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CJI गवई पर जूता क्यों चलाया? हमला करने वाले वकील ने अपना पक्ष रखा है

CJI BR Gavai पर जूता चलाने की कोशिश करने वाले वकील ने कहा कि वो अहिंसा में यकीन रखते हैं. आज तक उन पर किसी भी तरह का कोई केस नहीं है. न ही वो किसी ग्रुप या संगठन से जुड़े हैं. बावजूद इसके, उन्हें ये क्यों करना पड़ा? ये पूरे देश को सोचना चाहिए.

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सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले राकेश का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है (PHOTO- ANI/India Today)
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मानस राज
7 अक्तूबर 2025 (Published: 11:16 AM IST)
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6 अक्टूबर को भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक शर्मनाक घटना घटी थी. भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर एक वकील ने जूता फेंकने की कोशिश की. हालांकि वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उसे रोक लिया और पकड़कर बाहर ले गए. बाहर जाते-जाते शख्स नारा लगा रहा था कि 'सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान'. सीजेआई ने इस मामले में कोई भी आरोप दाखिल नहीं किये, न मुकदमा लिखाया, लिहाजा उन्हें छोड़ दिया गया. अब सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर का भी बयान सामने आया है.

क्या कहा वकील ने?

बार काउंसिल ऑफ इंडिया से निलंबित वकील ने समाचार एजेंसी ANI से कहा

मैं बहुत ज्यादा आहत हुआ. 16 सितंबर को किसी व्यक्ति ने कोर्ट में PIL दाखिल की. गवई साहब ने उसका पूरी तरह से मजाक उड़ाया. मजाक यानि उन्होंने कहा कि आप मूर्ति से कहो कि वो खुद अपना सर री-स्टोर कर लें. जबकि हम देखते हैं कि यही चीफ जस्टिस बहुत सारे दूसरे धर्मों के खिलाफ जो दूसरे समुदाय के लोग हैं, उनके खिलाफ कोई केस आता है तो बड़े-बड़े स्टेप लेते हैं.

वकील राकेश ने आगे हल्द्वानी हिंसा का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जब वहां एक विशेष समुदाय द्वारा कब्जा की गई जमीन खाली कराई जाने लगी तो सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया जो आज तक लगा हुआ है. वकील ने कहा

ये सब करते हैं तो ठीक है लेकिन जब हमारे सनातन धर्म का मामला आता है, जैसे वो जल्लीकट्टू हो, दही-हांडी की ऊंचाई हो; सुप्रीम कोर्ट ऐसा कोई न कोई ऑर्डर पास करती आ रही है जिससे मैं बहुत दुखी रहा हूं. अगर आपको उस आदमी को राहत नहीं देनी तो मत दीजिए, लेकिन उसका मजाक भी मत बनाइए. 

वकील ने कहा कि वो अहिंसा में यकीन रखते हैं. आज तक उन पर किसी भी तरह का कोई केस नहीं है. न ही वो किसी ग्रुप या संगठन से जुड़े हैं. बावजूद इसके, उन्हें ये क्यों करना पड़ा? ये पूरे देश को सोचना चाहिए. वकील ने ये भी कहा कि वो पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं, गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि 6 अक्टूबर की घटना के दौरान वो पूरी तरह होश में थे, न कि किसी तरह के नशे में. वकील के अनुसार CJI के साथ जो करने की कोशिश उन्होंने की, उसके लिए उन्हें कोई डर या किसी बात का अफसोस नहीं है.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में किसने किया CJI बीआर गवई पर हमला?

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