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"उस लड़की ने 'एनिमल' में बॉबी देओल को हॉट कहा, मुझे बहुत गुस्सा आ गया"

Swanand Kirkire का कहना है कि एक तरफ हिंदी सिनेमा हमें स्त्री को नई रोशनी में देखना सिखा रहा था. दूसरी तरफ हम Animal की शान में कसीदे पढ़ रहे थे.

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स्वानंद ने 'एनिमल' के रिलीज़ के बाद ट्विटर पर इसकी आलोचना की थी. संदीप रेड्डी वांगा की तीखी प्रतिक्रिया भी आई थी.
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अंकिता जोशी
21 अप्रैल 2025 (Published: 07:17 PM IST) कॉमेंट्स
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Animal फिल्म के बाद Bobby Deol के करियर की दशा-दिशा बदल गई. जो एक्टर सालों से बेकाम था, अचानक उसके पास फिल्मों की लाइन लग गई. ‘एनिमल’ में उनके किरदार को लाखों लोगों ने सराहा मगर Swanand Kirkire उनसे इत्तेफाक़ नहीं रखते. हाल ही में स्वानंद The Lallantop के खास कार्यक्रम Guest in the Newsroom में आए, तो उन्होंने अपनी ये असहमति बेबाकी से रखी. Sandeep Reddy Vanga की 'एनिमल' के कई संवादों का विरोध किया. फिल्म में अल्फा मेल की जो व्याख्या की गई है, उससे भी उन्होंने अस‍हमति जताई. स्वानंद ने कहा,

"महबूब खान की 'औरत', गुरु दत्त की 'साहिब, बीबी और गुलाम' से लेकर विकास बहल की 'क्वीन' और शूजित सरकार की 'पीकू' तक. इन फिल्मों ने हमें स्त्री को देखने का सलीका सिखाया. एक उदार और उचित दृष्टिकोण दिया. हिंदी सिनेमा हमें महिलाओं को नई रोशनी में देखना सिखा रहा था. इंदौर से आने वाले मुझ जैसे पुरुष ये समझ रहे थे कि जेंडर इक्वॉलिटी असल में होती क्या है. अनुराग कश्यप की 'देव डी' में भी औरत को इंडिपेंडेंट दिखाया गया है. और फिर एक आदमी 'एनिमल' बनाता है, और हम उसे स्वीकार कर लेते हैं. मेरी समस्या फिल्म के बनने से नहीं, उसे मिली अपार स्वीकृति से है."  

स्वानंद ने एक किस्सा सुनाया, जो उन्हें विचलित कर गया. जिसे याद कर उन्हें आज भी गुस्सा आ जाता है. स्वानंद ने बताते हैं,

“मुझे याद है जिस दिन मैंने ये फिल्म देखी, मैं एक लड़की से मिला. उसने कहा उसने ये फिल्म दो बार देख ली. उसने फिल्म में बॉबी देओल को 'हॉट' बताया. कहा- 'बॉबी देओल इज़ सो हॉट'. संदीप रेड्डी वांगा ने पुरुषार्थ के हर स्वरूप को ठुकराकर उसके सबसे विषैले स्वरूप का बखान किया है. उसका महिमामंडन किया है.”

कव‍ि और लेखक के तौर पर भी स्वानंद को ‘एनिमल’ के कई संवादों पर ऐतराज़ है. उन्होंने उस सीन की याद दिलाई, जिसमें रणविजय (रणबीर कपूर) गीतांजलि (रश्मिका मंदन्ना) को बताता है कि पहले ज़्यादातर अल्फा मेल्स थे. जो अल्फा नहीं थे और असुरक्षा की भावना से ग्रसित थे. जो अल्फ़ा नहीं बन सकते थे, वो कवि बन गए. स्वानंद ने कहा,

"मुझे इस पर भी आपत्ति नहीं है. मगर फिल्म में कहा गया है कि जो अल्फा मेल नहीं बन सकते थे, वो कवि बन गए. पोएट्री को फिल्म में इनसिक्योर पुरुषों की चॉइस बताई गई है. जबकि उसी पोएट्री के दम पर एनिमल में रणविजय को अल्फा मेल बताया गया. अरजन वैली गीत में जब वो सैकड़ों को मारता है, तब दृश्यों से ज्यादा रोमांच गाना और संगीत पैदा करता है. आपने एक डायलॉग में कविता को धता बता दिया. मगर सॉन्ग्स को दरगुज़र नहीं कर सके. इसके बाद संदीप रेड्डी वांगा एक बार फिर मुझसे नाराज़ हो जाएंगे. मगर ठीक है. कोई बात नहीं."  

स्वानंद ने 'एनिमल' की रिलीज़ के बाद ट्विटर पर इसकी कड़ी आलोचना की थी. संदीप रेड्डी वांगा की तरफ़ से भी तीखी प्रतिक्रिया आई थी. बहरहाल, स्वांनद के वर्क फ्रंट की बात करें, तो इन दिनों वो एक फिल्म लिख रहे हैं जिसके तार उनके कॉलेज के दोस्त जीवन से जुड़े हैं. जीवन ने उन्हें कपड़ों की अच्छी इस्त्री करना सिखाया था. 

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