घोड़ी पर निकल सके दलित की बारात, इसलिए बारातियों से ज्यादा पुलिसवाले पहुंचे
Ajmer Dalit groom police protection: 20 साल पहले दुल्हन की बुआ की शादी में विवाद हुआ था. इसीलिए परिवार ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. ख़बर है कि भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, बिना किसी विवाद के शादी समारोह पूरा हो गया है.

राजस्थान के अजमेर ज़िले में एक शादी में 75 पुलिसवालों का पहुंचना सोशल मीडया पर सुर्खियां बटोर रहा है. यहां दलित दूल्हे की बाराती को लेकर विवाद ना हो जाए, इसके लिए पुलिसकर्मियों का जत्था पहुंचा था. इनमें ज़िले के एडिशनल SP दीपक कुमार भी शामिल थे (Ajmer Dalit groom protection). दरअसल, दलित परिवार ने आरोप था कि स्थानीय ‘उच्च जाति’ के लोग बारात का विरोध कर रहे थे. 20 साल पहले दुल्हन की बुआ की शादी में विवाद हुआ था. इसीलिए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी.
शादी की तारीख़ थी, 21 जनवरी. पुलिस अफ़सर पूरी टीम के साथ शादी में सुरक्षा के लिए पहुंचे थे. उपखंड अधिकारी (SDO) देवीलाल यादव, तहसीलदार ममता यादव, एडिशनल एसपी डॉ दीपक कुमार, डिप्टी एसपी जरनैल सिंह और आसपास के कई पुलिस थानों के पुलिस अफ़सर मौक़े पर मौजूद थे. भारी इंतेजामात के साथ टीमें पहुंचीं. वहीं, श्रीनगर गांव से दूल्हे विजय की बारात लवेरा गांव पहुंची.
ख़बर है कि भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, बिना किसी विवाद के शादी समारोह पूरा हो गया है. पुलिस अफ़सरों का कहना है कि बिना किसी रोक-टोक के घोड़ी पर बारात निकाली गई और शादी शांतिपूर्ण तरीक़े से पूरी हो गई है. मामले पर एडिशनल एसपी डॉ दीपक कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया है कि एहतियात के तौर पर टीमें पहुंची थीं कि कोई अप्रिय घटना ना हो. दीपक कुमार ने बताया,
गांव के पंच-पटेल, सभी मौजूद थे. शांतिपूर्ण तरीक़े से और गाजे-बाजे के साथ बारात निकाली गई थी.
आजतक के इनपुट के मुताबिक़, घटना ब्लॉक के लवेरा गांव की है. यहां नारायण खोरवाल नाम के दुल्हन के पिता को आशंका थी कि शादी समारोह में घोड़ी पर बारात पहुंचने पर विवाद हो सकता है. उनकी बेटी अरुणा की शादी श्रीनगर गांव के लोकेश से तय हुई. उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने पुलिस और प्रशासन को प्रार्थना पत्र भी सौंपा था.
इससे पहले, दुल्हन के पिता नारायण बताया था, ‘मेरे समुदाय में डर था और इसलिए हमने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी. 20 साल पहले मेरी बहन की शादी में भी विवाद हुआ था.’
20 साल पहले की क्या कहानी है?दैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक़, 9 जुलाई 2005 में नारायण की बहन सुनिता की शादी में कथित तौर पर प्रभावशाली वर्ग के लोगों ने बारात घोड़े पर निकालने पर आपत्ति जताई थी. उस वक़्त भी एहतियात के तौर पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के इंतेजाम किए थे. लेकिन इसके बावजूद विशेष वर्ग के दबाव में घोड़ी वाला बारात में से घोड़ी लेकर गायब हो गया था. साथ ही, बारात पुलिस जीप में निकाली गई थी.
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