ED ने सत्येंद्र जैन से जुड़ी 7.44 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की
मार्च 2022 में भी ED ने सत्येंद्र जैन की 4.81 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी. अब तक कुल अटैचमेंट 12.25 करोड़ रुपये हो गया है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों की 7.44 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. यह कार्रवाई 15 सितंबर को मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA), 2002 के तहत हुई. यह जांच CBI के 2017 के केस से जुड़ी है, जिसमें आरोप था कि जैन ने फरवरी 2015 से मई 2017 के बीच मंत्री रहते हुए अपनी आय से ज्यादा संपत्ति बनाई. दिसंबर 2018 में CBI ने जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य पर चार्जशीट दाखिल की थी.
मार्च 2022 में भी ED ने जैन से जुड़ी 4.81 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी. अब कुल अटैचमेंट 12.25 करोड़ रुपये हो गया है. ED का दावा है कि यही वह पूरी रकम है जो जैन ने अवैध तरीके से अर्जित की.
ED के अनुसार, नोटबंदी (नवंबर 2016) के बाद जैन के करीबी सहयोगियों अंकुश जैन और वैभव जैन ने 7.44 करोड़ रुपये नकद में इनकम डिस्क्लोज़र स्कीम (IDS) के तहत टैक्स में जमा किए थे. उन्होंने 16.53 करोड़ की संपत्ति चार कंपनियों के नाम पर दिखाई थी. जांच में साबित हुआ कि ये कंपनियां वास्तव में सत्येंद्र जैन के ही नियंत्रण में थीं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी इन सहयोगियों को जैन का "बेनामी धारक" माना. इसके बाद ED ने अपनी रिपोर्ट CBI को दी और CBI ने जैन पर अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल की. अब ED भी कोर्ट में नई सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है.
सत्येंद्र जैन को ED ने 30 मई 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरोप है कि उन्होंने चार शेल कंपनियों के जरिए काले धन को वैध किया. करीब दो साल जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली. दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने जैन को 18 अक्तूबर, 2024 को जमानत दी थी.
वीडियो: सत्येंद्र जैन को मिली जमानत, 18 महीने बाद जेल से आएंगे बाहर, कोर्ट ने क्या कहा?