कर 390 हो गया. इसी बीच, मौसम विभाग ने भी 29 दिसंबर (सोमवार) को घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
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