एयर इंडिया का ये विमान बिना सर्टिफिकेट उड़ता रहा, DGCA ने जांच शुरू की
DGCA ने कहा कि 26 नवंबर 2025 को Air India ने उसे बताया कि उसके एक Airbus A320 विमान ने आठ रेवेन्यू सेक्टर के लिए एक्सपायर हो चुके एयरवर्दीनेस रिव्यू सर्टिफिकेट (ARC) पर उड़ान भरी थी.

भारतीय एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया ने माना है कि उसका एक Airbus A320 विमान बिना एयरवर्दीनेस लाइसेंस के कई बार उड़ा है. इस मामले में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने जांच शुरू कर दी है. इसके बाद एयर इंडिया ने सफाई में कहा कि इस घटना पर उसे खेद है और उसने घटना के जिम्मेदार लोगों को सस्पेंड कर दिया है. एयरलाइन ने अपनी तरफ से भी इंटर्नल इन्वेस्टिगेशन शुरू की है.
इंडिया टुडे से जुड़े अमित भारद्वाज की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया के Airbus A320 विमान ने नवंबर 2025 में एयरवर्दीनेस रिव्यू सर्टिफिकेट के बिना कई बार उड़ानें भरी थीं. DGCA ने एक बयान में कहा,
"प्राप्त अथॉरिटी के तहत एयर इंडिया अपने ऑपरेट किए जाने वाले विमान के लिए एयरवर्दीनेस रिव्यू सर्टिफिकेट (ARC) जारी करता है. ARC हर साल किसी विमान के मेंटेनेंस रिकॉर्ड, फिजिकल कंडीशन और सभी एयरवर्दीनेस स्टैंडर्ड्स के कम्प्लायंस के वेरिफिकेशन के बाद जारी किया जाता है. यह एयरक्राफ्ट के मेन सर्टिफिकेट ऑफ एयरवर्थनेस (C of A) के वैलिडेशन का काम करता है.
विस्तारा के एयर इंडिया में मर्जर प्रोसेस के हिस्से के तौर पर साल 2024 में सभी 70 विस्तारा विमानों के लिए यह तय किया गया था कि मर्जर के बाद पहला ARC रिन्यूअल DGCA करेगा. आज तक ऑपरेटर के संतोषजनक कम्प्लायंस के बाद सभी 69 विमानों के लिए DGCA ने ARC जारी किया है."
DGCA ने आगे बताया कि 70वें विमान के लिए ऑपरेटर ने DGCA में एप्लिकेशन फाइल की और बाद में इंजन बदलने के लिए विमान को ग्राउंड कर दिया गया. इस दौरान ARC एक्सपायर हो गया, लेकिन इंजन बदलने के बाद विमान को सर्विस के लिए छोड़ दिया गया.
DGCA ने कहा,
"26 नवंबर 2025 को ऑपरेटर ने DGCA को बताया कि विमान आठ रेवेन्यू सेक्टर के लिए एक्सपायर हो चुके ARC पर उड़ रहा है. DGCA ने जांच शुरू की है और ऑपरेटर को विमान को ग्राउंड करने का निर्देश दिया है. ARC प्रोसेस चल रहा है. जांच पूरी होने तक संबंधित कर्मचारियों को तुरंत डी-रोस्टर कर दिया गया है."
DGCA के निर्देश पर एयर इंडिया अपने सिस्टम में कमियों का पता लगाने के लिए इंटर्नल जांच कर रही है. एयरलाइन को भविष्य में ऐसी गड़बड़ी रोकने के तरीके ढूंढने के लिए भी कहा गया है. इस पर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बयान दिया कि एयर इंडिया हाई स्टैंडर्ड का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है.
बयान में कहा गया कि जरूरी प्रोटोकॉल के पालन में किसी भी तरह की गड़बड़ी को बहुत गंभीरता से लिया जाता है. प्रवक्ता ने कहा,
“हमारे एक विमान के बिना एयरवर्दीनेस रिव्यू सर्टिफिकेट के ऑपरेशन (यानी उड़ान भरने) से जुड़ी घटना खेदजनक है. जैसे ही यह हमारे संज्ञान में आया, इसकी सूचना DGCA को दी गई और इस फैसले से जुड़े सभी कर्मियों को आगे की समीक्षा तक निलंबित कर दिया गया है."
एयर इंडिया ने बताया कि उसने इस मामले में एक आंतिरक जांच शुरू की है. एयरलाइन ने यह भी कहा कि वो इस मामले में DGCA के साथ पूरा सहयोग कर रही है. DGCA के एयरवर्दीनेस प्रोसीजर मैनुअल के मुताबिक,
"विमान का एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट (उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र) DGCA हेडक्वार्टर द्वारा एक कंप्लीट एयरक्राफ्ट के लिए जारी किया जाता है, जो दिखाता है कि वह विमान जरूरी डिजाइन की आवश्यकताओं को पूरा करता है और उड़ान के लिए सुरक्षित स्थिति में है. विमान का मुआयना और एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट जारी करने से यह सुनिश्चित होता है कि विमान उड़ान के लिए ठीक और सुरक्षित है."

इस विमान का एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट नहीं था. इस सर्टिफिकेट से साबित होता है कि विमान उड़ान भरने के लिए सुरक्षित है. एयरक्राफ्ट रूल्स, 1937 के तहत एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेट के बगैर किसी भी विमान को उड़ान भरने की इजाजत नहीं है.
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