‘पठान’ आ गई है. या कहें, ‘पठान’ आ गए हैं. चार साल बाद शाहरुख ख़ान (ShahrukhKhan) की फ़िल्म थिएटर में है. शाहरुख़-प्रेमी उतावले नहीं समा रहे हैं. और, ऐसे हीवाक्य का कुवाक्य कर रहे हैं. ‘कुवाक्य’ जैसे नए शब्द भी बना रहे रहैं. बाक़ी, जॉनअब्राहम के आदमी तो फ़िल्म को गरिया ही रहे हैं.