इरफ़ान के वो 10 धांसू सीरियल जो आपको ज़रूर देखने चाहिए
आपने उनको 'चंद्रकांता' में देखा है, लेकिन क्या 'किरदार' सीरीज़ में देखा है?
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'टोक्यो ट्रायल्स', 'कहकशां', 'चंद्रकांता' और 'बनेगी अपनी बात' सीरियल में इरफ़ान
वे एक महान एक्टर थे. उनको फिल्मों में तो आपने देखा ही होगा. लेकिन क्या उनके टीवी के सफ़र के बारे में जानते हैं? शायद अच्छे से नहीं जानते होंगे. तो आएं, एक नज़र डालते हैं कुछ ऐसे सीरियल्स पर जिनमें इरफ़ान की अनूठी अदाकारी देखने को मिली. इनमें से बहुत से सीरियल को दूरदर्शन फिर से टेलीकास्ट करेगा. इरफ़ान को ट्रिब्यूट के तौर पर.1. श्रीकांत (1985-1986)
दूरदर्शन के इस सीरियल से इरफ़ान का एक्टिंग करियर शुरू हुआ. यह शरतचंद्र चटर्जी के उपन्यास पर आधारित था.
बने रहिए @DDNational
— Doordarshan National (@DDNational) April 29, 2020
के साथ और जरूर देखिए हमारी प्रस्तुति “श्रीकांत” अपने चहेते इरफ़ान ख़ान के साथ, दोपहर 3.30 बजे pic.twitter.com/8l7m816g80
उनका रोल एक ऐसे आदमी का था, जो अपनी पत्नी को धोखा देता है. मराठी एक्ट्रेस मृणाल कुलकर्णी उनकी पत्नी के रोल में थीं. 'श्रीकांत' के लीड रोल में थे फ़ारूक़ शेख.

'श्रीकांत' सीरियल में मृणाल कुलकर्णी के साथ इरफ़ान
2. भारत एक खोज (1988)
यह आइकॉनिक सीरियल भी दूरदर्शन पर टेलीकास्ट हुआ. इसमें भारत का 5000 साल का इतिहास दिखाया गया था. यह 'डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया' किताब पर बेस्ड था. जिसे लिखा था भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने.
इरफ़ान एपिसोड 32 और 33 में नज़र आए थे. जब मुग़ल राजा अकबर की कहानी दिखाई जा रही थी. इरफ़ान ने रोल किया था 'अब्द अल-क़ादिर बदायूनी' का. जो अकबर के दरबार में इतिहासकार थे. उन्होंने रामायण और महाभारत का अनुवाद भी किया था.

'भारत एक खोज' टीवी सीरीज़ में इरफ़ान
3. कहकशां (1991-92)
दूरदर्शन का एक और नायाब सीरियल. अली सरदार जाफ़री का सपना था कि ऊर्दू लेखकों पर एक सीरियल बने. ताकि आम जनता को उनसे रूबरू करवाया जा सके. यह 6 महान ऊर्दू शायरों पर आधारित था. हसरत मोहानी, जिगर मोरादाबादी, जोश मलीहाबादी, मजाज़ लखनवी, फ़िराक़ गोरखपुरी, मखदूम मोहिउद्दीन.
इरफ़ान ने मखदूम का रोल निभाया था. मखदूम एक इंक़लाबी शायर थे. वे कॉलेज में ऊर्दू साहित्य पढ़ाते थे. राजनीति में भी सक्रिय थे. उन्होंने आज़ादी के आंदोलन में योगदान दिया. 1960 में उन्हें ऊर्दू के 'साहित्य अकादमी अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया. उनकी फेमस ग़ज़लों में से हैं - 'फिर छिड़ी रात बात फूलों की', और 'ये कौन आता है तन्हाइयों में जाम लिए'. इस सीरियल के पहले भाग में इरफ़ान की एक्टिंग देखें.
4. चाणक्य (1991-92)
दूरदर्शन के इस सीरियल के केंद्र में हैं चाणक्य. उनकी ज़िंदगी का एक फिक्शनल वर्ज़न दिखाया गया है. उनके लड़कपन से लेकर चन्द्रगुप्त मौर्य के राज्याभिषेक तक. लीड रोल किया था डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने. जो इस टीवी सीरीज़ के डायरेक्टर भी थे.
इरफ़ान ने इसमें रोल किया था सेनापति भद्रसाल का.

'चाणक्य' सीरियल में इरफ़ान
5. किरदार (1993-94)
दूरदर्शन की इस टीवी सीरीज़ को गुलज़ार ने डायरेक्ट किया था. यह ऊर्दू, हिंदी, बांग्ला के लेखकों की कहानियों पर बेस्ड थी. कुल 13 एपिसोड. हरेक एपिसोड में एक नई कहानी. ओम पुरी ने सभी एपिसोड में अलग अलग रोल निभाए थे. नीना गुप्ता, मीता वशिष्ट, नादिरा ज़ाहिरा बब्बर जैसी एक्ट्रेस थीं.
इरफ़ान ने रोल किया था 3 एपिसोड में. उनमें से एक एपिसोड था समरेश बसु की कहानी 'खुदा हाफ़िज़' पर. 24 मिनट का यह एपिसोड तो आज ही देख लीजिए -
6. चंद्रकांता (1994-96)
दूरदर्शन का यह फैंटसी सीरियल बेहद पॉपुलर रहा. यह देवकी नंदन खत्री के इसी नाम के उपन्यास पर बना था. 'चंद्रकांता' के रोल में थीं शिखा स्वरूप. कुंवर विरेंद्र विक्रम सिंह बने थे शाहबाज़ खान.
इरफ़ान का अहम रोल था - 'अय्यारों का अय्यार' बद्रीनाथ. उसके मुंहफट स्टाइल के सब दीवाने थे. बद्री के जुड़वा भाई सोमनाथ का रोल भी इरफ़ान ने निभाया था.

'चंद्रकांता' सीरियल के सीन में इरफ़ान
7. बनेगी अपनी बात (1993-1997)
ज़ी टीवी के इस सीरियल में कॉलेज की ज़िंदगी दिखाई गई थी. शेफ़ाली शाह, सुरेखा सीकरी, अमन खन्ना, आर माधवन जैसे एक्टर्स ने इसमें काम किया. 312 एपिसोड का यह सीरियल बहुत पॉपुलर रहा.
इरफ़ान ने इसमें किरदार निभाया था 'कुमार' का. जो कॉलेज जाने वाले टीनेजर 'विक्की' के पिता हैं. यह बहुत रोचक था क्योंकि इरफ़ान उस समय केवल 26 साल के थे. 'विक्की' का रोल करने वाले एक्टर ऋतुराज सिंह उनसे उम्र में 2-3 साल बड़े थे. लेकिन सीरियल बनाने वालों ने कुछ सोचकर ऐसा फैसला लिया था. फिर भी इरफ़ान रोल में पूरी तरह जम गए.

'बनेगी अपनी बात' सीरियल में इरफ़ान
8. जय हनुमान (1997)
डीडी मैट्रो पर टेलीकास्ट हुआ यह सीरियल संजय खान की पेशकश थी. यह हनुमान की ज़िंदगी पर बेस्ड था.
इरफ़ान एपिसोड 47 में नज़र आते हैं. ऋषि वाल्मीकि के रोल में. इस फोटो में आप शायद उन्हें पहचान भी नहीं पाएंगे.

'जय हनुमान' सीरियल में राज प्रेमी के साथ इरफ़ान
9. इन ट्रीटमेंट (2010)
यह एच.बी.ओ. की एक अमेरिकन टीवी सीरीज़ है. बिल्कुल अलग तरह की. इसमें मुख्य किरदार हैं 'पॉल'. वे दिमाग की बीमारियों का इलाज करने वाले डॉक्टर हैं. दवाइयों के बजाए मनोवैज्ञानिक तरीके अपनाने वाले साइको-थेरापिस्ट. वे उनके पास आने वाले मरीजों से बात करते हैं.
इसके सीज़न 3 में इरफ़ान दिखे 'सुनील' के रोल में. यह सीज़न 28 एपिसोड का था, जिनमें से सोमवार वाले 7 एपिसोड इरफ़ान वाली कहानी पर थे. 'सुनील' एक रिटायर्ड गणित के प्रोफ़ेसर हैं. इंडिया से अमेरिका आए हुए हैं. वे अपने बेटे और बहू के साथ रहते हैं. पत्नी की मृत्यु की वजह से दुखी हैं. बहू का व्यवहार भी उन्हें परेशान करता है. उनका ज़्यादा मन तो नहीं, लेकिन मदद के लिए डॉक्टर पॉल के पास चले ही जाते हैं. इरफ़ान वाले एपिसोड आप यूट्यूब
पर देख सकते हैं.
इस टीवी सीरीज़ में इरफ़ान की एक्टिंग देखकर डायरेक्टर 'रॉन हॉवर्ड' उनके फैन हो गए थे. बाद में उन्होंने अपनी फिल्म 'इंफर्नो' में इरफ़ान को एक रोल के लिए चुना.

'इन ट्रीटमेंट' के सीन में इरफ़ान
10. टोक्यो ट्रायल (2016)
यह टीवी सीरीज़ जापान के चैनल एन.एच.के. पर टेलीकास्ट हुई. यह इतिहास की सच्ची घटनाओं पर बेस्ड एक मिनीसीरीज़ है. दूसरे विश्व युद्ध में जापान ने जो वॉर क्राइम किए, उसके लिए 28 राजनैतिक और मिलिट्री लीडर पर मुक़दमे चलाए गए. अप्रैल 1946 में यह ट्रायल हुई. 11 देशों के न्यायधीश सुनवाई कर रहे थे. उनमें से एक थे इंडिया के राधाबिनोद पाल.
इरफ़ान ने इन न्यायधीश का रोल निभाया है. आप यह सीरीज़ नेटफ्लिक्स इंडिया
पर देख सकते हैं.

'टोक्यो ट्रायल्स' के एक सीन में इरफ़ान
इरफ़ान ने रियलिटी टीवी में भी काम किया. वे 'क्या कहें', 'मानो या ना मानो', 'डॉन' और 'रोडीज़ सीज़न 7' के होस्ट रहे.
वीडियो देखें - इरफ़ान का वो इंटरव्यू जिसमें पत्नी, बच्चे और उनके बचपन का प्यारा किस्सा मौजूद है