The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Entertainment
  • Vicky Kaushal Life Story before Chhaava, how he was Anurag Kashyap AD, got into acting

कहानी विकी कौशल की, जो 'छावा' में गदर मचाने से पहले चौल में रहे, जेल जाना पड़ा!

एक बार Vicky Kaushal अपने किरदार में इतना घुस गए कि रीमोट मारकर एक्ट्रेस का सिर फोड़ दिया था.

Advertisement
vicky kaushal life story, chhaava, anurag kashyap, sham kaushal
विकी ने अनुराग कश्यप को 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' पर असिस्ट किया था.
pic
यमन
7 मार्च 2025 (Published: 08:51 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

Uri The Surgical Strike के डायरेक्टर Aditya Dhar, Vicky Kaushal के साथ एक और फिल्म बनाना चाहते थे. ये एक ऐम्बिशियस प्रोजेक्ट होने वाला था. नाम था The Immortal Ashwatthama. आदित्य और विकी ने फिल्म की तैयारी शुरू कर दी. फिर अचानक से खबर आती है कि इस फिल्म को बंद कर दिया गया है. दबी-दबी आवाज़ में मीडिया रिपोर्ट्स ने छापना शुरू किया कि प्रोड्यूसर्स विकी पर इतना पैसा इंवेस्ट नहीं करना चाहते. उन्हें चिंता थी कि वो फिल्म बजट रिकवर नहीं कर पाएगी. विकी फिल्म से दूर हो गए.

फिर आया साल 2025. Chhaava रिलीज़ होती है. सबके अनुमान, उम्मीदों को पलट के धर देती है. फिल्म में विकी ने छत्रपति संभाजी महाराज का रोल किया. ये दुनियाभर से 600 करोड़ रुपये से ज़्यादा कमा चुकी है. अभी भी कमा ही रही है. ‘छावा’ के बाद फिल्म इंडस्ट्री से लेकर ऑडियंस तक, सभी का विकी को लेकर नज़रिया बदला है. मगर विकी की कहानी सिर्फ ‘छावा’ से शुरू नहीं होती. यहां तक पहुंचने में वो जेल गए, इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ी, चौल में रहे. विकी की लाइफ को थोड़ा करीब से जानते हैं.

# ‘प्रिज़न ब्रेक’ का डायलॉग सुनाया और नौकरी मिल गई

विकी का जन्म मलाड के एक चौल में हुआ था. उनके पिता श्याम कौशल फिल्मों में एक्शन डायरेक्टर थे. इससे पहले वो स्टंट डबल का काम भी करते थे. विकी याद करते हैं कि घर में फिल्मों की बातें नहीं होती थी. पहली बार फिल्म सेट के दर्शन तब नसीब हुए जब उम्र करीब 10 साल हो गई थी. ये फिल्म ‘फिज़ा’ थी. ऋतिक रोशन की फिल्म. ‘आ धूप मलूं मैं तेरे हाथों पर’ गाने वाली फिल्म. खैर चूंकि ऋतिक, विकी के फेवरेट एक्टर थे इसलिए वो पिता के साथ गए. अपने फेवरेट हीरो से मिले. शूटिंग देखी. लोगों को एक ही चीज़ दर्जनों बार करते देखा. सारा उत्साह हवा हो गया और वो ऊब गए. तब इस बात का रत्ती भर एहसास नहीं था कि भविष्य में ‘कर्मा’ उनके साथ उनो रीवर्स करने वाला है.

विकी ने आगे अपनी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने मुंबई के राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की. कॉलेज में फेस्ट आयोजित किए जाते. विकी ने वहां नाटक करना शुरू कर दिया. वो बताते हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई में उनका कोई खास मन नहीं लगता था. ऐसे में एक्टिंग उन्हें व्यस्त रखता था. आमतौर पर ऐसे पल की कहानी सुनी जाती है जहां से इंसान की ज़िंदगी दो धड़ों में बंट गई. बिना गया गए उसे बोध हो जाता है कि यार अभी की बनी-बनाई व्यवस्था से निकलना है. विकी के केस में वो इंडस्ट्रियल विज़िट थी. एक बार कॉलेज में उनके बैच को किसी IT इंडस्ट्रियल विज़िट के लिए ले जाया गया. उस विज़िट के दौरान विकी ने देखा कि इंजीनियर्स कैसे काम कर रहे थे. खुद को उस हालत में इमैजिन किया. तुरंत मन की आवाज़ ने जवाब दिया कि ये काम तुमसे ना हो पाएगा. यहां इंजीनियरिंग के खिलाफ बगावत की पहली नींव पड़ चुकी थी. उसे पुख्ता होने में अभी समय था.

vicky kaushal audition
ऑडिशन के दिनों में विकी कौशल.

कॉलेज के कैम्पस प्लेसमेंट आए. ये वो वक्त होता है जब कंपनियां कॉलेज आती हैं. स्टूडेंट्स के इंटरव्यू लेती हैं और उन्हें नौकरी के लिए चुनती हैं. इसी दौरान विकी ने नौकरी का पहला इंटरव्यू दिया. पता चला कि इंटरव्यू में टेक्निकल स्किल्स पर बात नहीं करेंगे, बस आपका कॉन्फिडेंस देखा जा रहा है.

Huffington Post को दिए इंटरव्यू में विकी याद करते हैं कि वो नॉन-सीरियस होकर ये इंटरव्यू देना चाहते थे. टीवी सीरीज़ ‘प्रिज़न ब्रेक’ में एक मिलती-जुलती सिचुएशन थी. विकी ने उस सीन के डायलॉग याद किये और बस इंटरव्यू में सुना डाले. इन डायलॉग्स ने शो के किरदार के लिए भी काम किया और विकी के लिए भी. उन्हें नौकरी मिल गई थी.  

# “मैं तुम्हें काम नहीं दिलवाने वाला” 

इंजीनियरिंग के दिनों में ही विकी ने फैसला कर लिया था कि वो फिल्म इंडस्ट्री में ही काम करेंगे. उन्हें एक्टिंग करनी थी. उनका परिवार इस बात के खिलाफ था. वो चाहते थे कि विकी इंजीनियरिंग करें और उसके बाद अमेरिका से पोस्ट-ग्रैजुवेशन करें. बेसिकली वो चाहते थे कि बेटा एक स्टेबल IT जॉब करे. विकी एक पुराने इंटरव्यू में याद करते हैं,

“मेरे परिवार में किसी ने भी 9 टू 5 नहीं किया, जहां ऐसा हो कि आप सोमवार से शुक्रवार काम करें और शनिवार-रविवार को छुट्टी हो. जहां महीने के अंत में सैलरी आती हो. इसलिए मेरे पिता चाहते थे कि मैं ऐसा करूं. फिल्म इंडस्ट्री के फ्रैजाइल नेचर की वजह से वो नहीं चाहते थे कि मैं यहां काम करूं. उन्होंने बहुत तकलीफें देखी हैं.”

विकी ने जब पिता से कहा कि एक्टर बनना चाहते हैं, तो पिता ने सबसे पहले कहा कि तुम मुझसे मदद की उम्मीद मत रखना. उनका कहना था,

“सबसे पहले मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि मैं तुम्हें काम नहीं दिलवाने वाला. मेरे अपने स्ट्रगल हैं. मैं एक छोटा-सा टेक्निशियन हूं. हर किसी का बेटा, भाई या बहन फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बनना चाहता है क्योंकि ये कल्चर बन गया है. उन्हें इसी दुनिया में बड़ा किया गया है. तो इसलिए ऐसा सोचने वाले तुम अकेले नहीं हो. अगर तुम इस सोच के साथ आ रहे हो कि तुम्हारे पिता इस इंडस्ट्री का हिस्सा हैं तो तुम्हें काम मिल जाएगा, तो मैं तुम्हें बता दूं कि ये तुम्हारा भ्रम है. अगर तुम अब भी इंडस्ट्री में जाना चाहते हो तो बिल्कुल जाओ. इस परिवार को आज जो भी मिला है वो इस इंडस्ट्री की बदौलत ही है. लेकिन ये तुम्हारी अपनी जंग होने वाली है. मैं एक पिता के तौर पर हमेशा तुम्हारे साथ हूं, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री का मेम्बर होने के नाते कभी नहीं.”

# “पांच साल बाद आप लोग मेरे पोस्टर देखेंगे”

24 जुलाई 2009 की तारीख को विकी कौशल किशोर नमित कपूर (KNK) की एक्टिंग क्लासेज़ जॉइन की. उस समय उनकी उम्र 22 साल थी. विकी ने एक्टिंग क्लास इसलिए जॉइन नहीं की थी कि उन्हें एक्टिंग का पूरा प्रोसेस समझना था. वो बस ये देखना चाहते थे कि क्या वो एक्टिंग को करियर ऑप्शन की तरह अपना सकते हैं, क्या ये ऐसा काम है जिसे वो पूरी ज़िंदगी करते रहें और परेशान ना हों. कोर्स के शुरुआत में वॉर्म-अप के लिए सभी स्टूडेंट्स से पूछा गया कि वो आज से पांच साल बाद खुद को कहां देखते हैं. विकी का जवाब था,

“मैं ये कोर्स इसलिए कर रहा हूं ताकि मुझे कैमरा के पीछे का अनुभव मिले. मैं जानना चाहता हूं कि एक फिल्म कैसे बनती है. मैं कुछ सालों तक थिएटर करना चाहता हूं. मैं ऑडिशन भी देता रहूंगा. लेकिन अगले पांच या छह साल में आप लोग मूवी हॉल में मेरे पोस्टर देखेंगे.”

विकी ने 24 जुलाई 2009 को एक्टिंग इंस्टिट्यूट जॉइन किया था. इसके ठीक छह साल बाद यानी 24 जुलाई 2015 को उनकी पहली फिल्म ‘मसान’ रिलीज़ हुई.

# 500 लोगों से पिटने वाले थे, जेल गए

विकी ने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ पर अनुराग कश्यप को असिस्ट किया था. विकी फिल्म के सेकंड यूनिट पर काम कर रहे थे. शूट के दौरान उन लोगों को चुपचाप खनन माफिया के कुछ विज़ुअल निकालने थे. विकी और उनके साथ एक कैमरा ऑपरेटर ये काम करने वाले थे. उन लोगों ने देखा कि वहां एक या दो नहीं, बल्कि करीब 500 ट्रक खड़े थे. वो लोग चुपचाप शूट करने लगे. तभी कुछ लोग वहां धमक गए और उन्हें घेर लिया. उनके कैमरा ऑपरेटर की उम्र करीब 50 साल थी. कैमरा ऑपरेटर ने फिल्म की दूसरी यूनिट को फोन लगाया. उन गुंडों को लगा कि वो किसी रसूखदार आदमी को फोन कर रहे हैं. उनमें से किसी ने कैमरा ऑपरेटर को थप्पड़ मार दिया. कैमरा छीन लिया. धमकाने लगे कि तुम्हारा कैमरा तोड़ देंगे. विकी और वो पिटने ही वाले थे. किसी तरह हाथ-पैर जोड़कर वो वहां से निकले और अपनी जान बचाई.

‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने विकी को झोलाभर के यादें दी हैं. उनमें से कुछ ऐसी थी जिन पर आज उन्हें हंसी आती होगी, लेकिन उस समय किसी ट्रॉमा जैसी थीं. इस फिल्म पर काम करने के दौरान ही विकी को पहली बार जेल जाना पड़ा था. अनुराग कश्यप ने ‘द कपिल शर्मा शो’ पर ये किस्सा सुनाया था. अनुराग ने बताया,

“वासेपुर के टाइम एक बार विकी कौशल जेल गया था. हम लोग कैमरा लेकर कहीं भी घुस जाते हैं. फिल्म में इल्लीगल सैंड माइनिंग के कुछ शॉट्स थे, वो क्रिएट नहीं किए थे. वो असली थे. तो हम लोग घुस गए. उस चक्कर में विकी कौशल और श्लोक शर्मा (अनुराग के असिस्टेंट थे जिन्होंने आगे 'हरामखोर' डायरेक्ट की थी) को जेल जाना पड़ा था.”

# रीमोट से एक्ट्रेस का सिर फोड़ दिया

‘मसान’ में डेब्यू करने से पहले विकी ने कुछ और प्रोजेक्ट्स में भी काम किया था. इसमें वासन बाला की शॉर्ट फिल्म Geek Out, Michael Winterbottom की ‘तृष्णा’, ‘लव शव ते चिकन खुराना’ शामिल थीं. विकी ने अनुराग कश्यप की ‘बॉम्बे वेल्वेट’ में भी एक छोटा-सा रोल किया था. ‘बॉम्बे वेल्वेट’ में विकी का किरदार DCP बेज़िल केन (Basil Kane) पर आधारित था. उनके किरदार का नाम भी बेज़िल ही था. DCP बेज़िल वो शख्स थे जिन्होंने असली ‘रमन राघव’ वाले केस पर काम किया था. अनुराग का प्लान था कि वो ‘बॉम्बे वेल्वेट’ को एक ट्रिलजी की तरह बनाएंगे. दूसरी फिल्म विकी के किरदार बेज़िल पर केंद्रित होती. मगर रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा स्टारर ‘बॉम्बे वेल्वेट’ पिट गई और ये प्लान बदलना पड़ा.

vicky kaushal raman raghav
‘रमन राघव 2.0’ के एक सीन में विकी कौशल.

दूसरी ओर फिल्म इंडस्ट्री में ‘मसान’ की वजह से विकी की तारीफ हो रही थी. उनके पास लगातार फिल्मों के ऑफर आने लगे. मगर दिक्कत ये थी कि उन सभी में उनका रोल उत्तरप्रदेश या बिहार के किसी लड़के का होता. वो ‘मसान’ के बाद स्टीरियोटाइप नहीं होना चाहते थे. तब उन्हें खबर मिली कि अनुराग कश्यप ‘रमन राघव 2.0’ नाम की फिल्म बना रहे हैं. वो अनुराग से मिले. अनुराग ने कहा कि फिल्म में एक पुलिसवाले का कैरेक्टर है लेकिन वो तुमसे पूरी तरह जुदा है. अनुराग को यकीन नहीं था कि विकी ये रोल कर पायेंगे. फिर भी उन्होंने स्क्रीन टेस्ट करने को कह दिया. विकी ने टेस्ट दिया और सिलेक्ट हो गए. 21 दिन के सिंगल शेड्यूल में ‘रमन राघव 2.0’ लगातार शूट हुई. शूटिंग के दौरान खुद को उस डार्क स्पेस में रखने के लिए विकी ने अपने परिवारवालों से बात करना बंद कर दिया. दोस्तों से नहीं मिलते थे.

विकी ने फिल्म में राघवन नाम के पुलिस ऑफिसर का रोल किया था. ये सनकी किस्म का आदमी था. ड्रग्स करता था. पिता (विपिन शर्मा) को धमका देता. विकी बताते हैं कि ये किरदार उनके लिए बहुत मुश्किल था, क्योंकि आप अपने किरदार को जज करने लगते हैं. एक दिन वो शोभिता धुलिपाला के साथ एक सीन शूट कर रहे थे. फिल्म में शोभिता उनकी गर्लफ्रेंड बनी थीं. दोनों में किसी बात पर बहस होती है और विकी को गुस्से में शोभिता की तरफ कुछ सामान फेंकना था. सीन में विकी ने बिना देखे शोभिता की तरफ एक रीमोट फेंक दिया. उन्हें एहसास नहीं हुआ कि वो रीमोट शोभिता के चेहरे पर जाकर लगा और खून बह रहा था. विकी घबरा गए. जैसे उनके पांव जम से गए. तुरंत अपने कैरेक्टर के ज़ोन से बाहर निकल गए.

# बेटे को आग लगानी थी, पिता घबरा गए

शाहरुख खान ने साल 2023 की शुरुआत ‘पठान’ से की. उसका समापन राजकुमार हीरानी की ‘डंकी’ से हुई. हालांकि क्रिटिक्स का मानना है कि ये राजकुमार हीरानी की सबसे कमज़ोर फिल्मों में से एक थी. मगर एक बात पर सब सहमति रखते हैं, कि विकी कौशल फिल्म के सबसे मज़बूत फैक्टर थे. ‘डंकी’ में एक सीन है जहां विकी का किरदार खुद को आग लगा लेता है. ये फिल्म के उन चुनिंदा सीन्स में से एक था जहां इमोशन आकर आपको हिट करता है. ‘डंकी’ के एक्शन डायरेक्टर विकी के पिता श्याम कौशल थे. फ्राइडे टॉकीज़ नाम के यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में श्याम बताते हैं कि ये सीन उनके लिए बहुत मुश्किल था. उन्हें बहुत घबराहट थी.

श्याम ने बताया कि ये सीन ओरिजनली ऐसा नहीं था. राजकुमार हीरानी चाहते थे कि आगे लगने के बाद विकी का किरदार सुक्खी दौड़ने लगता है. मगर श्याम को लगा कि ऐसे ये सीन असरदार साबित नहीं होगा. स्टंट लगने लगेगा. अगर लोग देखेंगे कि किरदार भाग रहा है तो जुड़ाव महसूस नहीं कर सकेंगे. उन्होंने सुझाव दिया कि सुक्खी को वहीं ठहर जाना चाहिए. राजकुमार हीरानी को उनकी सलाह सही लगी. सीन उसी तरह से शूट हुआ. इस पूरे सीन के दौरान श्याम बहुत नर्वस थे. श्याम याद करते हैं कि हीरानी ने उनसे कहा था कि मैंने आपको आज तक कभी इतना चिंतित और घबराया हुआ नहीं देखा.

# ‘छावा’ के लिए रोहित शेट्टी की बड़ी फिल्म छोड़ दी

‘छावा’ के लिए विकी कौशल ने सिर्फ लड़ना-घुड़सवारी जैसी चीज़ें ही नहीं सीखीं. उन्होंने ज़्यादा बड़ी कुर्बानियां भी दी हैं. उनमें से एक थी रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सिंघम अगेन’. कास्ट में अजय देवगन, अक्षय कुमार, करीना कपूर खान, दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह, टाइगर श्रॉफ और अर्जुन कपूर जैसे नाम थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म में टाइगर श्रॉफ वाला रोल पहले विकी को ऑफर किया गया था. विकी फिल्म को लेकर उत्साहित भी थे. लेकिन फिर मामला गड़बड़ा गया.

बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट की मानें तो ‘सिंघम अगेन’ और ‘छावा’ की डेट आपस में क्लैश कर रही थीं. ‘छावा’ के लिए विकी का लुक तय हो चुका था. उन्हें अपने वजन बढ़ाना था. लंबी दाढ़ी रखनी थी. समस्या ये थी कि वो उस लुक को ‘सिंघम अगेन’ में इस्तेमाल नहीं कर सकते थे. ऐसे में विकी ने पुरजोर कोशिश की कि कोई बीच का रास्ता निकल सके. लेकिन ये नहीं हो सका. ऐसे में विकी ने ‘सिंघम अगेन’ के साथ ‘जा सिमरन जा’ करना ही बेहतर समझा.

# विकी के सबसे दमदार रोल

विकी ने नीरज घेवान की फिल्म ‘मसान’ से फुल-फ्लेज्ड डेब्यू किया था. ये अपने आप में एक स्टेटमेंट था कि वो भविष्य में कैसे चुनाव करने वाले हैं. ऐसा नहीं है कि उन्होंने आर्ट सिनेमा के ध्वज-वाहक का रोल अपनाया हो. उन्होंने अपने करियर में घनघोर कमर्शियल फिल्में भी की. मगर उनकी तारीफ इस बात पर होती है कि कैसे उन्होंने आर्ट और कॉमर्स के बीच का सही बैलेंस बनाने की कोशिश की. उनकी फिल्मोग्राफी से कुछ दमदार रोल्स के बारे में जानते हैं,

i). राज़ी: मेघना गुलज़ार फिल्म की डायरेक्टर थीं. ये हरिंदर सिंह सिक्का की किताब ‘कॉलिंग सहमत’ पर आधारित थी. फिल्म में आलिया भट्ट ने सहमत सय्यद का रोल किया जो इंडियन इंटेलीजेंस सर्विस की तरफ से पाकिस्तान जाती हैं. वहां जाकर इंडिया के लिए जासूसी करती हैं. उनके पति इकबाल सय्यद का रोल विकी ने किया था. इकबाल पाकिस्तानी आर्मी के ऑफिसर थे. फिल्म में एक सीन है जहां इकबाल को अपनी पत्नी की असलियत मालूम पड़ जाती है. पत्नी से प्रेम है लेकिन देश के प्रति फर्ज़ का आभास भी है. ये सीन आपको दर्शा देगा कि विकी किस मयार के एक्टर हैं.

ii). सरदार उधम सिंह: शूजीत सरकार की फिल्म. पहले वो इसे इरफान के साथ बनाना चाहते थे. लेकिन ये सिर्फ ख्वाब बनकर रह गया. विकी ने इस रोल की ज़िम्मेदारी को समझा और डिलीवर किया. फिल्म का क्लाइमैक्स इतना भयावह था कि स्क्रीन ब्लैक आउट होने के बाद आप एक बेचैनी महसूस करते हैं. ऐसी बेचैनी जिसे कहकर बयां नहीं किया जा सकता.

iii). संजू: ‘डंकी’ से पहले विकी ने राजकुमार हीरानी के साथ ‘संजू’ में काम किया था. ‘संजू’ में विकी ने कमलेश नाम के आदमी का रोल किया जिसे ‘कमली’ भी पुकारते हैं. कमली, संजू का दोस्त होता है. विकी का किरदार संजय दत्त के तीन-चार दोस्तों पर आधारित था. लेकिन मुख्य रूप से वो संजय दत्त के दोस्त परेश घेलानी से प्रेरित था.                              

वीडियो: विक्की कौशल की 'छावा' के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ने 'उरी' का रिकॉर्ड तोड़ दिया है

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स

Advertisement