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मूवी रिव्यू - स्त्री 2

क्या Rajkummar Rao और Shraddha Kapoor की Stree 2 पहले पार्ट के साथ न्याय कर पाई?

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stree 2 movie review
फिल्म के हॉरर सीन्स के साथ एक मसला ये है कि वो गैर-ज़रूरी रूप से लाउड हैं.
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यमन
15 अगस्त 2024 (Updated: 17 अगस्त 2024, 08:43 AM IST)
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Stree 2 
Director: Amar Kaushik
Cast: Rajkummar Rao, Shraddha Kapoor, Pankaj Tripathi, Abhishek Banerjee, Aparshakti Khurana
Rating: 3.5 Stars 

Stree 2 की कहानी शुरू होती है चंदेरी गांव से. स्त्री गांव की रक्षा कर रही थी, लेकिन एक रात वो गांव को छोड़कर चली जाती है. उसकी गैर-मौजूदगी में वहां सरकटा नाम का भूत आ धमकता है. सरकटा रात को गांव की लड़कियों को अगवा करता है. वो उन्हें एक अलग डाइमेंशन में ले जाता है, ताकि उन तक कोई भी पहुंच ना सके. अब गांव की औरतों को बचाने की ज़िम्मेदारी ‘चंदेरी के रक्षक’ विक्की पर आ जाती है. वो स्त्री और अपने दोस्तों की मदद से सरकटा से कैसे लड़ता है, यही फिल्म की मोटा-माटी कहानी है. 

‘स्त्री 2’ को ओरिजनल फिल्म के डायरेक्टर अमर कौशिक ने ही बनाया है. राज एंड डीके ने इस यूनिवर्स के किरदार रचे थे. वहीं दूसरे पार्ट को निरेन भट्ट ने लिखा है. वो इससे पहले ‘बाला’ और ‘भेड़िया’ जैसी फिल्में भी लिख चुके हैं. ये पार्ट बनाते हुए मेकर्स के सामने बड़ा चैलेंज था. पहले पार्ट की अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग थी. ‘बिकी प्लीज’ से लेकर ‘आंखों में प्यार से देखो, वो प्यार की भूखी है’ जैसे सीन खूब वायरल हुए थे. मेकर्स को मालूम था कि जनता की उम्मीदें कहां हैं, और उस हिसाब से उन्होंने बिल्कुल सेफ रास्ता चुना. उस रास्ते को शास्त्रों में फैन सर्विस कहा गया है. पहले पार्ट के फेमस सीन्स पर प्ले करते हुए मेकर्स ने जमकर फैन सर्विस की है. ‘बिकी प्लीज’ वाला सीन है. ‘आंखों में प्यार से देखो’ वाला सीन भी है. पिछले पार्ट में ‘कमरिया’ नाम का डांस नंबर है, इस बार उसकी जगह ‘आज की रात’ ने ले ली.

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निरेन भट्ट ने फिल्म की कॉमेडी को सेंसर नहीं किया. 

मेकर्स ने पुराने सीन्स को कॉल बैक ज़रूर दिया लेकिन नए ट्विस्ट के साथ. ये सीन एक-दूसरे की कॉपी पेस्ट नहीं लगते. नतीजतन आपको जनता की सीटियां और तालियां मिलती हैं. फिल्म ने ह्यूमर के मामले में खुद को सेंसर नहीं किया. एक जगह विक्की अपने दोस्त बिट्टू (अपारशक्ति खुराना) से कहता है कि तेरा नाम बिट्टू है तो तुझे तेरी गर्लफ्रेंड बिट्स बुलाती है, अच्छा है कि तेरा नाम टीटू नहीं है. एक जगह विक्की के पिता कहते हैं कि वर्जिन तेल अच्छा लगता है, मेल नहीं. आप आइडिया लगा सकते हैं कि इन डायलॉग्स पर किस कोने से हूटिंग हुई होगी. एक सीन है जहां विक्की और उसकी गैंग एक मेंटल हॉस्पिटल में जाते हैं. उसकी सेटिंग ऐसी है कि कैंसल कल्चर की कैंची खट से काटने को दौड़े. उस सीन को देखते हुए नब्बे के दशक की डेविड धवन की कोई फिल्म याद आती है. निरेन ने ऐसी कॉमेडी से कोई हिचकिचाहट नहीं रखी, और उसका नतीजा ये है कि कॉमेडी पंचेज़ को बम्पर रिस्पॉन्स मिला. उसके अलावा मेटा कमेंट्री को भी फिल्म में पर्याप्त जगह मिली है. एक जगह पंकज त्रिपाठी का किरदार रुद्र कहता है कि I am an old man. तब विक्की कहता है कि अरे आप तो अटल हो. पंकज त्रिपाठी ने इसी साल आई ‘मैं अटल हूं’ में अटल बिहारी वाजपेयी का रोल किया था.   

‘स्त्री 2’ को किसी इवेंट फिल्म की तरह बनाया गया है. फिल्म में हॉरर-कॉमेडी के अलावा मासी मोमेंट्स को पिरोने की कोशिश भी की गई. जैसे श्रद्धा कपूर का पहला प्रॉपर एंट्री सीन. उस एक्शन सीन में उनको फुल हीरो वाला ट्रीटमेंट मिला है. ये फिल्म के सबसे हाई पॉइंट्स में से एक था. दूसरी रही-सही कसर मेकर्स ने कैमियोज़ से निकाल ली. कुलमिलाकर ‘स्त्री 2’ एक फन और एंटरटेनिंग फिल्म है. बस इसकी तुलना पहले पार्ट से नहीं की जा सकती. तब मेकर्स ने बिना किसी दबाव कुछ ओरिजनल रचा था. सीक्वल के केस में उन्होंने पहले वाले मटेरियल को भुनाने की कोशिश की है. 

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श्रद्धा कपूर का एंट्री सीन फिल्म के सबसे हाई पॉइंट्स में से एक है.

एक्टर्स की बात करें तो राजकुमार राव ने अपनी कंसिस्टेंसी बरकरार रखी है. उनके किरदार विक्की की सबसे बड़ी खासियत है उसकी मासूमियत. राजकुमार बड़ी आसानी से वो पक्ष बाहर ला पाते हैं. एक सीन में चार तरह के एक्स्प्रेशन एक्टिंग का बार ऊपर ही ले जाते हैं. बाकी श्रद्धा कपूर, पंकज त्रिपाठी और अपारशक्ति खुराना के लिए कागज़ पर जितना लिखा गया, उतना वो डिलीवर कर देते हैं. यहां अभिषेक बैनर्जी की बात करनी ज़रूरी है. उन्होंने फिल्म में जना का रोल किया. जना होशियार किस्म का आदमी नहीं. विक्की और बिट्टू उसे आसानी से बेवकूफ बना देते हैं. अभिषेक की चाल से लेकर बात करने के लहजे तक, सब पर बड़े-बड़े अक्षरों में जना लिखा हुआ दिखता है. 

‘स्त्री 2’ के प्रेस शो से पहले ‘वेदा’ दिखाई गई थी. अभिषेक उस फिल्म में विलन बने थे. लेकिन दोनों फिल्मों में उनमें लेशमात्र समानता नज़र नहीं आती. ऐसा लगता है कि आप एक नाम के दो अलग-अलग लोगों को देख रहे हो. यही है एक सॉलिड एक्टर की पहचान. बाकी ‘स्त्री 2’ का हॉरर पक्ष हो या कॉमेडी, वो आपको एंगेज कर के रखेगी. ऐसी फिल्मों को इन्जॉय करने के लिए जनता सिनेमाघरों में जाती है.       
 

वीडियो: 'स्त्री 2' फिल्म सुबह-सुबह देखकर निकली जनता क्या बोली?

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