'रोती मां को बहू-बेटा जबरन वृद्धाश्रम भेज रहे हैं', वायरल वीडियो का सच ये निकला!
वायरल वीडियो में एक बूढ़ी महिला रो रही है. सामने उसके बेटा और बहू खड़े हैं. उसके रोने का कारण यही दोनों हैं.

एक बूढ़ी महिला फफक-फफक कर रो रही है. कह रही है कि मेरे बेटे और बहू ने मुझे घर से निकाल दिया. उस रोती हुई महिला के सामने उसके कथित बेटे और बहू भी खड़े हैं. दोनों अपने अपने तर्क रख रहे हैं. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसे यूजर्स अलग-अलग दावों के साथ शेयर कर रहे हैं.
मिसाल के तौर पर, एक ट्विटर (X) यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “वीडियो को देखते वक्त जब मां रोईं तो मेरी आँखों में भी आंसू आ गए.जो मां-बाप आपको पाल पोसकर बड़ा करते हैं, उनको जबरदस्ती वृद्धाश्रम कैसे छोड़ सकते हैं लोग? क्या दिल नहीं पसीजता? आँखें नहीं भर आती? क़ुरआन में कहा गया है कि मां-बाप के साथ अच्छा बर्ताव करो. अगर उनमें से कोई एक या दोनों ही तुम्हारे सामने बुढ़ापे की मज़िल पर पहुंच जाएं तो उन्हें 'उफ़' तक न कहो और न उन्हें झिड़को, बल्कि उनसे मेहरबानी से बात करो.”
(पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक यहां देख सकते हैं.)
इसके अलावा कई अन्य ट्विटर (X) यूजर ने भी वायरल वीडियो को शेयर किया है जिसे आप नीचे देख सकते हैं.
पड़ताल‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है.
दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया. हमें यह वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर मिला, जिसे मई 2022 में अपलोड किया गया था. इससे यह साफ है कि वीडियो साल भर पहले से इंटरनेट पर मौजूद है. इससे मदद लेते हुए हमने फेसबुक पर कुछ कीवर्ड सर्च किए.

हमें एक फेसबुक पेज ‘नया सवेरा’ पर भी यह वीडियो मिला, जिसे मई 2022 में अपलोड किया गया था. वीडियो के नीचे एक लिंक था जिसपर लिखा था, ‘Rahul Nawab (राहुल नवाब) के अन्य ओरिजिनल वीडियो यहां देखे’. इसपर क्लिक करने के बाद हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला. इसे 26 मई 2022 को अपलोड किया गया था. राहुल नवाब ने अपने पेज पर सामाजिक मुद्दे से जुड़े ऐसे कई वीडियो हैं.
इनमें से कई वीडियो में वायरल वीडियो में नज़र आ रही वृद्ध महिला दिखाई दी. इससे यह साफ है कि इन वीडियो में नज़र आ रहें लोग कलाकार हैं.

इसकी पुष्टि के लिए हमने राहुल के यूट्यूब चैनल पर दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया. राहुल नवाब ने ‘दी लल्लनटॉप’ से बातचीत में वायरल दावे का खंडन किया. उन्होंने हमें बताया, “वीडियो में नज़र आ रहे सभी लोग कलाकार हैं. जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसे मैंने अपने साथियों के साथ मिलकर पिछले साल रिकॉर्ड किया था. हमारा मकसद है समाज में जागरूकता फैलाना. इसी उद्देश्य के साथ हम अपने पेज पर वीडियो अपलोड करते हैं.”
समाजिक मुद्दे पर बनाए गए ऐसे कई वीडियो भ्रामक दावे के साथ पहले भी वायरल हो चुके हैं. हमने ऐसे कई Videos की पड़ताल की है, जिसे आप यहां देख सकते हैं.
नतीजाकुलमिलाकर, हमारी पड़ताल में दावा गलत निकला. एक महिला को अपने बेटे और बहू द्वारा वृद्धाश्रम छोड़ने का स्क्रिप्टेड वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल है.
पड़ताल की वॉट्सऐप हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
ट्विटर और फेसबुक पर फॉलो करने के लिए ट्विटर लिंक और फेसबुक लिंक पर क्लिक करें.
वीडियो: पड़ताल: मोहम्मद बिन सलमान के साउदी अरब ने पीएम मोदी की सोने की मूर्ति बनाई? पूरा सच ये है