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वेब सीरीज़ रिव्यू- अनपॉज़्ड: नया सफर

इस सीरीज़ की सभी 5 कहानियों में एक चीज़ कॉमन है- सबकुछ बेहतर हो जाने की उम्मीद.

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सीरीज़ की आखिरी फिल्म 'वैकुंठ' के एक सीन में डायरेक्टर और एक्टर नागराज मंजुले.
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श्वेतांक
21 जनवरी 2022 (Updated: 21 जनवरी 2022, 09:07 PM IST) कॉमेंट्स
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एमेज़ॉन प्राइम वीडियो पर Unpaused: Naya Safar नाम की एंथोलॉजी सीरीज़ रिलीज़ हुई है. Unpaused का ये सीज़न दूसरा है. शो के पिछले सीज़न में पैंडेमिक के दौरान एकाकीपन और पर्सनल लेवल पर आने वाली दिक्कतों पर फोकस था. मगर ये सीज़न कोविड-19 के दौरान अलग-अलग बैकग्राउंड के नौकरीपेशा लोगों की कहानी दिखाती है. उनकी समस्याओं पर बात करती है. इसलिए बहुत रिलेटेबल लगती है. इन सभी कहानियों में एक चीज़ कॉमन है- सबकुछ बेहतर हो जाने की उम्मीद.
1) इस सीरीज़ पहली स्टोरी है- The Couple
नुपुर अस्थाना डायरेक्टेड ये फिल्म वर्क फ्रॉम होम करने वाले कपल डिप्पी और अक्कू की कहानी दिखाती है. अक्कू एक बड़ी कंपनी में काम करती है. मगर पैंडेमिक का हवाला देकर उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है. अक्कू की नौकरी जाने का असर उस कपल के रिश्ते पर पड़ने लगता है. इगो क्लैशेज़ होते हैं. फ्रस्ट्रेशन बाहर आने लगती है. मगर वो एक-दूसरे पर गिव-अप नहीं करते. एक छोटी सी कोशिश उनके बीच की सभी खाइयों को पाट देती है. देखने वाले पाठ देती है. कि एक छोटी कोशिश से बड़े-बड़े मसले हल हो सकते हैं.
सीरीज़ की फिल्म 'द कपल' के एक सीन में प्रियांशु पेंयुली और श्रेया धनवंतरी.
सीरीज़ की पहली फिल्म 'द कपल' के एक सीन में प्रियांशु पेंयुली और श्रेया धनवंतरी.


इस कहानी को देखते हुए आप बहुत रिलेट करते हो. उसके स्वीटनेस वाले भाव तक पहुंचते हो. एक बार को उस पर यकीन भी कर लेते हो. मगर उस कहानी का हिस्सा नहीं बन पाते. The Couple बड़ी मेड-अप और अखबारी खबरों से प्रेरित लगती है. शायद बनाने वालों की ये मंशा न रही हो, मगर इसके किरदार अपने प्रिविलेज को लेकर बड़े इग्नोरेंट बिहेव करते हैं. जब पूरी कहानी का बैकड्रॉप सोशल है, ऐसे में ये थोड़ी पर्सनल हो जाती है. इस फिल्म में प्रियांशु पेंयुली और श्रेया धनवंतरी ने लीड रोल्स किए हैं.
2) सीरीज़ की दूसरी स्टोरी है- War Room
अयप्पा केएम मशहूर एड फिल्ममेकर रह चुके हैं. ये उनकी पहली फिल्म है. कहानी है संगीता नाम की एक स्कूल टीचर की, जो कोविड-19 में लोगों की मदद के लिए बने वॉर रूम में काम कर रही है. उसका काम मदद के लिए आ रहे फोन उठाकर उन्हें अस्पताल बेड्स मुहैया करवाना है. मगर इसी दौरान उसे एक ऐसे व्यक्ति के परिवार से फोन आता है, जिससे उसका कुछ पुराना कनेक्शन है. जिस आदमी को वो अपने बेटे की मौत का ज़िम्मेदार मानती है, उसे मदद की ज़रूरत है. ऐसे में संगीता के पास दो ऑप्शंस हैं- # इस मुश्किल वक्त में सारे वैर भूलाकर उस व्यक्ति की मदद करे या #अपना बदला पूरा करे. संगीता क्या चुनेगी?
वॉर रूम में फोन कर रहे लोगों की मदद करने की कोशिश करती संगीता.
वॉर रूम में फोन कर रहे लोगों की मदद करने की कोशिश करती संगीता.


'वॉर रूम' में गीतांजली कुलकर्णी जैसी फायरक्रैकर एक्ट्रेस ने संगीता वाघमारे का रोल किया है. आप इस फिल्म के शुरू होते ही, इसके साथ जुड़ जाते हैं. संगीता की दिनचर्या का हिस्सा बन जाते हैं. धीरे-धीरे टेंशन बिल्ड होना शुरू होता है. मगर अच्छे खासे बिल्ड-अप के बाद वो टेंशन कब डाइल्यूट हो जाता है, पता ही नहीं चलता. ये कहानी जैसे खत्म होती है, उसका मर्म समझ नहीं आता. आप द्वंद में फंस जाते हो कि इसे नेगेटिवली लें या नहीं. क्योंकि वो पॉज़िटिव तो नहीं लगती.
3) सीरीज़ की तीसरी कहानी का नाम है- तीन तिगाड़ा
'तीन तिगाड़ा' को डायरेक्ट किया है 'लिटल थिंग्स' फेम रुचिर अरुण ने. ये तीन चोरों की कहानी है, जो लूट का माल एक सूनसान इलाके में खाली पड़ी फैक्ट्री में छुपाने आए हैं. इनका बॉस नल्ली सामी उस माल के बिकने तक उन्हें वहीं रहने का ऑर्डर देता है. इन तीनों ही लड़कों- चंदन, अजीत और डिंपल की बैकस्टोरी है. चंदन की पत्नी प्रेग्नेंट है. मगर पैंडेमिक की वजह से वो उसके पास नहीं पहुंच पा रहा. वो थोड़े पैसे कमाने कि लिए इस चोरी-चकारी के काम में पड़ा है. अजीत का बचपन बड़ा ट्रॉमैटिक रहा है. वो उसे अपनी जवानी में ठीक करना चाहता है.  डिंपल, नल्ली सामी का आदमी है. वो सिर्फ उन दोनों के साथ इसलिए क्योंकि उसे लगता है कि वो तीनों एक टीम हैं.
जैसे-तैसे पुलिस से बच-बचाकर निकलते तीनों चोर.
जैसे-तैसे पुलिस से बच-बचाकर निकलते तीनों चोर.


'तीन तिगाड़ा' पैंडेमिक को नेपथ्य रखकर बुनी गई एंटरटेनिंग स्टोरी है. मगर इसे देखने लायक बनाते हैं इसके तीनों लीड एक्टर्स. साकिब सलीम ने चंदन, सैम मोहन ने अजीत और आशीष वर्मा ने डिंपल के रोल्स किए हैं. आशीष वर्मा, पिछले दिनों 'अतरंगी रे' में दिखे थे. उन्हें स्क्रीन पर देखते हुए मज़ा आता है. ये कहानी कई सारे मैसेज एक साथ देना चाहती है. उसमें से कुछ मैसेज सही से डिलीवर हो जाते हैं, तो कुछ रह जाते हैं.
4) सीरीज़ की चौथी कहानी है- गोंद के लड्डू
शिखा माकन डायरेक्टेड ये फिल्म बहुत स्वीट लगती है. मगर सबसे ज़रूरी बात ये कि इसका पैंडेमिक से कुछ खास लेना-देना नहीं है. ये एक डिलीवरी बॉय की कहानी है, जिसे अपनी सारी डिलीवरी पूरी करके पांच स्टार रेटिंग पानी है. वरना उसकी नौकरी चली जाएगी. दूसरी तरफ एक मां है, जो दूर शहर में रहने वाली बेटी तक अपने हाथ से बने गोंद के लड्डू भिजवाना चाहती है. ये दो कहानियां जब साथ आती हैं, तो ऐसा लगता है मानों हम कोई ऐड फिल्म देख रहे हैं.
सारे फसाद की जड़ ये गोंद के लड्डू ही हैं.
सारे फसाद की जड़ ये गोंद के लड्डू ही हैं.


'गोंद के लड्डू' ऐसी फिल्म है, जिसका मैसेज बहुत सुंदर और पॉज़िटिव है. मगर वो इस एंथोलॉजी सीरीज़ में होने की शर्तें पूरी नहीं कर पाती. ये खुद को पैंडेमिक से पुख्ता तौर पर जोड़ नहीं पाती. तिस पर इसका ऐड फिल्म वाला फील इसके अगेंस्ट चला जाता है. हालांकि इसे आसानी से एक स्वीट स्टैंड अलोन शॉर्ट फिल्म के तौर पर देखा जा सकता है.
5) अनपॉज़्ड- नया सफर सीरीज़ की आखिरी कहानी है- वैकुंठ
'वैकुंठ' शमशान घाट में लाशें जलाने का काम करने वाले विकास चवन की कहानी है. विकास सिंगल पैरेंट है. उसका एक छोटा सा बेटा है, जो स्कूल में पढ़ता है. उसके पिताजी कोविड-19 की चपेट में आकर अस्पताल पहुंच चुके है. ऐसी स्थिति में उसका मकान मालिक उसे घर खाली करने को कह देता है. क्योंकि विकास के पापा को कोविड-19 है. विकास अपने बेटे को लेकर शमशान में ही शिफ्ट हो जाता है. जिस अस्पताल में उसके पिता ऐडमिट है, वहां से रोज एंबुलेंस कई सारी लाशें लेकर शमशान आती हैं. विकास रोज सस्पेंस भरी लाइफ जी रहा है. मगर इसके अंत में सबकुछ अच्छा हो जाता है. कैसे? वो जानने के लिए आपको ये फिल्म देखनी चाहिए. मेरा पर्सनल ओपिनियन है कि अगर आप ये पूरी एंथोलॉजी नहीं देखना चाहते, तब भी आपको इसकी पांचवी फिल्म 'वैकुंठ' ज़रूर देखनी चाहिए.
शमशान में लाशे जलाने के लिए ले जाता विकास. ये फिल्म दिखने में भी बहुत सुंदर है.
शमशान में लाशे जलाने के लिए ले जाता विकास. ये फिल्म दिखने में भी बहुत सुंदर है.


फैंड्री और सैराट जैसी फिल्में बना चुके नागराज मंजुले ने इस फिल्म में विकास चवन का रोल किया है. इस फिल्म के डायरेक्टर भी वो खुद हैं. 'वैकुंठ' बड़ी सिंपल स्टोरी है. मगर जिस तरह से ये घटती है, वो चीज़ आपकी सांस अटकाकर रखती है. ये इस सीरीज़ की सबसे मजबूत और मूविंग स्टोरी है. आपको दिखता है कि जब एक फिल्ममेकर को अपने क्राफ्ट पर कमांड हो, तो वो एक साधारण सी स्टोरी को भी कितना कमाल बना सकता है. प्लस ये फिल्म जैसे खत्म होती है, वो इस एंथोलॉजी सीरीज़ से आपकी सारी शिकायतें दूर कर देती है. पॉज़िटिविटी से भर देती है. और दिल खुश करती है, सो अलग.

Unpaused: Naya Safar को आप एमेज़ॉन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम कर सकते हैं.


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